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तीन दिवसीय अंग नाट्य महोत्सव शुरू, कलाकारों ने किया नाटक का मंचन

जमशेदपुर झारखंड से आए टीम के कलाकारों ने रंगकर्मी छवि दास के निर्देशन में दधीची नाटक की प्रस्तुति की. इसके माध्यम से बताया गया कि दिशा खो देने के कारण युवाओं की प्रतिभा का अनुचित प्रयोग राजनीतिक दल के लोग अपने स्वार्थ के लिए करते हैं.

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Published : Feb 8, 2021, 12:23 PM IST

मुंगेरः जिले के गांधीपुर स्थित कार्यालय परिसर में तीन दिवसीय अंग नाट्य महोत्सव की शुरुआत की गई. इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि जदयू नेता प्रीतम सिंह ने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित करके किया. महोत्सव में भारत के 12 राज्यों से आए कलाकार कई भाषाओं में अंग नाट्य मंच पर नाटकों का मंचन करेंगे. कार्यक्रम की शुरुआत कलाकारों ने श्रीकृष्ण की आराधना करके किया.

अंधकारमय हो जाता है युवाओं का भविष्य
वाराणसी उत्तर प्रदेश से आई रंगकर्मी कलाकार नेहा चौहान ने भक्ति नृत्य की प्रस्तुति करके कार्यक्रम का बेहतरीन आगाज किया. इसके बाद देर रात तक दो नाटकों की प्रस्तुति दी गई. जमशेदपुर झारखंड से आए टीम के कलाकारों ने रंगकर्मी छवि दास के निर्देशन में दधीची नाटक की प्रस्तुति की. इसके माध्यम से बताया गया कि दिशा खो देने के कारण युवाओं की प्रतिभा का अनुचित प्रयोग राजनीतिक दल के लोग अपने स्वार्थ के लिए करते हैं. इससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो जाता है. दिशाहीनता से युवाओं को बाहर निकालने की दिशा में दधीचि नाटक एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई.

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नाटक का मंचन

आखिरी रंग नाटक की प्रस्तुति
नाटक में मुख्य कलाकार की भूमिका अभिषेक कुमार, रूपेश कुमार, खुर्शीद आलम, मो रहमतुल्ला, संदीप कुमार सिंह, राजेश दास, प्रियंका बनर्जी और आकाश ने निभाई. वहीं दूसरी प्रस्तुति उड़ीसा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश से पधारे मंच दूतम के कलाकार ने अजय रोशन के निर्देशन में आखिरी रंग नाटक की दी. इसमें रंगकर्मियों ने कलाकारों के जीवनवृत को केंद्र में रखकर प्रदर्शन किया.

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नाटक के दृष्य में कलाकार

कलाकारों की उपेक्षा
नाटक में मुख्य रुप से कलाकार मंच पर अपनी कलाओं के माध्यम से आमजनों का न सिर्फ मनोरंजन करते हैं बल्कि उन्हें एक सही दिशा भी निर्देशित करते हैं. लेकिन कलाकारों का जीवन वास्तव में उपेक्षित ही रह जाता है. कलाकारों की इस उपेक्षा के दंश से समाज को अवगत कराने के लिए यह एक बहुत ही सशक्त माध्यम है.

ये भी पढ़ेः ऋतुराज के परिजनों से मिले पप्पू यादव, कहा- मामले की हो CBI जांच, तभी मिलेगा रूपेश को न्याय

देर रात तक चली नाटक की प्रस्तुति
नाटक की प्रस्तुति देर रात तक चली. लोगों ने कहा कि इस तरह के अखिल भारतीय स्तर के कार्यक्रम बरियारपुर जैसे छोटे-छोटे कस्बाई शहर में होना अपने आप में बड़ी बात है. नाट्य निर्णायक में जमशेदपुर के मो निजाम और कला समीक्षक विनय कुमार सिंह शामिल रहे.

मुंगेरः जिले के गांधीपुर स्थित कार्यालय परिसर में तीन दिवसीय अंग नाट्य महोत्सव की शुरुआत की गई. इसका शुभारंभ मुख्य अतिथि जदयू नेता प्रीतम सिंह ने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित करके किया. महोत्सव में भारत के 12 राज्यों से आए कलाकार कई भाषाओं में अंग नाट्य मंच पर नाटकों का मंचन करेंगे. कार्यक्रम की शुरुआत कलाकारों ने श्रीकृष्ण की आराधना करके किया.

अंधकारमय हो जाता है युवाओं का भविष्य
वाराणसी उत्तर प्रदेश से आई रंगकर्मी कलाकार नेहा चौहान ने भक्ति नृत्य की प्रस्तुति करके कार्यक्रम का बेहतरीन आगाज किया. इसके बाद देर रात तक दो नाटकों की प्रस्तुति दी गई. जमशेदपुर झारखंड से आए टीम के कलाकारों ने रंगकर्मी छवि दास के निर्देशन में दधीची नाटक की प्रस्तुति की. इसके माध्यम से बताया गया कि दिशा खो देने के कारण युवाओं की प्रतिभा का अनुचित प्रयोग राजनीतिक दल के लोग अपने स्वार्थ के लिए करते हैं. इससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो जाता है. दिशाहीनता से युवाओं को बाहर निकालने की दिशा में दधीचि नाटक एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई.

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नाटक का मंचन

आखिरी रंग नाटक की प्रस्तुति
नाटक में मुख्य कलाकार की भूमिका अभिषेक कुमार, रूपेश कुमार, खुर्शीद आलम, मो रहमतुल्ला, संदीप कुमार सिंह, राजेश दास, प्रियंका बनर्जी और आकाश ने निभाई. वहीं दूसरी प्रस्तुति उड़ीसा, वाराणसी, उत्तर प्रदेश से पधारे मंच दूतम के कलाकार ने अजय रोशन के निर्देशन में आखिरी रंग नाटक की दी. इसमें रंगकर्मियों ने कलाकारों के जीवनवृत को केंद्र में रखकर प्रदर्शन किया.

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नाटक के दृष्य में कलाकार

कलाकारों की उपेक्षा
नाटक में मुख्य रुप से कलाकार मंच पर अपनी कलाओं के माध्यम से आमजनों का न सिर्फ मनोरंजन करते हैं बल्कि उन्हें एक सही दिशा भी निर्देशित करते हैं. लेकिन कलाकारों का जीवन वास्तव में उपेक्षित ही रह जाता है. कलाकारों की इस उपेक्षा के दंश से समाज को अवगत कराने के लिए यह एक बहुत ही सशक्त माध्यम है.

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देर रात तक चली नाटक की प्रस्तुति
नाटक की प्रस्तुति देर रात तक चली. लोगों ने कहा कि इस तरह के अखिल भारतीय स्तर के कार्यक्रम बरियारपुर जैसे छोटे-छोटे कस्बाई शहर में होना अपने आप में बड़ी बात है. नाट्य निर्णायक में जमशेदपुर के मो निजाम और कला समीक्षक विनय कुमार सिंह शामिल रहे.

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