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कोरोना से बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री सह तारापुर विधायक मेवालाल चौधरी का निधन - Tarapur MLA Mevalal Chaudhary Corona Positive

बिहार सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री सह तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मेवालाल चौधरी की कोरोना से मौत हो गई. सुबह 4:30 बजे पारस अस्पताल में उनकी मौत हुई. 4 दिन पहले वे कोरोना पॉजिटिव हुए थे. परिवार एवं क्षेत्र में शोक का माहौल है.

तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन
तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन
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Published : Apr 19, 2021, 6:42 AM IST

Updated : Apr 19, 2021, 8:19 AM IST

मुंगेर/पटना: तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का आज सुबह 4:30 बजे पारस अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. वे कोरोना से पीड़ित थे. उन्हें लंग्स में निमोनिया की शिकायत थी. 4 दिन पूर्व ही उन्हें छाती में तेज दर्द की शिकायत पर मुंगेर सिटी क्रिटिकल हॉस्पिटल लाया गया था. जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए पटना जाने की सलाह दी थी. डॉक्टरों की सलाह पर पारस अस्पताल में इलाज के लिए वे भर्ती थे. सोमवार के 4:30 बजे वे कोरोना से जंग हार गए. उनका निधन हो गया.

तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन
तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन

यह भी पढ़ें- बिहार में कोरोना से 24 घंटे में 27 मौतें

क्षेत्र में शोक की लहर
मेवालाल चौधरी लगातार दूसरी बार विधायक बने थे. उनका जन्म 4 जनवरी 1953 को हुआ था. वे 68 वर्ष के थे. अचानक उनकी मौत के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. लोगों को सहसा विश्वास नहीं हो रहा कि वे अब इस दुनिया में नहीं रहे. तारापुर विधानसभा क्षेत्र के उनके चाहने वाले एवं परिवार के लोग गमजदा हैं. उनके दो पुत्र विदेश में रहते हैं. वे भी गमजदा हैं.

पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी के साथ स्वर्गीय मेवालाल चौधरी
पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी के साथ स्वर्गीय मेवालाल चौधरी

पत्नी ने छोड़ दिया था सीट
मेवालाल चौधरी को राजनीति विरासत में मिली थी. उनकी पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी 2010 से 2015 तक तारापुर से विधायक रही थीं. वह राजनीति में काफी सक्रिय थीं. मेवालाल चौधरी सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके थे. जब वे कृषि विश्वविद्यालय से रिटायर हुए तो उनकी पत्नी ने यह सीट उनके लिए छोड़ दी. जदयू ने पत्नी की जगह मेवालाल को टिकट दिया. मेवालाल भारी मतों से जीते भी थे.

यह भी पढ़ें- Bihar Corona Update: PMCH में 9, NMCH में 8 और मौतें, गया में 12 घंटे में 11 मरीजों की गई जान

कुछ घंटों के लिए बने थे शिक्षा मंत्री
दूसरी बार 2020 में मेवालाल चौधरी विधायक बने. नई सरकार में उन्हें शिक्षा मंत्री का पद दिया था. लेकिन कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए सहायक प्रोफेसर भर्ती घोटाले का अभियुक्त होने के कारण विपक्ष ने यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया. इस पर मेवालाल चौधरी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. बता दें कि उन्होंने 19 नवंबर को पदभार ग्रहण किया था. विपक्ष के हंगामे के बाद उन्हें तीन घंटे के बाद ही स्तीफा देना पड़ा था. उन्होंने पदभार ग्रहण करने के 71 घंटे पहले शपथ ली थी.

तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी
तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी

पत्नी थी विधायक, हुई थी संदेहास्पद मौत
मेवालाल की पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी 2010 से 2015 तक तारापुर से विधायक रही थीं. वह राजनीति में काफी सक्रिय थीं. 2019 में रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने से वह झुलस गई थीं. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

यह भी पढ़ें- मेडिकल कॉलेजों में सरकार उपलब्ध कराएगी रेमडेसिविर, लिक्विड ऑक्सीजन आपूर्ति की निगरानी के लिए झारखंड गई टीम

मेवालाल चौधरी का विवादों से रहा पुराना नाता
सबौर कृषि विश्वविद्यालय में सहायक अध्यापक सह जूनियर वैज्ञानिक की भर्ती के दौरान जमकर धांधली हुई थी. इस मामले में तत्कालीन कुलपति और मौजूदा शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी पर धांधली का आरोप लगा था. वहीं इस मामले में सबौर थाना में डॉ. मेवालाल चौधरी पर प्राथमिकी भी दर्ज करवायी गयी थी. हालांकि फिलहाल वे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत पर थे. 2019 में रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने से हुई उनकी पत्नी की मौत के पीछे सीबीआई जांच की मांग उठी थी.

तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन
तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन

यह भी पढ़ें- कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बीच यात्रा करनी हो, तो इन रिपोर्टों को हमेशा रखें अपने साथ

घपलेबाजी का लगा था आरोप
2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपलेबाजी करने का आरोप था. उनके ऊपर कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली करने का आरोप था. बकायदा तत्कालीन बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उस वक्त मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच में मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था. इसके अलावा उन पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घपलेबाजी का आरोप था.

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मुंगेर/पटना: तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का आज सुबह 4:30 बजे पारस अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. वे कोरोना से पीड़ित थे. उन्हें लंग्स में निमोनिया की शिकायत थी. 4 दिन पूर्व ही उन्हें छाती में तेज दर्द की शिकायत पर मुंगेर सिटी क्रिटिकल हॉस्पिटल लाया गया था. जहां डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए पटना जाने की सलाह दी थी. डॉक्टरों की सलाह पर पारस अस्पताल में इलाज के लिए वे भर्ती थे. सोमवार के 4:30 बजे वे कोरोना से जंग हार गए. उनका निधन हो गया.

तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन
तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन

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क्षेत्र में शोक की लहर
मेवालाल चौधरी लगातार दूसरी बार विधायक बने थे. उनका जन्म 4 जनवरी 1953 को हुआ था. वे 68 वर्ष के थे. अचानक उनकी मौत के बाद इलाके में शोक की लहर दौड़ पड़ी है. लोगों को सहसा विश्वास नहीं हो रहा कि वे अब इस दुनिया में नहीं रहे. तारापुर विधानसभा क्षेत्र के उनके चाहने वाले एवं परिवार के लोग गमजदा हैं. उनके दो पुत्र विदेश में रहते हैं. वे भी गमजदा हैं.

पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी के साथ स्वर्गीय मेवालाल चौधरी
पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी के साथ स्वर्गीय मेवालाल चौधरी

पत्नी ने छोड़ दिया था सीट
मेवालाल चौधरी को राजनीति विरासत में मिली थी. उनकी पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी 2010 से 2015 तक तारापुर से विधायक रही थीं. वह राजनीति में काफी सक्रिय थीं. मेवालाल चौधरी सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके थे. जब वे कृषि विश्वविद्यालय से रिटायर हुए तो उनकी पत्नी ने यह सीट उनके लिए छोड़ दी. जदयू ने पत्नी की जगह मेवालाल को टिकट दिया. मेवालाल भारी मतों से जीते भी थे.

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कुछ घंटों के लिए बने थे शिक्षा मंत्री
दूसरी बार 2020 में मेवालाल चौधरी विधायक बने. नई सरकार में उन्हें शिक्षा मंत्री का पद दिया था. लेकिन कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए सहायक प्रोफेसर भर्ती घोटाले का अभियुक्त होने के कारण विपक्ष ने यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया. इस पर मेवालाल चौधरी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. बता दें कि उन्होंने 19 नवंबर को पदभार ग्रहण किया था. विपक्ष के हंगामे के बाद उन्हें तीन घंटे के बाद ही स्तीफा देना पड़ा था. उन्होंने पदभार ग्रहण करने के 71 घंटे पहले शपथ ली थी.

तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी
तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी

पत्नी थी विधायक, हुई थी संदेहास्पद मौत
मेवालाल की पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी 2010 से 2015 तक तारापुर से विधायक रही थीं. वह राजनीति में काफी सक्रिय थीं. 2019 में रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने से वह झुलस गई थीं. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

यह भी पढ़ें- मेडिकल कॉलेजों में सरकार उपलब्ध कराएगी रेमडेसिविर, लिक्विड ऑक्सीजन आपूर्ति की निगरानी के लिए झारखंड गई टीम

मेवालाल चौधरी का विवादों से रहा पुराना नाता
सबौर कृषि विश्वविद्यालय में सहायक अध्यापक सह जूनियर वैज्ञानिक की भर्ती के दौरान जमकर धांधली हुई थी. इस मामले में तत्कालीन कुलपति और मौजूदा शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी पर धांधली का आरोप लगा था. वहीं इस मामले में सबौर थाना में डॉ. मेवालाल चौधरी पर प्राथमिकी भी दर्ज करवायी गयी थी. हालांकि फिलहाल वे हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत पर थे. 2019 में रसोई गैस सिलेंडर में आग लगने से हुई उनकी पत्नी की मौत के पीछे सीबीआई जांच की मांग उठी थी.

तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन
तारापुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का निधन

यह भी पढ़ें- कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बीच यात्रा करनी हो, तो इन रिपोर्टों को हमेशा रखें अपने साथ

घपलेबाजी का लगा था आरोप
2017 में मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते हुए नौकरी में भारी घपलेबाजी करने का आरोप था. उनके ऊपर कुलपति रहते हुए उन्होंने 161 असिस्टेंट प्रोफेसर की गलत तरीके से बहाली करने का आरोप था. बकायदा तत्कालीन बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने उस वक्त मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे. जांच में मेवालाल चौधरी के खिलाफ लगे आरोपों को सही पाया गया था. इसके अलावा उन पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय के भवन निर्माण में भी घपलेबाजी का आरोप था.

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Last Updated : Apr 19, 2021, 8:19 AM IST
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