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आमजनों की पहुंच से दूर हुआ आम, महंगाई के कारण कम हुए खरीदार

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Published : Jun 19, 2020, 7:28 PM IST

पैदावार कम होने के कारण इस साल आम काफी महंगा मिल रहा है. ऐसे में लोग जहां 5 किलो की खरीदी करते थे, अब 2 किलो से ही काम चला रहे हैं.

महंगा हुआ आम
महंगा हुआ आम

मुंगेर: गर्मियों के सीजन में मिलने वाला आम हर वर्ग और उम्र के लोगों को खूब भाता है. तभी तो इसे 'फलों का राजा' कहा जाता है. लेकिन, इस साल आम, आमलोगों की थाली से गायब नजर आ रहा है. दरअसल, पैदावार अच्छी नहीं होने के कारण आम की कीमत काफी ज्यादा है. नतीजतन लोग चाह कर भी खरीद नहीं पा रहे हैं.

महंगाई के कारण लोगों को अपने मन को भी काबू में रखना पड़ रहा है. आम आदमी पहले जहां 5 किलो आम खरीदते थे. अब वह 2 किलो की खरीदी करके ही संतोष कर रहे हैं. बेमौसम बारिश, आंधी-तूफान और कीट-पतंगों के कारण इस वर्ष आम का पैदावार 50 फीसदी से भी कम हुई है.

munger
आम की पैदावार न होने से किसान परेशान

बेमौसम बारिश के कारण पैदावार हुई कम
मुंगेर की 60 हेक्टेयर भूमि पर आम की फसल होती है. इस वर्ष लगातार बेमौसम बारिश के कारण शुरू में ही आम के मंजर बड़ी मात्रा में पेड़ों से झड़ गए थे. तेज आंधी और तूफान के कारण आम के टिकोला को भी जबरदस्त नुकसान हुआ था. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक मुकेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष मौसम सही नहीं रहा. बेमौसम बारिश होती रही. जिस कारण फल बर्बाद हुए.

munger
मुंगेर में आम का बागीचा

उपज कम, खपत ज्यादा इसलिए कीमतें अधिक
आम का कारोबार 50 से 60 हजार करोड़ का होता है. इस वर्ष आम की आधी फसल खराब हो गई. पीड़ित किसान सिराजुल कहते हैं कि जिले में आम की द्विवर्षीय फसल होती है. 1 वर्ष के बाद आम के मंजर सभी पेड़ों पर आते हैं. पिछले साल सभी पेड़ पर मंजर आए थे. इस वर्ष आधे पेड़ पर ही आए. इसके अलावा मौसम भी आम के लिए अनुकूल नहीं रहा. लगातार ओलावृष्टि, आंधी-तूफान और बारिश के कारण आम की पैदावार प्रभावित हुई.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

पिछले साल कीमत रही 20 रुपये किलो
उपज कम खपत अधिक होने से बाजार में दोगुने कीमत पर आम बिक रही है. बाजार में आम की कीमतें पिछले साल जून-जुलाई में 20 रुपये प्रति किलो थी. वर्तमान में 50 से 100 रुपये किलो है. उन्होंने कहा कि मुंगेर का दूधिया मालदाह आम पटना, रांची के अलावा लोग देश की राजधानी दिल्ली तक अपने परिवार के लोगों को संदेशा के रूप में भेजते हैं. इस वर्ष पैदावार कम होने के कारण बाहर आम नहीं जा रहे हैं. स्थानीय बाजार में भी सही से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

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ग्राहक का इंतजार करते दुकानदार

10 हजार टन कम पैदावार हुई आम
जानकारों की मानें तो मुंगेर के 60 हेक्टेयर भूमि पर आम की खेती की जाती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार निर्धारित क्षेत्रफल के अनुसार 30 हजार टन आम की पैदावार होनी चाहिए. मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण इस बार आम की फसल करीब 10 हजार से 13 हजार टन कम पैदावार हुई है.

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नहीं हुई आम की पैदावार

थोक मंडी का भाव
इस साल मुंगेर में आम काफी महंगा बिक रहा है. लोग सीमित मात्रा में आम खरीद रहे हैं. मुंगेर की थोक मंडी में आम का भाव इस प्रकार है:

प्रति सैकड़ा दूधिया मालदह

  • बड़ा आकार का फल- 1500 रुपये
  • मझोले आकार का फल- 1000 रुपये
  • छोटे आकर का फल- 800 रुपये

मूल्य प्रति किलो

  • बड़ा फल प्रति किलो 80 से 100 रुपये
  • छोटे फल प्रति किलो 40 से 50 रुपये

मुंगेर: गर्मियों के सीजन में मिलने वाला आम हर वर्ग और उम्र के लोगों को खूब भाता है. तभी तो इसे 'फलों का राजा' कहा जाता है. लेकिन, इस साल आम, आमलोगों की थाली से गायब नजर आ रहा है. दरअसल, पैदावार अच्छी नहीं होने के कारण आम की कीमत काफी ज्यादा है. नतीजतन लोग चाह कर भी खरीद नहीं पा रहे हैं.

महंगाई के कारण लोगों को अपने मन को भी काबू में रखना पड़ रहा है. आम आदमी पहले जहां 5 किलो आम खरीदते थे. अब वह 2 किलो की खरीदी करके ही संतोष कर रहे हैं. बेमौसम बारिश, आंधी-तूफान और कीट-पतंगों के कारण इस वर्ष आम का पैदावार 50 फीसदी से भी कम हुई है.

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आम की पैदावार न होने से किसान परेशान

बेमौसम बारिश के कारण पैदावार हुई कम
मुंगेर की 60 हेक्टेयर भूमि पर आम की फसल होती है. इस वर्ष लगातार बेमौसम बारिश के कारण शुरू में ही आम के मंजर बड़ी मात्रा में पेड़ों से झड़ गए थे. तेज आंधी और तूफान के कारण आम के टिकोला को भी जबरदस्त नुकसान हुआ था. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक मुकेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष मौसम सही नहीं रहा. बेमौसम बारिश होती रही. जिस कारण फल बर्बाद हुए.

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मुंगेर में आम का बागीचा

उपज कम, खपत ज्यादा इसलिए कीमतें अधिक
आम का कारोबार 50 से 60 हजार करोड़ का होता है. इस वर्ष आम की आधी फसल खराब हो गई. पीड़ित किसान सिराजुल कहते हैं कि जिले में आम की द्विवर्षीय फसल होती है. 1 वर्ष के बाद आम के मंजर सभी पेड़ों पर आते हैं. पिछले साल सभी पेड़ पर मंजर आए थे. इस वर्ष आधे पेड़ पर ही आए. इसके अलावा मौसम भी आम के लिए अनुकूल नहीं रहा. लगातार ओलावृष्टि, आंधी-तूफान और बारिश के कारण आम की पैदावार प्रभावित हुई.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

पिछले साल कीमत रही 20 रुपये किलो
उपज कम खपत अधिक होने से बाजार में दोगुने कीमत पर आम बिक रही है. बाजार में आम की कीमतें पिछले साल जून-जुलाई में 20 रुपये प्रति किलो थी. वर्तमान में 50 से 100 रुपये किलो है. उन्होंने कहा कि मुंगेर का दूधिया मालदाह आम पटना, रांची के अलावा लोग देश की राजधानी दिल्ली तक अपने परिवार के लोगों को संदेशा के रूप में भेजते हैं. इस वर्ष पैदावार कम होने के कारण बाहर आम नहीं जा रहे हैं. स्थानीय बाजार में भी सही से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

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ग्राहक का इंतजार करते दुकानदार

10 हजार टन कम पैदावार हुई आम
जानकारों की मानें तो मुंगेर के 60 हेक्टेयर भूमि पर आम की खेती की जाती है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार निर्धारित क्षेत्रफल के अनुसार 30 हजार टन आम की पैदावार होनी चाहिए. मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण इस बार आम की फसल करीब 10 हजार से 13 हजार टन कम पैदावार हुई है.

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नहीं हुई आम की पैदावार

थोक मंडी का भाव
इस साल मुंगेर में आम काफी महंगा बिक रहा है. लोग सीमित मात्रा में आम खरीद रहे हैं. मुंगेर की थोक मंडी में आम का भाव इस प्रकार है:

प्रति सैकड़ा दूधिया मालदह

  • बड़ा आकार का फल- 1500 रुपये
  • मझोले आकार का फल- 1000 रुपये
  • छोटे आकर का फल- 800 रुपये

मूल्य प्रति किलो

  • बड़ा फल प्रति किलो 80 से 100 रुपये
  • छोटे फल प्रति किलो 40 से 50 रुपये
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