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उद्घाटन के बाद घोरघट पुल पर सरपट दौड़ रही हैं गाड़ियां, मुंगेर और भागलपुर से पटना पहुंचना हुआ आसान

बीते 10 फरवरी 2022 को मुंगेर में घोरघट पुल के उद्घाटन के बाद इस पर वाहन तेजी से चलने लगे हैं. इस पुल के बनने से मुंगेर से भागलपुर और भागलपुर से पटना (Easy To Reach Patna From Bhagalpur) की दूरी कम हो गई है. इससे लोगों को काफी सहुलियत हो रही है.

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Published : Feb 19, 2022, 2:25 PM IST

मुंगेरः 2006 में भागलपुर-मुंगेर सीमा पर स्थित मनी नदी पर बने पुल क्षतिग्रस्त होने के 16 साल बाद बने घोरघट पुल (Ghorghat Bridge in Munger) पर उद्घाटन के बाद गाड़ियां सरपट दौड़ने (Vehicle Operation Start On Ghorghat Bridge) लगी हैं. इस पुल पर आवागमन शुरू होने से भागलपुर से पटना का सफर भी आसान हो गया है. अब बड़े वाहनों को अतिरिक्त 50 से 70 किलोमीटर की दूरी तय करनी नहीं पड़ेगी. इस पुल के बनने से मुंगेर से भागलपुर और भागलपुर से पटना की दूरी कम हो गई है.

इसे भी पढ़ें- ..अब 5 घंटे में पटना पहुंचने का सपना होगा साकार, राजधानी को पूरे बिहार से जोड़ने में जुटा पथ निर्माण विभाग

घोरघट पुल भागलपुर मुंगेर सीमा पर बरियारपुर प्रखंड के घोरघट मनी नदी के पास स्थित है. इस पुल के शुरू होने से लोगों को भागलपुर-पटना के बीच 50 किलोमीटर का अतिरक्ति चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. दरअसल 2006 में मनी नदी पर बने पुराने पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद बेली ब्रिज बनाया गया था. लेकिन इस बेली ब्रिज से बड़े वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध था. बेली ब्रिज के कमजोर रहने और नए पुल के नहीं बनने से बड़ी गाडियां भागलपुर-पटना के बीच दोनों दिशाओं में अकबरनगर-असरगंज तारापुर-लखीसराय होकर चल रही थीं.

ये भी पढ़ेंः शुक्रवार को होगा मुंगेर-खगड़िया सड़क पुल का उद्घाटन, CM के साथ जुड़ेंगे नितिन गडकरी, घोरघट पुल का भी लोकार्पण

घोरघट पुल बनाने की जिम्मेदारी एनएच विभाग ने पहले पुल निर्माण निगम को दी थी. इससे पहले एनएच विभाग चड्डा एंड चड्डा कंपनी से पुल बनवा रहा था. सालभर में बनने वाला यह पुल 10 साल से अधूरा पड़ा था. इधर, पुल बनने में विलंब होने के कारण निर्माण की राशि 7.5 करोड़ से बढ़कर 11.5 करोड़ हो गई. जिस के बाद पुल निर्माण निगम ने पटना की ठेका एजेंसी ब्रिज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से पुल बनवाया है.

इसे भी पढ़ें- उद्घाटन से पहले पुल पर परिचालन खतरे की घंटी, काम के दौरान हो रहा वाहनों का आवागमन

इस पुल का निर्माण 25 अप्रैल 2012 में शुरू किया गया था. चड्ढा एंड चड्ढा कंपनी को 7.61 करोड़ से पुल बनाने का काम मिला था. पुल 24 अक्टूबर 2013 में बनाकर तैयार होना था. पुल के निर्माण में 5.29 करोड़ रुपये एनएच विभाग ने खर्च भी किया था. इसके बावजूद ये तैयार नहीं हो सका. काम अधूरा ही रह गया. उसके बाद उक्त ठेका एजेंसी से काम छीनकर पुल निर्माण निगम को बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी थी. अब यह पुल बनकर तैयार है और इस पर फर्राटे से गाड़िया दौड़ने लगीं हैं.

बता दें कि 12 जुलाई 2006 को मनी नदी पर बना घोरघट पुल धंस गया था. इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी श्रावणी मेले का उद्घाटन करने के लिए क्षतिग्रस्त पुल से ही गुजर कर सुल्तानगंज जा रहे थे, लेकिन सीएम को वहां से लौटना पड़ा था. उसके बाद राज्य सरकार द्वारा घोरघट पुल का निर्माण 2 करोड़ 65 लाख की लागत से नवंबर 2006 में प्रारंभ किया गया था. 16 साल बाद बीते 10 फरवरी 2022 को मुंगेर-खगड़िया रेल सह सड़क पुल के उद्घाटन के साथ घोरघट पुल का भी उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने किया.

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मुंगेरः 2006 में भागलपुर-मुंगेर सीमा पर स्थित मनी नदी पर बने पुल क्षतिग्रस्त होने के 16 साल बाद बने घोरघट पुल (Ghorghat Bridge in Munger) पर उद्घाटन के बाद गाड़ियां सरपट दौड़ने (Vehicle Operation Start On Ghorghat Bridge) लगी हैं. इस पुल पर आवागमन शुरू होने से भागलपुर से पटना का सफर भी आसान हो गया है. अब बड़े वाहनों को अतिरिक्त 50 से 70 किलोमीटर की दूरी तय करनी नहीं पड़ेगी. इस पुल के बनने से मुंगेर से भागलपुर और भागलपुर से पटना की दूरी कम हो गई है.

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घोरघट पुल भागलपुर मुंगेर सीमा पर बरियारपुर प्रखंड के घोरघट मनी नदी के पास स्थित है. इस पुल के शुरू होने से लोगों को भागलपुर-पटना के बीच 50 किलोमीटर का अतिरक्ति चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. दरअसल 2006 में मनी नदी पर बने पुराने पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद बेली ब्रिज बनाया गया था. लेकिन इस बेली ब्रिज से बड़े वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध था. बेली ब्रिज के कमजोर रहने और नए पुल के नहीं बनने से बड़ी गाडियां भागलपुर-पटना के बीच दोनों दिशाओं में अकबरनगर-असरगंज तारापुर-लखीसराय होकर चल रही थीं.

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घोरघट पुल बनाने की जिम्मेदारी एनएच विभाग ने पहले पुल निर्माण निगम को दी थी. इससे पहले एनएच विभाग चड्डा एंड चड्डा कंपनी से पुल बनवा रहा था. सालभर में बनने वाला यह पुल 10 साल से अधूरा पड़ा था. इधर, पुल बनने में विलंब होने के कारण निर्माण की राशि 7.5 करोड़ से बढ़कर 11.5 करोड़ हो गई. जिस के बाद पुल निर्माण निगम ने पटना की ठेका एजेंसी ब्रिज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड से पुल बनवाया है.

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इस पुल का निर्माण 25 अप्रैल 2012 में शुरू किया गया था. चड्ढा एंड चड्ढा कंपनी को 7.61 करोड़ से पुल बनाने का काम मिला था. पुल 24 अक्टूबर 2013 में बनाकर तैयार होना था. पुल के निर्माण में 5.29 करोड़ रुपये एनएच विभाग ने खर्च भी किया था. इसके बावजूद ये तैयार नहीं हो सका. काम अधूरा ही रह गया. उसके बाद उक्त ठेका एजेंसी से काम छीनकर पुल निर्माण निगम को बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी थी. अब यह पुल बनकर तैयार है और इस पर फर्राटे से गाड़िया दौड़ने लगीं हैं.

बता दें कि 12 जुलाई 2006 को मनी नदी पर बना घोरघट पुल धंस गया था. इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी श्रावणी मेले का उद्घाटन करने के लिए क्षतिग्रस्त पुल से ही गुजर कर सुल्तानगंज जा रहे थे, लेकिन सीएम को वहां से लौटना पड़ा था. उसके बाद राज्य सरकार द्वारा घोरघट पुल का निर्माण 2 करोड़ 65 लाख की लागत से नवंबर 2006 में प्रारंभ किया गया था. 16 साल बाद बीते 10 फरवरी 2022 को मुंगेर-खगड़िया रेल सह सड़क पुल के उद्घाटन के साथ घोरघट पुल का भी उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार ने किया.

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