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NIA की चार्जशीट से खुलासा- ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निकाले गए थे 6 AK-47

22 में से 6 एके-47 आर्मी जवान के थे. इसे जबलपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निकाला गया था. वहीं अन्य 16 एके-47 कहां से लाए गए थे, इसकी जांच एनआईए की टीम गहनता से कर रही है.

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Published : Mar 9, 2019, 8:26 PM IST

मुंगेर: जिले से बरामद 22 एके-47 मामले में एनआईए की चार्जशीट रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है. बताय़ा गया है कि 22 में से 6 एके-47 आर्मी जवान के थे. इसे जबलपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निकाला गया था. वहीं अन्य 16 एके-47 कहां से लाए गए थे, इसकी जांच एनआईए की टीम गहनता से कर रही है.

मुफ्फसिल थाना, मुंगेर

यूं हुआ खुलासा
जिले के तत्कालीन एसपी बाबूराम के नेतृत्व में पुलिस ने 29 अगस्त 2018 से 23 दिसंबर 2018 तक मुंगेर सहित अलग-अलग जगहों पर सघन छापेमारी कर 22 एके-47 बरामद किया था. इसका खुलासा तब हुआ, जब 29 अगस्त को जिला पुलिस ने जुबली बेल चौक के पास कुख्यात हथियार तस्कर मोहम्मद इमरान को 3 एके-47 के साथ गिरफ्तार किया था.

यह भी पढ़ें:पुलवामा हमले को लेकर RJD इस बार नहीं मनाएगी होली

रसिया से आते थे नए AK 47
सूत्रों की मानें तो भारत सरकार ने एके-47 खरीदने की डील रसिया से की है. इसी कारण रसिया से जैसे ही नया एके-47 आर्डिनेंस फैक्ट्री आता था, तो आर्मी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं एके-47 को जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में जमा कराया जाता था. पुराने हथियार जमा कराने के बाद आर्मी को नया एके-47 वितरण किया जाता था.

यह भी पढ़ें:जिसे IGIMS ने भगाया था, उस मरीज की हो गई मौत, अब क्या कार्रवाई करेंगे स्वास्थ्य मंत्री ?

ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से तस्करों तक
इसी एके-47 को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का स्टोरकीपर सुरेश ठाकुर डिपो से चोरी-छिपे बाहर निकाल पूर्व आर्मर पुरुषोत्तम लाल रजक को दिया करता था. इसके बाद पुरुषोत्तम लाल रजक एके-47 की बिक्री करने के लिए मुंगेर के हथियार तस्करों को सप्लाई करता था.

मुंगेर: जिले से बरामद 22 एके-47 मामले में एनआईए की चार्जशीट रिपोर्ट से बड़ा खुलासा हुआ है. बताय़ा गया है कि 22 में से 6 एके-47 आर्मी जवान के थे. इसे जबलपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निकाला गया था. वहीं अन्य 16 एके-47 कहां से लाए गए थे, इसकी जांच एनआईए की टीम गहनता से कर रही है.

मुफ्फसिल थाना, मुंगेर

यूं हुआ खुलासा
जिले के तत्कालीन एसपी बाबूराम के नेतृत्व में पुलिस ने 29 अगस्त 2018 से 23 दिसंबर 2018 तक मुंगेर सहित अलग-अलग जगहों पर सघन छापेमारी कर 22 एके-47 बरामद किया था. इसका खुलासा तब हुआ, जब 29 अगस्त को जिला पुलिस ने जुबली बेल चौक के पास कुख्यात हथियार तस्कर मोहम्मद इमरान को 3 एके-47 के साथ गिरफ्तार किया था.

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रसिया से आते थे नए AK 47
सूत्रों की मानें तो भारत सरकार ने एके-47 खरीदने की डील रसिया से की है. इसी कारण रसिया से जैसे ही नया एके-47 आर्डिनेंस फैक्ट्री आता था, तो आर्मी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं एके-47 को जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में जमा कराया जाता था. पुराने हथियार जमा कराने के बाद आर्मी को नया एके-47 वितरण किया जाता था.

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ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से तस्करों तक
इसी एके-47 को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का स्टोरकीपर सुरेश ठाकुर डिपो से चोरी-छिपे बाहर निकाल पूर्व आर्मर पुरुषोत्तम लाल रजक को दिया करता था. इसके बाद पुरुषोत्तम लाल रजक एके-47 की बिक्री करने के लिए मुंगेर के हथियार तस्करों को सप्लाई करता था.

Intro:मुंगेर - आर्मी जवान का AK47 लाया गया था मुंगेर।
एनआईए के चार्जशीट रिपोर्ट से हुआ मामले का खुलासा।
रसिया से एके-47 आते ही जमा हुए एके-47 की होती थी बिक्री।
22 एके-47 में छह एके-47 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निकाले गए थे।
29 अगस्त से 23 दिसंबर 2018 तक की गई थी छापेमारी।


Body:मुंगेर जिले से बरामद 22 एके-47 में 6 एके-47 आर्मी जवान के थे। इसे जबलपुर के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निकाला गया था। इसकी पुष्टि एनआईए द्वारा न्यायालय में जमा किए गए चार्जशीट में की गई है। वहीं अन्य 16 एके-47 कहां से लाए गए थे, इसकी जांच एनआईए की टीम गहनता से कर रही है। जिले के तत्कालीन एसपी बाबूराम के नेतृत्व में पुलिस ने 29 अगस्त 2018 से 23 दिसंबर 2018 तक मुंगेर सहित अलग-अलग जगहों पर सघन छापेमारी कर 22 एके-47 बरामद किया था। इसका खुलासा तब हुआ जब 29 अगस्त को जब जिला पुलिस ने जुबली बेल चौक समीप कुख्यात हथियार तस्कर मोहम्मद इमरान को 3 एके-47 के साथ गिरफ्तार किया था।
रसिया से नया एके-47 आते ही डिपो में रखे गए एके-47 निकाले जाते थे बाहर-
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने एके-47 खरीदने की डील रसिया से की है। इसी कारण रसिया से जैसे ही नया एके-47 आर्डिनेंस फैक्ट्री आता था, तो आर्मी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं एके-47 को जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में जमा कराया जाता था। पुराने हथियार जमा कराने के बाद आर्मी को नया एके-47 वितरण किया जाता था। जबलपुर ऑर्डिनेंस डिपो में आर्मी द्वारा इस्तेमाल किया हुआ एके-47 को रखा जाता था। इसी एके-47 को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का स्टोरकीपर सुरेश ठाकुर डिपो से चोरी-छिपे बाहर निकाल पूर्व आर्मर पुरुषोत्तम लाल रजक को दिया करता था। इसके बाद पुरुषोत्तम लाल रजक एके-47 को बिक्री करने के लिए मुंगेर के हथियार तस्करों को सप्लाई करता था।


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