मुंगेर: जिले के कष्टहरणी घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर से समिति भक्तों ने मंगलवार को रथयात्रा निकालकर परंपरा का निर्वहन किया. बता दें कि रथयात्रा शहर में नहीं निकाला गई, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मंदिर के पास ही रथ का भ्रमण करवाकर परंपरा का निर्वहन किया गया. साथ ही महंत देवनायक दास के वैदिक मंत्रोच्चार और पूजन के साथ रथयात्रा संपन्न हुई. मौके पर कुछ स्थानीय श्रद्धालु मौजूद थे.

गौरतलब है कि श्रद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को फूल और प्रसाद चढ़ाकर पूजा-पाठ किया. इस दौरान सड़क के दोनों ओर कतारबद्ध होकर महिला पुरूष रथ यात्रा में शामिल हुए. साथ ही रथ के सामने सड़क पर समाजसेवी और धर्मावलंबी झाड़ू लगाकर और गंगाजल छिड़क कर भगवान के रथ के आगे बराबर रास्ता बनाकर चलते रहे.
'रथयात्रा की परंपरा का किया गया निर्वहन'
मंदिर के महंत देव नायक दास ने कहा कि स्थानीय जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को लेकर नगर भ्रमण की इजाजत नहीं दी थी. इस वजह से मंदिर के बाहर केवल भगवान को रथ पर बिठाकर और परिसर में ही रथ को घुमाकर रथयात्रा की परंपरा का निर्वहन किया गया. मौके पर जदयू नेता प्रीतम सिंह और भाजपा नेता संजीव मंडल भी उपस्थित रहे.