मुंगेर(जमालपुर): कारखाना के डीजल पीओएच शॉप बंद करने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. वार्ड पार्षद संघर्ष मंच के संयोजक सह वार्ड पार्षद सुदेश कुमार मंडल ने कहा कि लौहनगरी जमालपुर का लाइफलाइन एशिया प्रशिद्ध रेल इंजन कारखाना अपनी गौरवशाली इतिहास के लिए अब सिर्फ किताबो में पढ़ा जाएगा. कारखाने का अस्तित्व ढ़हता नजर आ रहा है. अंग्रेजों की ओर से इस छोटे शहर में एशिया का पहला कारखाना इतने बड़े पैमाने पर खोलना इसके पीछे जरूर कोई वजह रही होगी. इसके बाबजूद केंद्र सरकार की ओर से इस कारखाने को बंद करने की साजिश रची जा रही है.
सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
वार्ड पार्षद ने कहा कि रेल इंजन कारखाने के डीजल पीओएच शॉप सहित विभिन्न अलग-अलग शॉपो को धीरे-धीरे बंद किया जा रहा है. जिससे केंद्र सरकार की मंशा साफ जाहिर हो रही है कि जल्द ही इस कारखाने को बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की उक्त नीति के विरोध में वार्ड पार्षद मंच,जमालपुर नगर विकास समिति एवं ऑल इंडिया एक्ट अप्रेंटिस एसोसिएशन और वैश्य संगठन की ओर से काला दिवस मनाया गया. स्थानीय भारत माता चौक से शुरू होकर मोहनपुर, सदर बाजार, जनता मोड़, बराठ मोड़ होते हुए एक जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया. जुलूस जुबली वेल चौक पर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया. जुलूस में केंद्र सरकार खोलो कान, नहीं तो होगा चक्का जाम, रेल का निजीकरण करना बंद करो और रेल के अंदर प्रशिक्षण प्राप्त कर सभी अप्रेंटिस छात्र को रेलवे में नियुक्ति करो सहित अन्य नारे लगाये गए.
रेल इंजन कारखाना से है जमालपुर का अस्तित्व
वार्ड पार्षद राकेश तिवारी ने कहा कि जमालपुर का अस्तित्व रेल इंजन कारखाना से ही है. अगर कारखाना ही नही रहेगा तो यहां कि एक बड़ी आवादी भुखमरी के कगार पर आ जायेगी. वहीं, पंकज कुमार उर्फ पंकु पासवान ने कहा कि यहां के स्थानीय सांसद और विधायक की उदासीनता का नतीजा है कि एक-एक कर यहां से रेलवे की इकाइयां बंद हो रही हैं. उन्होंने शहरवासियों से अपील करते हुए कहा कि अगर अब भी जनता संघर्ष करने में हमारा साथ नहीं देगी तो आने वाले दिनों में डीजल पीओएच शॉप की तरह कारखाने में ताला लगाकर बंद कर दिया जाएगा.