मुंगेर: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर (Best Health Facilities ) करने के लिए 12 से अधिक योजनाओं को स्वास्थ्य विभाग (Bihar Health Department) ने स्वीकृति दी है. इसके तहत 300 बेड का अस्पताल, 100 बेड का कोरोना अस्पताल (Covid Hospital In Munger), 10 अतिरिक्त पीएचसी, हेल्थ वेलनेस सेंटर सहित 12 से अधिक योजनाएं शामिल हैं. अगले महीने सांसद ललन सिंह (MP Lalan Singh) योजनाओं का शिलान्यास करने के लिए मुंगर आने वाले हैं.
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राज्य सरकार ने मुंगेर जिले के लिए 12 से अधिक योजनाओं को स्वीकृति दी है. अब जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से बेहतर होगी. पटना के बाद मुंगेर राज्य का पहला जिला होगा जहां शहरी अस्पताल से लेकर अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर चल रहे स्वास्थ्य केंद्रों का स्वरूप बदल जाएगा. गरीब मरीजों का बेहतर इलाज संभव होगा. जदयू जिलाध्यक्ष ने बताया कि सांसद ललन सिंह की पहल से जिले के कई सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भवन बनाए जाने की तैयारी चल रही है.
सांसद ललन सिंह ने बताया कि जिले के मकवा, झौवाबहियार, दुर्गापुर, लौना, मानिकपुर, मुजफ्फरगंज, पहाड़पुर, शिवकुंड, रमनकबाद और बाहाचौकी में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना होगी. इसकी भी मंजूरी दे दी गई है. सदर अस्पताल के पुराने भवन की मरम्मती के लिए प्राक्कलन भी तैयार कर लिया गया है. तारापुर और जिला अस्पताल में 24 घंटे डिजिटल एक्सरे की सुविधा बहाल की गई है.
जांच के लिए आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे. सांसद अगले माह योजनाओं का शिलान्यास करने पहुंचेंगे. सांसद ने कहा कि मुंगेर के लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना ही प्राथमिकता है. जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को डेवलप करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. हर जगह सुविधाएं बढ़ने से जिलेवासियों को काफी सहूलियत और राहत मिलेगी.
तारापुर विधानसभा क्षेत्र में पांच हेल्थ वेलनेस सेंटर और एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनेगा. इसी तरह मुंगेर विधानसभा अंतर्गत पांच हेल्थ वेलनेस सेंटर, एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य, बरियापुर, जमालपुर, टेटिया बंबर, असरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आधारभूत संरचना निर्माण की मंजूरी मिली है.
सदर अस्पताल को मार्डन बनाया जाएगा. तीन सौ बेड के अस्पताल भवन के लिए स्वीकृति मिल गई है. निविदा प्रक्रिया भी जल्द होगी. इसके साथ ही कोरोना को देखते हुए सांसद की पहल पर मुख्यालय में 100 बेड का अलग से डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनेगा. इससे कोरोना पीड़ितों को इलाज में काफी सहूलियत होगी. जिले में कुल 40 नये हेल्थ वेलनेस सेंटर की मंजूरी दे दी गई है.- हरेंद्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन
जिला और तारापुर अस्पताल के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमालपुर, धरहरा, असरगंज, हवेली खड़गपुर, संग्रामपुर, टेटिया बंबर में 24 घंटे पैथोलाजी जांच की सुविधा शुरू कर दी गई है. अब तक लोगों को जांच के लिए निजी जांच घरों का सहारा लेना पड़ रहा है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हवेली खड़गपुर, संग्रामपुर, धरहरा और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जमालपुर में डिजिटल एक्सरे मशीन इंस्टाल की गई है. सदर अस्पताल में आरटीपीसीआर लैब व डायलिसिस की सुविधा शुरू कर दी गई है. एएनएम स्कूल मुंगेर और तारापुर में पीसीए प्लांट की स्थापित की गई. जीएनएम स्कूल में 100 बेड पर आक्सीजन पाइप जोड़ा गया है.
स्थानीय सांसद की पहल पर जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने के बयान को राजद नेताओं ने हास्यास्पद और मुंगेर की जनता को दिग्भ्रमित करने वाला बताया है. राजद जिलाध्यक्ष देवकीनंदन सिंह ने कहा कि राज्य की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था के मामले में बिहार राष्ट्रीय स्तर पर सबसे निचले पायदान पर खड़ा है. ठीक उसी प्रकार मुंगेर प्रमंडलीय मुख्यालय भी स्वास्थ्य व्यवस्था के मामले में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है.
जिस मुंगेर सदर अस्पताल को सांसद तथा जिला प्रशासन हाईटेक बनाने की बात कर रहे हैं उस सदर अस्पताल में आज एक भी सर्जन नहीं है. यहां न तो पर्याप्त संख्या में विशेषज्ञ डाक्टर हैं, न नर्स, कम्पाउंडर और लैब टेक्नीशियन ही. सत्तारुढ़ दल के नेता जिस अस्पताल को मॉर्डन अस्पताल बनाने की बात कर रहे हैं इसकी स्वीकृति आज से 4 वर्ष पहले महागठबंधन सरकार में ही मिल चुकी थी. सदर अस्पताल के पुराने भवन की जगह बहुमंजिला भवन निर्माण की भी सहमति बनी थी.- देवकीनंदन सिंह, जिलाध्यक्ष, राजद
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