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मुंगेर के तत्कालीन DSP रंजन कुमार के खिलाफ कार्रवाई, 3 वेतन वृद्धि पर लगी रोक

मुंगेर के तत्कालीन डीएसपी रंजन कुमार के खिलाफ अपराधियों को गिरफ्तार न करने और आर्म्स एक्ट के आरोपी को बिना सबूत इकट्ठा किए निर्दोष करार देने के दो मामलों में कार्रवाई की गई है. वर्तमान में वह आर्थिक अपराध इकाई में डीएसपी पद पर तैनात हैं. गृह विभाग ने उनकी तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाई है.

sardar patel bhawan
सरदार पटेल भवन
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Published : Dec 14, 2020, 8:30 PM IST

पटना: बिहार सरकार के गृह विभाग ने मुंगेर के तत्कालीन डीएसपी रंजन कुमार के खिलाफ कार्रवाई की है. उनकी तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है. रंजन वर्तमान में आर्थिक अपराध इकाई में डीएसपी पद पर तैनात हैं. गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी है.

अपराधियों को नहीं किया था गिरफ्तार
रंजन के खिलाफ 2011 के दो मामले में कार्रवाई की गई है. पहला मामला कुख्यात अपराधियों को नहीं पकड़ने से जुड़ा है. घटना 20 नवंबर 2011 की है. उस समय रंजन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर मुंगेर के पद पर कार्यरत थे. मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के महुली गांव में दो कुख्यात अपराधी गुटों (कमल किशोर यादव उर्फ किशोर यादव और मनीष यादव) के बीच गोलीबारी हुई थी. गोलीबारी की सूचना मिलने पर रंजन मौके पर पहुंचे थे, लेकिन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कोई पहल नहीं किया. उन्होंने थानाध्यक्ष को भी कार्रवाई करने से मना कर दिया.

बिना सबूत इकट्ठा किए आरोपी को बताया था निर्दोष
दूसरा मामला जमालपुर थाना क्षेत्र का है. उन्होंने अवैध हथियार रखने के मामले में मुख्य आरोपी मनीष मंडल के खिलाफ बिना सबूत इकट्ठा किए ही उसे निर्दोष करार दिया था. सीनियर अधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी का आदेश देने के बाद भी उसे गिरफ्तार करने का प्रयास नहीं किया. उन्होंने मामले के अनुसंधानकर्ता पर भी मनीष को गिरफ्तार न करने के लिए मौखिक दबाव बनाया.

बचाव के लिए ठीक ढंग से नहीं किया आवेदन
दोनों मामलों में रंजन कुमार द्वारा दिए गए रिव्यू एप्लिकेशन की समीक्षा की गई. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए रंजन कुमार ठीक तरह से आवेदन तक नहीं दे पाए.

पटना: बिहार सरकार के गृह विभाग ने मुंगेर के तत्कालीन डीएसपी रंजन कुमार के खिलाफ कार्रवाई की है. उनकी तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगाई गई है. रंजन वर्तमान में आर्थिक अपराध इकाई में डीएसपी पद पर तैनात हैं. गृह विभाग ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी है.

अपराधियों को नहीं किया था गिरफ्तार
रंजन के खिलाफ 2011 के दो मामले में कार्रवाई की गई है. पहला मामला कुख्यात अपराधियों को नहीं पकड़ने से जुड़ा है. घटना 20 नवंबर 2011 की है. उस समय रंजन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर मुंगेर के पद पर कार्यरत थे. मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के महुली गांव में दो कुख्यात अपराधी गुटों (कमल किशोर यादव उर्फ किशोर यादव और मनीष यादव) के बीच गोलीबारी हुई थी. गोलीबारी की सूचना मिलने पर रंजन मौके पर पहुंचे थे, लेकिन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कोई पहल नहीं किया. उन्होंने थानाध्यक्ष को भी कार्रवाई करने से मना कर दिया.

बिना सबूत इकट्ठा किए आरोपी को बताया था निर्दोष
दूसरा मामला जमालपुर थाना क्षेत्र का है. उन्होंने अवैध हथियार रखने के मामले में मुख्य आरोपी मनीष मंडल के खिलाफ बिना सबूत इकट्ठा किए ही उसे निर्दोष करार दिया था. सीनियर अधिकारियों द्वारा गिरफ्तारी का आदेश देने के बाद भी उसे गिरफ्तार करने का प्रयास नहीं किया. उन्होंने मामले के अनुसंधानकर्ता पर भी मनीष को गिरफ्तार न करने के लिए मौखिक दबाव बनाया.

बचाव के लिए ठीक ढंग से नहीं किया आवेदन
दोनों मामलों में रंजन कुमार द्वारा दिए गए रिव्यू एप्लिकेशन की समीक्षा की गई. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए रंजन कुमार ठीक तरह से आवेदन तक नहीं दे पाए.

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