मुंगेर: प्रदेश की दो विधानसभा सीट पर शनिवार को हुआ उपचुनाव शंतिपूर्वक संपन्न हो गया. सभी दलों ने इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, लेकिन मुंगेर की तारापुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार शिव गांधी (Independent Candidate Shiv Gandhi) वोट मांगने के बजाय साफ-सफाई को चुनकर एक नई मिसाल पेश की. शहीद स्मारक चौक (Shaheed Smarak Chowk Tarapur) की दुर्दशा देख वह प्रचार छोड़कर उसकी सफाई में जुट गये और एक सप्ताह के भीतर शहीद स्मारक चौक का कायाकल्प कर उसे तिरंगे की शक्ल दे दी. जिससे चारों ओर लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं.
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बता दें कि रोहतास जिले के रहने वाले शिव गांधी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तारापुर विधानसभा सीट से ताल ठोकीं थी. प्रचार करने के दौरान उनका ध्यान तारापुर थाना के सामने शहीद स्मारक चौक पर गया. जिसकी दुर्दशा और वहां फैली गंदगी को देखकर वह द्रवित हो गये. चुनाव की चिंता छोड़ वह स्मारक को सजाने-संवारने में जुट गये और उसकी साफ-सफाई करके, तिरंगे का स्वरूप दे दिया.
गौरतलब है कि जनवरी माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में तारापुर थाना भवन पर तिरंगा फहराने के दौरान 32 शहीद क्रांतिकारियों का जिक्र किया था. बताया जाता है कि 15 फरवरी 1932 में सैकड़ों धावक तारापुर थाना पर लगा अंग्रेजी झंडे को उतारने पहुंचे थे. जिसमें अंग्रेजों की गोलियों से 32 जवान शहीद हुए थे. शहीद जवानों के याद में शहीद चौक बनाया गया था.
वहीं, निर्दलीय प्रत्याशी शिव गांधी ने कहा कि तारापुर विधानसभा उपचुनाव में 9 प्रत्याशी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. सभी लोग विकास के दावे करने में लगे हैं, लेकिन उनके सामने इतने बड़े क्रांतिकारियों के स्थल पर किसी की नजर नहीं गई. उन्होंने बताया कि प्रचार को छोड़कर उन्होंने इस स्थल को संवारने में वक्त गुजार दिया. यही नहीं वो मतदान के दिन बूथों पर भी निरीक्षण के लिए नहीं गए. झाड़ू उठाकर शहीद स्थल की सफाई में जुटे रहे. गंदगी साफ करने में उन्हें पूरा 1 सप्ताह में बीत गया. अब यह चौक लोगों को आकर्षित कर रहा है. शिव गांधी ने कहा कि चाहे चुनाव में हार मिले या जीत मुझे परिणाम की चिंता नही हैं, बस मैं इतना कहना चाहता हूं कि माननीयों को शहीद स्मारक चौक ध्यान रखना चाहिए था.
इस संबंध में स्थानीय विनोद कुमार ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से वो शिव गांधी को देख रहे हैं. प्रतिदिन आते थे और पूरे मनोयोग से कूड़ा-कचरा साफ करते थे. पहले इस शहीद स्मारक चौक पर आवारा पशुओं का कब्जा रहता था, यहां अस्थाई दुकानदार अतिक्रमण किए हुए थे, जगह-जगह कूड़ा-कचरा बिखरा पड़ा था. लेकिन एक सप्ताह के भीतर उन्होंने इस चौक का कायाकल्प कर दिया.
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