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मुंगेर: RT-PCR मशीन कर रहा है पहले सैंपल का इंतजार, 9 महीने से नहीं हो पाया इंस्टॉल - मुंगेर के एआरटी सेंटर में पड़ी है आरटीपीसीआर मशीन

सिस्टम की लापरवाही और लचर व्यवस्था के कारण मुंगेर के एआरटी सेंटर में RT-PCR मशीन धूल फांक रही है. जिले के लोगों को RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट के लिए 10 से 12 दिनो का इंजतार करना पड़ता है. क्योंकि सैंपलों को जांच के लिए पटना भेजना पड़ता है.

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सिस्टम के कारण धूल फांकता 'सिस्टम
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Published : May 14, 2021, 10:47 AM IST

मुंगेरः देश समेत पूरे बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा जोर कोरोना की टेस्टिंग को लेकर दिया जा रहा. क्योंकि कोरोना से बचने और इसके इलाज का पहला स्टेप यही है. लेकिन महामारी के इस दौर में भी सिस्टम की उदासीनता बरकरार है. ऐसे में कोरोना के संक्रमण को और ज्यादा रफ्तार मिल रही है.

बिहार के मुंगेर में कोरोना जांच का हाल भी सिस्टम की लापरवाही के कारण बेदम हो चुका है. स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण 9 माह से जिले को आरटी-पीसीआर मशीन का लाभ नहीं मिल रहा है. आरटी-पीसीआर की मशीन केवल शोभा की वस्तु बनकर मुंगेर के एआरटी सेंटर में पड़ी हुई है.

इसे भी पढ़ेंः मुंगेरः हड़ताल के बाद अब धरने पर बैठे पारा मेडिकल स्वास्थ्य कर्मी, नियोजन की कर रहे हैं मांग

महीनों से धूल फांक रहा आरटीपीसीआर मशीन
जिले में पिछले साल संक्रमण के भयावह मामले सामने आने के बाद यहां सितंबर 2020 में ही आरटीपीसीआर मशीन मंगवाई गई थी. लेकिन बीते 9 महीने से जिले में आरटीपीसीआर मशीन धूल फांक रही है. जिसके कारण अभी भी कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल को आरटीपीसीआर जांच के लिए पटना भेजना पड़ता है.

ऐसे में लोगों को अपनी आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट के लिए 10 से 12 दिनों का इंतजार करना पड़ता है. बता दें कि अप्रैल से मई माह के बीच 36,700 सैंपलों को आरटीपीसीआर जांच के पटना भेजा जा चुका है. ऐसे में न सिर्फ समय की बर्बादी हो रही है बल्कि जांच रिपोर्ट देरी से आने के कारण कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा भी बढ़ गया है.

यहां से वहां शिफ्ट हो रही मशीन
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मुंगेर को आरटीपीसीआर मशीन के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा गया तो जिला स्वास्थ्य समिति ने इसे नवनिर्मित पोस्टमार्टम हाउस के भवन में रखवा दिया. जब जिले को आरटीपीसीआर मशीन मिली तो पोस्टमार्टम हाउस का अस्तित्व बचाने के लिए इसे यक्ष्मा केंद्र के भवन में स्थापित करने की बात कही गई.

उसके बाद पिछले पांच महीने से स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के उपरी तल पर आरटीपीसीआर मशीन को स्थापित करने की बात चल रही है. किंतु अब तक सारी बातें सिर्फ हवा-हवाई ही साबित हो रही हैं.

देखें वीडियो

मशीन के शुरू होने से कई जिलों को मिलेगा लाभ
बताते चलें कि प्रमंडलीय मुख्यालय मुंगेर में आरटीपीसीआर मशीन से कोविड-19 की जांच शुरू होने से न सिर्फ मुंगेर बल्कि प्रंडल के जमुई, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय तथा शेखपुरा जिले के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.

सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार आलोक ने कहा कि आरटीपीसीआर मशीन को स्थापित करने के लिए जगह का चयन हो चुका है. टेक्नीशियन और अन्य कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. जिले में जल्द ही आरटीपीसीआर मशीन से जांच शुरू होगी.

मुंगेरः देश समेत पूरे बिहार में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा जोर कोरोना की टेस्टिंग को लेकर दिया जा रहा. क्योंकि कोरोना से बचने और इसके इलाज का पहला स्टेप यही है. लेकिन महामारी के इस दौर में भी सिस्टम की उदासीनता बरकरार है. ऐसे में कोरोना के संक्रमण को और ज्यादा रफ्तार मिल रही है.

बिहार के मुंगेर में कोरोना जांच का हाल भी सिस्टम की लापरवाही के कारण बेदम हो चुका है. स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण 9 माह से जिले को आरटी-पीसीआर मशीन का लाभ नहीं मिल रहा है. आरटी-पीसीआर की मशीन केवल शोभा की वस्तु बनकर मुंगेर के एआरटी सेंटर में पड़ी हुई है.

इसे भी पढ़ेंः मुंगेरः हड़ताल के बाद अब धरने पर बैठे पारा मेडिकल स्वास्थ्य कर्मी, नियोजन की कर रहे हैं मांग

महीनों से धूल फांक रहा आरटीपीसीआर मशीन
जिले में पिछले साल संक्रमण के भयावह मामले सामने आने के बाद यहां सितंबर 2020 में ही आरटीपीसीआर मशीन मंगवाई गई थी. लेकिन बीते 9 महीने से जिले में आरटीपीसीआर मशीन धूल फांक रही है. जिसके कारण अभी भी कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल को आरटीपीसीआर जांच के लिए पटना भेजना पड़ता है.

ऐसे में लोगों को अपनी आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट के लिए 10 से 12 दिनों का इंतजार करना पड़ता है. बता दें कि अप्रैल से मई माह के बीच 36,700 सैंपलों को आरटीपीसीआर जांच के पटना भेजा जा चुका है. ऐसे में न सिर्फ समय की बर्बादी हो रही है बल्कि जांच रिपोर्ट देरी से आने के कारण कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने का खतरा भी बढ़ गया है.

यहां से वहां शिफ्ट हो रही मशीन
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मुंगेर को आरटीपीसीआर मशीन के लिए जगह उपलब्ध कराने को कहा गया तो जिला स्वास्थ्य समिति ने इसे नवनिर्मित पोस्टमार्टम हाउस के भवन में रखवा दिया. जब जिले को आरटीपीसीआर मशीन मिली तो पोस्टमार्टम हाउस का अस्तित्व बचाने के लिए इसे यक्ष्मा केंद्र के भवन में स्थापित करने की बात कही गई.

उसके बाद पिछले पांच महीने से स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय के उपरी तल पर आरटीपीसीआर मशीन को स्थापित करने की बात चल रही है. किंतु अब तक सारी बातें सिर्फ हवा-हवाई ही साबित हो रही हैं.

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मशीन के शुरू होने से कई जिलों को मिलेगा लाभ
बताते चलें कि प्रमंडलीय मुख्यालय मुंगेर में आरटीपीसीआर मशीन से कोविड-19 की जांच शुरू होने से न सिर्फ मुंगेर बल्कि प्रंडल के जमुई, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय तथा शेखपुरा जिले के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा.

सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार आलोक ने कहा कि आरटीपीसीआर मशीन को स्थापित करने के लिए जगह का चयन हो चुका है. टेक्नीशियन और अन्य कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है. जिले में जल्द ही आरटीपीसीआर मशीन से जांच शुरू होगी.

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