पटनाः बिहार में 30 अक्टूबर को कुशेश्वरस्थान और तारापुर में विधानसभा उपचुनाव (By-Election) है. दोनों सीटें जदयू विधायकों के निधन से खाली हुई हैं. एक ओर इस चुनाव में एनडीए ने कुशवाहा जाति के राजीव कुमार सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं, राजद ने वैश्य उम्मीदवार अरुण शाह (Arun Shah) को मैदान में उतारा है. सोमवार को राजद उम्मीदवार अरुण साह पार्टी का सैंपल लेकर तारापुर विधानसभा में चुनाव पहुंचे.
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तारापुर पहुंचे अरुण शाह का राजद कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने राजद अरुण शाह से एक्सक्लूसिव बातचीत की. अरुण शाह ने बताया कि महागठबंधन के तमाम नेताओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि पार्टी कैडर का वोट तो मुझे आएगा ही वैश्य मतदाता भी मेरे नाम पर गोलबंद होकर हमें वोट करेंगे और यह सीट जीतकर महागठबंधन की झोली में डालने का काम करूंगा.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैंने किसी पूर्वांचल के गांधी कहे जाने वाले जयप्रकाश नारायण यादव या कद्दावर नेता की बेटी दिव्या प्रकाश का टिकट नहीं काटा, बल्कि पार्टी ने सर्वेक्षण कराकर मुझे बुलाकर चुनावी सिंबल प्रदान किया है. मैं महागठबंधन का पसंदीदा उम्मीदवार हूं. जनता का भी आशीर्वाद मुझे प्राप्त है.
उन्होंने कहा कि लालू यादव की तबीयत में सुधार हो रहा है. संभवत 2 से 3 दिनों में वे बिहार आ रहे हैं. अरुण शाह ने बताया कि राजद सुप्रीमो लालू यादव भी तारापुर विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर चुनाव प्रचार करेंगे और मतदाताओं से हमें वोट देने की अपील भी करेंगे. उन्होंने मुझे बताया है कि हम तारापुर विधानसभा में आकर कैंपेन करेंगे.
बता दें कि तारापुर विधानसभा का अस्तित्व सन 1951 में आया. तब से लेकर आज तक राजद ने वैश्य को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया था. पहली बार तारापुर विधानसभा क्षेत्र में राजद ने वैश्य उम्मीदवार पर अपनी आस्था जताई है. वैसे अब उम्मीदवार के प्रचार में राजद सुप्रीमो लालू यादव के आने की खबर सुनकर ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में खलबली मच गई है.
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इस बार के विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के लिए कई बड़े दिग्गज तारापुर में रह कर प्रचार करते नजर आएंगे. वैश्य नेता शशि शंकर पोद्दार उर्फ मुन्ना भैया ने कहा कि वैश्य मतदाताओं के लिए अब समय आ गया है कि वे अपनी एकता का परिचय देते हुए तारापुर से अरुण शाह को जिताकर आने वाले राजनीतिक भविष्य बेहतर करें. अगर वैश्य उम्मीदवार यहां से जीतता है तो आने वाले समय में वैश्य की भागीदारी बढ़ेगी और अन्य पार्टियां भी वैश्य कार्यकर्ता को अपना उम्मीदवार बनाएगी.
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पूर्व विधायक विजय कुमार विजय ने कहा कि अरुण शाह कोई नया नेता नहीं हैं. ये भागलपुर विधानसभा 2000 के चुनाव में राजद के सिंबल पर विधानसभा का चुनाव लड़े थे. उन्होंने अपने सामने के प्रतिद्वंदी अश्विनी चौबे को नाकों चने चबवा दिया था. उस समय बड़े-बड़े नेताओं को अश्विनी चौबे को जिताने के लिए उतरना पड़ा था. उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद महज 9000 वोट वे पराजित हुए थे.
तारापुर में जातीय समीकरण, अगर महागठबंधन के वोटरों की बात करें तो वैश्य उम्मीदवार होने के कारण वैश्य जाति का वोट उन्हें कैडर वोट के बाद अलग मिलेगा. ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि वैश्य मतदाता पार्टी धारा के विपरीत आरजेडी के उम्मीदवार को वोट करेंगे.
तारापुर विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 3,13,064 है. जिसमें वैश्य मतदाता करीब 42 हजार हैं, यादव करीब 65 हजार, कुशवाहा 58 हजार, मुस्लिम मतदाता 22 हजार से ज्यादा हैं. वहीं, बिंद जाति के मतदाता 22 हजार, राजपूत 20 हजार, भूमिहार 10 हजार, ब्राह्मण 20 हजार, पासवान जाति 15 हजार, रविदास 15 हजार, मांझी- तांती समेत अन्य जातियों के 25 हजार मतदाता शामिल हैं.