मुंगेर: एक महीने तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला अपनी समाप्ति की ओर है. मेला समाप्त होने में महज 7 से 8 दिन बचे है. लेकिन अब तक कई शिविरों में समय पर दवाइयां नहीं मुहैया कराई गई है. जिससे कांवरियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. कांवरियों को अपना इलाज सरकारी शिविरों में ना कराकर दूसरी जगहों पर कराना पड़ रहा है.
प्रशासन का दावा कि व्यवस्थाएं है दुरुस्त
गर्म धूप होने पर कांवरियों के पैदल चलने के लिए बिछाए गए रेतीले बालू गर्म हो जाते है और इस पर चलने वाले कांवरियों के पांव में छाले पड़ जाते है. कांवरियों के छाले की दवाई स्वास्थ्य सेवा शिविर में उपलब्ध नहीं है. पैर में दर्द हो, सर्दी हो, बुखार हो या छाले पड़े, किसी भी प्रकार की दवाईयां इन सरकारी स्वास्थ शिविरों में नहीं मिल रही हैं. वहीं जिला प्रशासन लगातार दावा कर रही हैं कि मेले की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त है.लेकिन हकीकत में कांवरियों के लिए चलाया जा रहे सरकारी कार्यक्रम सिर्फ कागजों तक ही सीमित है.
चिकित्सकों का भी मानना, दवाईयां हैं कम
स्वास्थ्य शिविरों में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों का भी मानना हैं कि शिविर में दवाईयों का घोर अभाव है. जितनी दवा आनी चाहिए उतनी समय पे नहीं आई और यदि आई भी तो मेला समाप्त होने के महज 7-8 दिन में आई. गौरतलब है कि जिला प्रशासन की टीम मुंगेर सीमा क्षेत्र के कमराय से लेकर संग्रामपुर तक शिवभक्तों के बीच लगातार माईकिंग कर रही है. ऐसे में प्रशासन कांवरियों को किसी भी तरह की असुविधा न होने का खयाल रख रही है.