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मुंगेर: श्रावणी मेले में लगे स्वास्थ्य शिविरों में है दवाइयों का अभाव, कांवरियों को हो रही परेशानी - deoghar

एक माह तक चलने वाले विश्व प्रसिध्द श्रावणी मेले में लगे स्वास्थ्य शिविरों में दवाईयों का अभाव है. छाले में उपयोग आने वाली दवाइयां और मलहम नहीं मिलने से कांवरियों को परेशानी हो रही है.

मुंगेर के श्रावणी मेले में लगा स्वास्थ शिविर
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Published : Aug 9, 2019, 3:52 PM IST

मुंगेर: एक महीने तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला अपनी समाप्ति की ओर है. मेला समाप्त होने में महज 7 से 8 दिन बचे है. लेकिन अब तक कई शिविरों में समय पर दवाइयां नहीं मुहैया कराई गई है. जिससे कांवरियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. कांवरियों को अपना इलाज सरकारी शिविरों में ना कराकर दूसरी जगहों पर कराना पड़ रहा है.

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स्वास्थ शिविर में इलाज करवाते कांवरिया


प्रशासन का दावा कि व्यवस्थाएं है दुरुस्त
गर्म धूप होने पर कांवरियों के पैदल चलने के लिए बिछाए गए रेतीले बालू गर्म हो जाते है और इस पर चलने वाले कांवरियों के पांव में छाले पड़ जाते है. कांवरियों के छाले की दवाई स्वास्थ्य सेवा शिविर में उपलब्ध नहीं है. पैर में दर्द हो, सर्दी हो, बुखार हो या छाले पड़े, किसी भी प्रकार की दवाईयां इन सरकारी स्वास्थ शिविरों में नहीं मिल रही हैं. वहीं जिला प्रशासन लगातार दावा कर रही हैं कि मेले की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त है.लेकिन हकीकत में कांवरियों के लिए चलाया जा रहे सरकारी कार्यक्रम सिर्फ कागजों तक ही सीमित है.

मुंगेर के श्रावणी मेले में लगा स्वास्थ शिविर


चिकित्सकों का भी मानना, दवाईयां हैं कम
स्वास्थ्य शिविरों में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों का भी मानना हैं कि शिविर में दवाईयों का घोर अभाव है. जितनी दवा आनी चाहिए उतनी समय पे नहीं आई और यदि आई भी तो मेला समाप्त होने के महज 7-8 दिन में आई. गौरतलब है कि जिला प्रशासन की टीम मुंगेर सीमा क्षेत्र के कमराय से लेकर संग्रामपुर तक शिवभक्तों के बीच लगातार माईकिंग कर रही है. ऐसे में प्रशासन कांवरियों को किसी भी तरह की असुविधा न होने का खयाल रख रही है.

मुंगेर: एक महीने तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला अपनी समाप्ति की ओर है. मेला समाप्त होने में महज 7 से 8 दिन बचे है. लेकिन अब तक कई शिविरों में समय पर दवाइयां नहीं मुहैया कराई गई है. जिससे कांवरियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं. कांवरियों को अपना इलाज सरकारी शिविरों में ना कराकर दूसरी जगहों पर कराना पड़ रहा है.

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स्वास्थ शिविर में इलाज करवाते कांवरिया


प्रशासन का दावा कि व्यवस्थाएं है दुरुस्त
गर्म धूप होने पर कांवरियों के पैदल चलने के लिए बिछाए गए रेतीले बालू गर्म हो जाते है और इस पर चलने वाले कांवरियों के पांव में छाले पड़ जाते है. कांवरियों के छाले की दवाई स्वास्थ्य सेवा शिविर में उपलब्ध नहीं है. पैर में दर्द हो, सर्दी हो, बुखार हो या छाले पड़े, किसी भी प्रकार की दवाईयां इन सरकारी स्वास्थ शिविरों में नहीं मिल रही हैं. वहीं जिला प्रशासन लगातार दावा कर रही हैं कि मेले की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त है.लेकिन हकीकत में कांवरियों के लिए चलाया जा रहे सरकारी कार्यक्रम सिर्फ कागजों तक ही सीमित है.

मुंगेर के श्रावणी मेले में लगा स्वास्थ शिविर


चिकित्सकों का भी मानना, दवाईयां हैं कम
स्वास्थ्य शिविरों में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों का भी मानना हैं कि शिविर में दवाईयों का घोर अभाव है. जितनी दवा आनी चाहिए उतनी समय पे नहीं आई और यदि आई भी तो मेला समाप्त होने के महज 7-8 दिन में आई. गौरतलब है कि जिला प्रशासन की टीम मुंगेर सीमा क्षेत्र के कमराय से लेकर संग्रामपुर तक शिवभक्तों के बीच लगातार माईकिंग कर रही है. ऐसे में प्रशासन कांवरियों को किसी भी तरह की असुविधा न होने का खयाल रख रही है.

Intro:एक माह तक चलने वाले विश्व प्रसिध्द श्रावणी मेले में लगे स्वास्थ शिविरों में दवाईयों का अभाव , छाले में उपयोग आने वाली दवाइयां और मलहम नही मिलने से कांवरियों को हो रही परेशानी। Body:मुंगेर - विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला अपनी समाप्ति की ओर है । एक माह तक चलने वाले मेला को समाप्त होने में महज 7 से 8 दिन शेष बचे है। लेकिन अब तक कई शिविरों में दवाइयां तक मुहेया नही की गयी है। जिससे कांवरियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कांवरियों को अपना इलाज सरकारी शिविरों में ना कराकर दूसरी जगहो पर कराना पड़ रहा है। गर्म धूप होने पर कांवरियों के पैदल चलने के लिए बिछाए गए रेतीला बालू गर्म हो जाता है और इस पर चलने वाले कांवरियों के पांव में छाले पड़ जाते हैं । कांवरियों के छाले की दवाई स्वास्थ्य सेवा शिविर में उपलब्ध नहीं है। साथ ही पैर में दर्द, सर्दी या बुखार के अलावे चलते-चलते जांघ में पड़ने वाले छाले के लिए भी इन सरकारी स्वास्थ शिविरों में दवाईयां नहीं मिल रही हैं । वहीं जिला प्रशासन लगातार दावा कर रही हैं कि मेला की सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त है ।लेकिन हकीकत में कांवरियों के लिए चलाया जा रहा सरकारी कार्यक्रम कागजों तक ही सीमित है। वहीं स्वास्थ्य शिविरों में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों का भी मानना हैं कि शिविर में दवाईयों का घोर अभाव है। जिला प्रशासन की टीम मुंगेर सीमा क्षेत्र के कमराय से लेकर संग्रामपुर तक शिवभक्तों के बीच लगातार माईकिंग कर किसी भी तरह की असुविधा होने पर मेला में तैनात पदाधिकारियों और मेला मित्रों से मिलने अपील कर रही है। ताकि देवघर जा रहे श्रध्दालुओ को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। कांवरिया बाबा भोलेनाथ के सहारे 105 किलोमीटर की लंबी दुरी की यात्रा बोल बम के नारों के बीच करने को मजबूर है।
बाइट -
चिकित्सक ।
सामाजिक कार्यकर्ता ।Conclusion:
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