मुंगेर: मुंगेरवासियों का 18 सालों का सपना आज पूरा होने जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करीब 696 करोड़ की लागत से बने 14.51 किलोमीटर लंबे मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल (Munger Khagaria road Rail Bridge) के एप्रोच पथ का उद्घाटन करेंगे. इसका निर्माण एनएचएआई ने कराया है. दरअसल, 18 साल पहले मुंगेरवासियों के कई आंदोलन के बाद दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार को जोड़ने के लिये तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी गंगा नदी पर बने रेल सह सड़क पुल का शिलान्यास किया था. गंगा नदी पर श्री कृष्ण सेतु अपने शिलान्यास के 18 साल बाद बनकर तैयार है.
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इसके अलावा घोरघट पुल का भी उद्घाटन आज ही होना है. केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार संयुक्त रुप से पुल का लोकार्पण करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुंगेर आने के बाद सबसे पहले बरियारपुर प्रखंड अंतर्गत मुंगेर भागलपुर सीमा पर स्थित घोरघट पुल का उद्घाटन करेंगे. मुख्यमंत्री यहां चौपर से पहुंचेंगे, इसके लिए वहां हेलीपैड बनाया गया है.
घोरघट पुल का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से जीरो माइल मुंगेर पहुंचेंगे. जहां से वे कार्यक्रम स्थल पर एप्रोच पथ होते हुए लाल दरवाजा के पास टीका रामपुर सभा स्थल पर पहुंचेंगे. इसके बाद फीता काटकर मुंगेर-खगड़िया सड़क पुल का लोकार्पण करेंगे. लोकार्पण के बाद वह इसी नए सड़क पुल से के सड़क मार्ग से साहेबपुर कमाल पहुंचेंगे. फिर वहां से पटना वापस लौटेंगे.
मुंगेर-खगड़िया सड़क पुल के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता बिहार के मुखिया नीतीश कुमार करेंगे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी वर्चुअल माध्यम से मंच पर लगे विशाल एलईडी टीवी से तो नीतीश कुमार मंच पर मौजूद रहकर इसका उद्घाटन करेंगे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, सांसद राकेश सिन्हा, ललन सिंह, विधायक प्रणव कुमार राजीव कुमार सिंह भी मौजूद रहेंगे.
बता दें कि इस पुल के निर्माण का निर्णय उस समय लिया गया था, जब बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भारत सरकार में रेल मंत्री थे. इस पुल का शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा 2003 में किया गया था. यह पुल मुंगेर और बेगूसराय को जोड़ने वाला ब्रिज है. लोकार्पण के बाद आवागमन के लिए जनता को समर्पित किया जाएगा. दरअसल, पुल निर्माण के दौरान टोपो लैंड के मुआवजा की राशि के भुगतान के कारण यह परियोजना धीमी हो गई थी. राज्य सरकार द्वारा अक्टूबर 2021 में विशेष पैकेज के द्वारा मुआवजे की कुल 57 करोड़ की राशि भुगतान की स्वीकृति प्राप्त होते ही इस पुल के निर्माण की जारी बाधायें दूर हो गई थी.
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