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वली रहमानी के राजकीय सम्मान में दगा दे गईं थी राइफलें, बिहार पुलिस की फजीहत पर सफाई देंगे अधिकारी

इमारत-ए-शरिया के प्रमुख वली रहमानी के निधन पर राजकीय सम्मान के दौरान बंदूक(इंसास) से फायर ना होने के मामले में डीआईजी ने सार्जेंट मेजर और मुंगेर पुलिस लाइन के आर्मरर को शो कॉज नोटिस जारी किया है.

Wali Rahmani
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Published : Apr 6, 2021, 9:34 AM IST

Updated : Apr 6, 2021, 9:53 AM IST

मुंगेर: विख्यात इस्लामी विद्वान और इमारत-ए-शरिया के प्रमुख वली रहमानी के निधन पर राजकीय सम्मान के दौरान पुलिस जवान द्वारा सुपुर्द ए खाक के पहले 10 गोलियों से सलामी के दौरान बंदूक (इंसास) से फायर ना होने के मामले में डीआईजी ने बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं. इस मामले में मुंगेर पुलिस के सार्जेंट मेजर और मुंगेर पुलिस लाइन के आर्मरर को शो कॉज नोटिस जारी किया है.

शो कॉज नोटिस में डीआईजी शफीउल हक ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि कैसे 10 जवानों का सलेक्शन किया गया था, जबकि यह जवान सलामी के समय इंसास में गोली भी नहीं लोड कर पा रहे थे, ना ही फायर करने में सक्षम थे. ऐसे में उन लोगों का चयन किस आधार पर किया गया. साथ ही सार्जेंट मेजर से भी उन्होंने जवाब तलब किया कि जब इंसास चलाने के लिए जवान सक्षम नहीं थे, तो उन्हें उन्होंने कैसे इसका निरीक्षण कर उन्हें उपयुक्त पाया.

फाइल वीडियो

ये भी पढ़ें: इस्लामी विद्वान वली रहमानी को किया गया सुपुर्द ए खाक, हजारों लोग हुए शामिल

बिहार पुलिस, खासकर मुंगेर पुलिस की किरकिरी हुई है. हजारों की संख्या में शामिल लोगों के सामने मिस फायर होना पुलिस की बेइज्जती है. 20 अप्रैल तक अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है. जवाब के बाद दोषी अधिकारी और जवान पर कार्रवाई की जाएगी. डीआईजी

डीआईजी ने जारी किया  शो कॉज नोटिस
डीआईजी ने जारी किया शो कॉज नोटिस

ये भी पढ़ें: राजकीय सम्मान के साथ वली रहमानी सुपुर्द-ए-खाक, 10 में से 4 राइफलों से ही दी गई सलामी

बता दें कि खानकाह रहमानी के संस्थापक, मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सचिव और अमीरे शरियत के हजरत मौलाना वली रहमानी का निधन पटना में हो गया था. उनके पार्थिव शरीर को मुंगेर खानकाहा लाया गया. बिहार सरकार ने ऐसे महान व्यक्ति के निधन के बाद इन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए थे. इसी निर्देश के आलोक में डीआईजी शफीउल हक, एसपी मानव जीत सिंह ढिल्लो एवं डीएम रचना पाटिल के सामने उन्हें 11 गोलियों से फायर कर सलामी दी जानी थी. लेकिन 11 गोलियों में मात्र 4 गोली ही फायर हो पाई. 7 गोली फायर नहीं हो पाया. इसके बाद जैसे-तैसे फायरिंग कार्यक्रम को समाप्त किया गया.

सलामी के वक्त नहीं चली गोली
बता दें कि ऐसा बिहार में पहली बार नहीं हुआ है कि अंतिम संस्कार में सलामी के वक्त गोली नहीं चली है. इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र के अंतिम संस्कार में सलामी के वक्त पुलिस की राइफलों से गोली नहीं चली थी. पूर्व मुख्यमंत्री की अंत्येष्टि में सलामी के दौरान गोलियां खराब रहने के कारण एक भी फायरिंग नहीं हो सकी. पुलिस मुख्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रिपोर्ट भी तलब किया था.

मुंगेर: विख्यात इस्लामी विद्वान और इमारत-ए-शरिया के प्रमुख वली रहमानी के निधन पर राजकीय सम्मान के दौरान पुलिस जवान द्वारा सुपुर्द ए खाक के पहले 10 गोलियों से सलामी के दौरान बंदूक (इंसास) से फायर ना होने के मामले में डीआईजी ने बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं. इस मामले में मुंगेर पुलिस के सार्जेंट मेजर और मुंगेर पुलिस लाइन के आर्मरर को शो कॉज नोटिस जारी किया है.

शो कॉज नोटिस में डीआईजी शफीउल हक ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि कैसे 10 जवानों का सलेक्शन किया गया था, जबकि यह जवान सलामी के समय इंसास में गोली भी नहीं लोड कर पा रहे थे, ना ही फायर करने में सक्षम थे. ऐसे में उन लोगों का चयन किस आधार पर किया गया. साथ ही सार्जेंट मेजर से भी उन्होंने जवाब तलब किया कि जब इंसास चलाने के लिए जवान सक्षम नहीं थे, तो उन्हें उन्होंने कैसे इसका निरीक्षण कर उन्हें उपयुक्त पाया.

फाइल वीडियो

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बिहार पुलिस, खासकर मुंगेर पुलिस की किरकिरी हुई है. हजारों की संख्या में शामिल लोगों के सामने मिस फायर होना पुलिस की बेइज्जती है. 20 अप्रैल तक अधिकारियों से जवाब तलब किया गया है. जवाब के बाद दोषी अधिकारी और जवान पर कार्रवाई की जाएगी. डीआईजी

डीआईजी ने जारी किया  शो कॉज नोटिस
डीआईजी ने जारी किया शो कॉज नोटिस

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बता दें कि खानकाह रहमानी के संस्थापक, मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सचिव और अमीरे शरियत के हजरत मौलाना वली रहमानी का निधन पटना में हो गया था. उनके पार्थिव शरीर को मुंगेर खानकाहा लाया गया. बिहार सरकार ने ऐसे महान व्यक्ति के निधन के बाद इन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए थे. इसी निर्देश के आलोक में डीआईजी शफीउल हक, एसपी मानव जीत सिंह ढिल्लो एवं डीएम रचना पाटिल के सामने उन्हें 11 गोलियों से फायर कर सलामी दी जानी थी. लेकिन 11 गोलियों में मात्र 4 गोली ही फायर हो पाई. 7 गोली फायर नहीं हो पाया. इसके बाद जैसे-तैसे फायरिंग कार्यक्रम को समाप्त किया गया.

सलामी के वक्त नहीं चली गोली
बता दें कि ऐसा बिहार में पहली बार नहीं हुआ है कि अंतिम संस्कार में सलामी के वक्त गोली नहीं चली है. इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र के अंतिम संस्कार में सलामी के वक्त पुलिस की राइफलों से गोली नहीं चली थी. पूर्व मुख्यमंत्री की अंत्येष्टि में सलामी के दौरान गोलियां खराब रहने के कारण एक भी फायरिंग नहीं हो सकी. पुलिस मुख्यालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रिपोर्ट भी तलब किया था.

Last Updated : Apr 6, 2021, 9:53 AM IST
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