मुंगेरः गंगा नदी के जलस्तर (Water Level Of Ganga) में बेतहाशा वृद्धि दर्ज की जा रही है. बीते चार दिनों से जारी जलस्तर वृद्धि का सबब ये है कि बक्सर, पटना के साथ ही मुंगेर में नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. मुंगेर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर 38.60 मीटर पर बह रही है.
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बता दें कि मुंगेर में गंगा नदी का चेतावनी स्तर 38.33 मीटर है, जिससे नदी का बहाव 70 सेमी ऊपर है. मौजूदा स्थिति बनी रही तो अगले 24 घंटे में मुंगेर में भी गंगा के जलस्तर खतरे के निशान को पार कर जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त सूचना के अनुसार शुक्रवार की सुबह 8:00 बजे तक गंगा का जलस्तर 38.60मीटर तक पहुंच गया है. वही अभी भी इस में बढ़ोतरी जारी रहने का अनुमान लगाया गया है. गंगा के जलस्तर में तेज गति से हो रही बढ़ोतरी के कारण जिले में इस बार बाढ़ की समस्या के विगत एक दशक से अधिक लंबे समय के रिकार्ड को तोड़ देने की संभावना जताई जा रही है.
बता दें कि इससे पहले 2016 में बाढ़ आई थी, लेकिन उस समय भी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार नहीं कर पाया था. लेकिन इस बार अभी ही गंगा का रौद्र रूप दिखने लगा है. लोगों को डर है कि जब अभी से ही ये स्थिति बनी हुई है, तो बाढ़ आने के बाद काफी जान-माल का नुकसान होगा. यहां जानना जरूरी है कि मुंगेर जिला सदर अनुमंडल क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन से अधिक पंचायत के 50 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं.
"जिले में गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार चुका कर चुका है. संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पूरी व्यवस्था कर ली है. शुक्रवार शाम तक एनडीआरएफ की टीम मुंगेर पहुंच रही है. सरकारी और निजी नाव की व्यवस्था कर ली गई है. आवश्यक दवा एवं खाद्य पदार्थों का भंडारण कर लिया गया है, ताकि किसी भी परिस्थिति से निपटा जा सके.- नवीन कुमार, डीएम
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"शक्तिपीठ चंडिका स्थान के गर्भ गृह में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. डेढ़ फीट पानी और बढ़ा तो मां के पवित्र नेत्र को गंगाजल छू लेगा. मान्यता है कि मां के नेत्र को छूने के बाद गंगा का जलस्तर घटने लगता है."- नंदन बाबा, पुजारी, शक्तिपीठ
इस संबंध में एसडीएम ने कहा है कि तारापुर दियारा, मनिहार चक कुतलूपुर, तोफिर दियारा, गायरा पहाड़, सीता चरण, सीताकुंड डीह, टिकारामपुर, कुतलुपुर के दियारा इलाके में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. जिससे दियारा के लोग नाव पर, कीमती सामान जानवर लेकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचना शुरू कर दिए हैं.