मुंगेर (जमालपुर): बिहार के मुंगेर में टीईटी शिक्षक संघ ने नई शिक्षक नियमावली को लेकर प्रदर्शन (Outrage in Munger TET teachers union) किया. शिक्षक नियोजन को लेकर सरकार ने नई शिक्षक नियमावली को मंजूरी दे दी है. इसके बाद से ही टीईटी शिक्षक संघ में काफी आक्रोश है. शुक्रवार को प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय पर नई शिक्षक नियमावली की प्रतियां जलाकर विरोध-प्रदर्शन किया. टीईटी पास शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश है.
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पूर्व से कार्यरत शिक्षकों की हो रही उपेक्षा: बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले टीईटी शिक्षक संघ की जमालपुर इकाई ने जिलाध्यक्ष राहुल देव सिंह के नेतृत्व में प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय पर प्रतियां जलाकर जमकर नारेबाजी की. जिलाध्यक्ष राहुल देव सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा कैबिनेट से पारित शिक्षक नियमावली 2023 में जानबूझकर पूर्व से कार्यरत शिक्षकों की उपेक्षा कर रही है. सरकार ने अपने दोषपूर्ण शिक्षक नियमावली-2023 को पूर्व से कार्यरत शिक्षकों पर थोपने का काम किया है. इसको लेकर बिहार के सभी जिलों के सभी प्रखंड में किया जा रहा है.
'सरकार बनते ही भूल गये वादा': जिलाध्यक्ष राहुल देव सिंह ने बताया कि चुनाव पूर्व अपने घोषणापत्र के माध्यम से तेजस्वी यादव ने शिक्षकों से राज्यकर्मी का दर्जा सहित विभिन्न प्रकार की सुविधा अपने पहले कैबिनेट बैठक में देने का वादा किया था. परन्तु सरकार में आते ही वो अपना वादा भूल गये हैं. विरोध करने में शिक्षक विकास कुमार,देवव्रत कुमार,उपेन्द्र कुमार तांती, संदीप कुमार वर्मा,अजय कुमार,रितेश कुमार,सुनील कुमार,प्रभात रंजन सहित सैकड़ों शिक्षक उपस्थित थे.
"वर्षों से कार्यरत शिक्षकों को नये अभ्यर्थी के साथ परीक्षा में शामिल होने के लिए बाध्य करना है. यह सरकार के विकृत मानसिकता को को दर्शाता है. अगर सरकार के द्वारा नियमावली में संशोधन कर पंचायती राज शिक्षकों को उनका संवैधानिक अधिकार प्रदान नहीं करती है तो आगामी विधानसभा चुनाव में बिहार के सभी शिक्षक एवं उनके परिजन वोट की चोट से विरोध करेगें."- राहुल देव सिंह, टीईटी शिक्षक संघ (जमालपुर इकाई), जिलाध्यक्ष
माले विधायक ने फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई: बता दें कि बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले सभी टीईटी शिक्षक संघ ने आयोग के बदले वेतन संरक्षण के साथ विभागीय परीक्षा के देने पर सहमति जताई है. मोर्चा के संरक्षक सत्तापक्ष के माननीय विधायक संदीप सौरभ (सीपीआई माले) ने सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए नियमावली में त्वरित संशोधन करने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सभी टीईटी शिक्षक संघों से वार्ता करने का अनुरोध किया है.