मुंगेर: बिहार (Bihar) के मुंगेर नगर निगम (Munger Municipal Corporation) में पिछले 16 दिनों से आयुक्त (Commissioner) और उपायुक्त के पद खाली हैं. जिसके चलते नगर निगम क्षेत्र में विकास के कार्य ठप पड़े हुए हैं. नगर निगम आयुक्त के नहीं रहने से अब निगम के कर्मचारियों को वेतन (Salary) नहीं मिलने का डर भी सताने लगा है.
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इस संबंध में नगर निगम के सिटी मैनेजर अवध किशोर सिंह ने बताया कि आयुक्त के नहीं रहने से विकास के कार्य बाधित हुए हैं. कई पुल पुलिया का निर्माण होना था. जिसका टेंडर नहीं हो पा रहा है. वहीं कर्मचारियों के वेतन पर भी संकट हैं. आयुक्त के आने के बाद कर्मचारियों का वेतन मिलना संभव होगा. हालांकि मैनुअली कार्य किया जा रहा है.
नगर निगम के आयुक्त और उपायुक्त का तबादला होने के बाद से जिला प्रशासन ने अब तक किसी को भी प्रभार नहीं दिया है. केवल दैनिक कार्य के लिए बुडको के अभियंता को प्रभार दिया गया है, लेकिन उनके पास वित्तीय पावर नहीं है. नगर निगम में आयुक्त और उपायुक्त नहीं हैं. वहीं नगर निगम की मेयर और उप मेयर भी कार्यालय नहीं आ रहे हैं. जिसके चलते नगर निगम के कर्मी भी कार्यालय आकर गायब रहते हैं.
आयुक्त के नहीं रहने से नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत ऐसे दर्जन भर स्थान हैं, जहां नई सड़क, पुल-पुलिया और नाले का निर्माण होना था. कासिम बाजार, चौक बाजार सहित अन्य इलाके में कई निर्माण कार्य होना था लेकिन नगर निगम आयुक्त के नहीं रहने से इसका टेंडर नहीं हो पा रहा है. ऐसे में जब तक नगर आयुक्त नहीं आएंगे तब तक यह कार्य नहीं हो पाएगा.
वार्ड पार्षद सुजीत पोद्दार ने कहा कि नगर निगम आयुक्त और उपायुक्त के पद पर सरकार अविलंब किसी अधिकारी को पदस्थापित करें. ताकि जिससे नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्य सुचारू ढंग से चल पाए.
गौरतलब है कि मुंगेर नगर निगम के आयुक्त श्रीकांत शास्त्री सहित उपायुक्त का तबादला 16 दिन पूर्व हो चुका है लेकिन अब तक नगर निगम में न तो आयुक्त की पदस्थापन हुई है और न ही उपायुक्त की. जिसके चलते नगर निगम क्षेत्र में विकास के सभी कार्य ठप हैं.
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