मुंगेर: बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की कर्मभूमि रही मुंगेर में शिवसेना ने हिंदुत्व और जात-पात दाव खेला है. दरअसल, मुंगेर मूर्ति विसर्जन कांड मामले में शिवसेना की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया है कि 'जो हमारा है वह अच्छा है, जो दूसरों का है वह खराब है'.
शिवसेना का मुखपत्र सामना अपने एडिटोरियल में लिखता है कि- "बीजेपी की ओर से इसी प्रकार का व्यवहार शुरू है. बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में जो कुछ हो रहा है, उसे देखते हुए वहां कानून का राज बचा है क्या? ऐसा सवाल किया जा सकता है, लेकिन ये सभी राज्य बीजेपी शासित होने के कारण वहां पर सब कुछ ठीक-ठाक है. गड़बड़ सिर्फ महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में ही है".
पुलिस ने की गोलीबारी- सामना
फिलहाल, बिहार में विधानसभा चुनाव का पहला चरण समाप्त हो चुका है. प्रधानमंत्री मोदी सहित कई नेताओं ने बिहार की प्रचार सभाओं में लोगों से पूछा, "तुम्हें जंगलराज फिर से चाहिए क्या? नहीं चाहिए तो बीजेपी और जेडीयू के पक्ष में मतदान करो!" बीते 15 सालों से बिहार में नीतीश कुमार का ही शासन है. लगता है वे लोग इस बात को भूल गए हैं. मुंगेर जिले में दुर्गा विसर्जन के दौरान पुलिस ने गोलीबारी की. मूर्ति का जबरन विसर्जन करवा दिया गया. गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए. पुलिसवालों का यह कृत्य 'जनरल डायर' को भी लजाने वाला था, इस प्रकार का आक्रोश शुरू है.
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हिंदुत्ववादियों ने अबतक नंगा नाच कर दिया होता शुरू
दुर्गा पूजा की विसर्जन यात्रा में यह उत्पात मचा और पुलिसवालों ने सीधे गोलियां चला दी. इस गोलीबारी में अनुराग पोद्दार नामक 14 वर्षीय युवक की मौत हो गई. दुर्गा पूजा के विसर्जन के दौरान यह उत्पात, हिंसाचार और पुलिस की गोलीबारी की घटना पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हुई होती, तो "घंटा बजाओ" छाप खोखले हिंदुत्ववादियों ने अबतक नंगा नाच शुरू कर दिया होता. दुर्गा पूजा में गोलीबारी को एक प्रकार से हिंदुत्व पर हमला बताकर बवाल मचाया गया होता. पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था समाप्त होने का आरोप लगाकर वहां तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जाती. इस गोलीबारी की सीबीआई जांच करवाने की मांग करवाने के लिए बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल राजभवन में चाय-पान के लिए गया होता.
सामना में कथित हिंदुत्ववादियों पर निशाना
'लेकिन ओ घंटाबाज हिंदुत्ववादियों! मुंगेर में दुर्गा पूजा यात्रा पर हुई गोलीबारी पर तुम्हारा मुंह बंद क्यों है? मुंगेर के बीच रास्ते में यात्रा के दौरान पुलिसकर्मियों ने दुर्गा प्रतिमा की खींचतान की. उस दौरान बनावटी हिंदुत्ववादियों के पीतांबर अब तक वैसे नहीं छूटे? या मुंगेर में दुर्गा पूजा में गोलीबारी हुई. इसलिए महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल की सरकार को बर्खास्त करो, वे ऐसा कहना चाहते हैं? महाराष्ट्र के पालघर में "लॉकडाउन" के दौरान दो साधुओं की हत्या हुई. हत्या भीड़ ने की. उस दौरान पुलिसवाले भी घायल हुए, लेकिन उस हत्या से महाराष्ट्र से साधुवाद और हिंदुत्व आदि सब समाप्त हो गया, महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार का हिंदुत्व से कोई लेना-देना नहीं रहा और शिवसेना अब "सेक्युलर" हो गई है, जैसी बातें कहीं गई.'
राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
कुछ भौंकनेवाले चैनलों ने तो उन साधुओं को ढाल बनाकर शिवसेना के हिंदुत्व पर सवाल खड़ा किया. आज मुंगेर की दुर्गा पूजा में पुलिसिया गोलीबारी के बावजूद ये भौंकने और चिल्लाने वाले ठंडे पड़े हैं. नीतीश कुमार की सरकार बर्खास्त करके वहां राष्ट्रपति शासन लगाओ, ऐसा शोर बिहार के भाजपा वालों ने क्यों नहीं मचाया? मुंगेर की दुर्गा प्रतिमा का अपमान और गोलीबारी "जंगलराज" है, उन ढोंगी काले कौवे को ऐसा न लगना आश्चर्यजनक है. एक तो बिहार में बीजेपी ने आंखों पर "सेक्युलर" चश्मा चढ़ाया है, जिससे उन्हें मुंगेर की आक्रोश करनेवाली दुर्गा माता नहीं दिख रही.