मुंगेर: बिहार के मुंगेर (Munger) में आईटीसी द्वारा ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant In Munger) लगाया गया है. इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी संभव है. महज 22 दिनों में प्राइवेट कंपनी आईटीसी (ITC) ने ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर जिला प्रशासन को सौंप है. लेकिन राज्य सरकार द्वारा जिले में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा अब तक जमीन पर नहीं उतरी है.
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5 दिनों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित
बिहार सरकार ने मुंगेर जिले में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा की थी. लेकिन यह प्लांट 2 महीने बीतने के बाद भी नहीं लग पाया. इसके विपरीत आईटीसी प्राइवेट कंपनी ने जिला प्रशासन के अनुरोध पर विदेशों से सामान मंगाकर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर जिला प्रशासन को सौंप दिया.
डीएम ने की थी अपील
अब 22 दिनों में जब एक निजी संस्था ऑक्सीजन प्लांट तैयार कर सकती है तो सरकार क्या कर रही है, यह एक बड़ा सवाल है? मुंगेर की तत्कालीन डीएम रचना पाटिल और मुंगेर के विधायक प्रणव कुमार ने कोरोना की दूसरे लहर के दौरान आईटीसी से एक ऑक्सीजन प्लांट लगा देने का अनुरोध किया था.
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एजेंसी को किया गया हायर
इस मामले में आईटीसी के अधिकारी वाईपी सिंह ने कहा कि इस कार्य के लिए हमने एक एजेंसी को हायर किया. उन्होंने मात्र 22 दिनों में ही 500 लिक्विड पर मिनट उत्पादन की क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट का संधारण मुंगेर पूरबसराय जीएनएम स्कूल परिसर में कर दिया है. सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं.
सरकारी स्तर पर लगने हैं दो प्लांट
इस प्लांट के माध्यम से जीएनएम स्कूल में बने कोविड-19 डेटीकेटेड अस्पताल के 100 बेड तक केंद्रीयकृत पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन पहुंचाई जाएगी. पाइप लाइन बिछाने के अलावे सभी कार्यों को पूरा कर लिया गया है. जिले में सरकारी स्तर पर दो प्लांट लगने हैं. लेकिन उसका अभी तक कोई अता-पता नहीं है. जिले में सदर अस्पताल और तारापुर रेफरल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगने हैं.
दोनों स्थानों पर जगह चयनित कर लिया गया है. बेसिक कार्य किए जा रहे हैं. सदर अस्पताल में 300 एलपीएम और तारापुर रेफरल अस्पताल में 200 एलपीएम क्षमता वाले प्लांट लगाए जाने हैं. लेकिन यह कार्य कब पूरा होगा और ऑक्सीजन प्लांट की मशीनें कब आएंगी, इस पर वे कोई सीधे जवाब देने से बचते नजर आए. अब विपक्ष सरकारी कार्यप्रणाली पर उठा रहा है- आलोक कुमार भारती, सिविल सर्जन
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'वर्तमान में केंद्र सरकार हो या बिहार की नीतीश सरकार, दोनों आम आदमी के हित के लिए नहीं बल्कि जुमला बाजी करने के लिए बनी है. यह केवल घोषणा करने वाली सरकार है. अगर इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी संभव है. आईटीसी एक निजी कंपनी है, जब वह 22 दिनों में प्लांट स्थापित कर सकती है. तो सरकार क्यों नहीं? सरकार की कार्यशैली काम करने की नहीं है. जनता को केवल लॉलीपॉप थमाया जा रहा है"- संजय पासवान, जिला उपाध्यक्ष, राजद