मुंगेरः बिहार विधानसभा में नित्य नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं. बिहार विधानसभा की कार्यवाही के दौरान लोकतांत्रिक मर्यादाओं की धज्जियां उड़ रही हैं. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के साथ हुए विवाद के बाद सभी तरफ चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे शर्मनाक बताया.
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"पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री ने जिस तरह कहा कि सदन ऐसे नहीं चलेगा तो फिर सदन कैसे चलेगा? सदन चलाने की जिम्मेदारी किसकी है? मंत्री सम्राट चौधरी ने धमकी वाले अंदाज में विधानसभा अध्यक्ष से बात की. ऐसा लग रहा था वो डांट-फटकार लगा रहे हों. अध्यक्ष ने आखिरकार सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. यह सभी घटनाएं साबित करती है कि विधानसभा में सत्ता पक्ष आसन की मर्यादा नहीं समझ पा रहे हैं."- जयप्रकाश नारायण यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री
'सत्ता पक्ष दिखा रहे अध्यक्ष को उंगली'
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि आसन की ओर इशारा कर अमर्यादित शब्दों का प्रयोग करना गलत है. यह गलत परंपरा की शुरुआत है. उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही शांतिपूर्ण से चलाना सत्ता पक्ष की जिम्मेवारी है. लेकिन सत्ता पक्ष के ही लोग विधानसभा नहीं चलने दे रहे हैं और विधानसभा अध्यक्ष को उंगली दिखा रहे हैं. मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि सत्ता पक्ष आसन की मर्यादा नहीं समझ पा रहे हैं.
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'सवाल करना विपक्ष का काम'
जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि विपक्ष का सवाल करना काम है. विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देना सत्ता पक्ष की जिम्मेदारी है. लेकिन बिहार में सत्ता पक्ष की मंशा सदन नहीं चलने देने की है. ऐसे में बिहार का विकास क्या होगा. उन्होंने कहा कि यह गलत परंपरा की शुरुआत हो रही है इस पर तुरंत विराम लगना चाहिए.