मुंगेर: बुधवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई. सदर अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन पुरुषोत्तम कुमार ने फीता काटकर इसकी शुरुआत की. मौके पर उन्होंने 5 बच्चों को टीका भी लगाया.
टीकाकरण सत्र का आयोजन
सिविल सर्जन ने बताया कि मुंगेर में यह केंद्र सरकार ने चौथे चरण में लागू किया गया है. इसमें एक लाख 40 हजार बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए जिले में एक साथ बुधवार को 509 स्थानों पर टीकाकरण सत्र का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्य लगातार 28 दिनों तक 17 जून से 15 जुलाई तक नियमित टीकाकरण अभियान के रूप में चलाया जा रहा है.
जेई का टीका पूरी तरह सुरक्षित
सिविल सर्जन पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि इलाके से अभी तक डेंगू, स्वाइन फ्लू और मस्तिष्क ज्वर के एक भी मरीज नहीं आए हैं. पिछले वर्ष जापानी बुखार के 2 मरीज के बारे में पता चला था. जापानी इंसेफलाइटिस बीमारी क्यूटक्स मच्छर से फैलता है. जिसमें चमकी बुखार भी होता है और यह जानलेवा भी हो सकता है. सीएस ने बताया कि जेई का टीका पूरी तरह सुरक्षित है. टीका का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. यह टीका बच्चों के दाहिने मध्य जांघ के बाहरी भाग की मांसपेशियों में दिया जाता है.
क्या बोले सिविल सर्जन
जापानी बुखार के लक्षण और बचाव के बारे में सिविल सर्जन ने बताया कि जापानी इंसेफलाइटिस फैलाने वाले जापानी इंसेफलाइटिस विषाणु के पश्चात बीमारी का कोई विशेष इलाज नहीं है. लेकिन बीमारी का शुरू में ही पता चल जाने से उपचार जल्दी किया जाए तो, ऐसी स्थिति में पीड़ित बच्चे या व्यक्ति की जान को बचाया जा सकता है. इसका इलाज टीकाकरण ही है.