मुंगेर: ठंड का कहर अब चरम सीमा पर है, बीते 1 सप्ताह से सूर्य देव के दर्शन नहीं हो पाए हैं. आने वाले सप्ताह में भी धूप नहीं निकलने के आसार दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में बदलते मौसम से किसान परेशान हैं. खेतों में लगी दलहन, तिलहन और सब्जी की फसल के खराब होने की चिंता किसानों को सताने लगी है.
कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक मुकेश कुमार ने किसानों को इस मौसम में दलहन, तिलहन एवं सब्जी की फसलों की विशेष देखभाल करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि किसान भाई मटर, आलू और सरसों की फसल का अच्छे से देखभाल करें.
आलू : बढ़ती ठंड के चलते आलू में झुलसा रोग का प्रकोप हो सकता है. इससे बचाव के लिए मैक्नोजेम केमिकल 150 ग्राम 1 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार कर आलू के पत्तों पर छिड़काव करें.
सरसों : ठंड के मौसम में सरसों पर लाही का प्रकोप बढ़ जाता है. लाही फसल के रस को चूस लेता है, जिससे पैदावार कम हो जाती है. इससे बचाव के लिए एमीडा क्लोरोपीड़ 1 एमएल प्रति तीन लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार कर लें और यह घोल सरसों की फसल पर छिड़क दें, जिससे लाही का खात्मा हो जाएगा.
मटर: मटर भी बढ़ते ठंड के कारण पैडरी मिल (फफूंद) नामक कीट के प्रकोप से नष्ट हो सकता है. इससे बचाव के लिए सल्फैक्स 30 ग्राम प्रति लीटर का घोल तैयार कर मटर के पौधों पर छिड़काव करें, जिससे फफूंद नष्ट हो जाएगा और मटर की पैदावार भी बढ़ेगी.
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक मुकेश कुमार ने दलहन तिलहन एवं सब्जी के फसलों के रोकथाम के अलावा बताया कि गेहूं एवं मक्के की फसल के लिए उपयुक्त समय है.