मुंगेर: धरना में दंगा करने वालों के खिलाफ बिहार सराकार के नए फरमान के विरोध में जिले के दीनदयाल चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डीजीपी एसके सिंघल का पुतला दहन किया गया. एनसीपी श्रमिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजय केसरी और अंतरजातीय अंतर धर्मीय कमेटी के संयोजक नरेश गुप्ता ने संयुक्त रूप से यह विरोध प्रदर्शन किया.
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'वर्तमान सरकार आम आदमी की आवाज को दबाना चाहती है. अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोंटा जा रहा है. सरकार के विरोध में अगर किसी व्यक्ति ने धरना प्रदर्शन या आंदोलन किया तो उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी. साथ ही कई अन्य कार्य करने से वंचित हो जाएंगे. ऐसे तुगलकी फरमान का हम लोग विरोध करते हैं. इस विरोध स्वरूप हमने मुख्यमंत्री और डीजीपी का पुतला दहन किया.' - संजय केसरी, प्रदेश अध्यक्ष, एनसीपी श्रमिक प्रकोष्ठ.
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आम आदमी के आवाज को दबाने का रचा जा रहा कुचक्र
वहीं अंतरजातीय अंतर धर्मीय कमेटी के संयोजक नरेश गुप्ता ने बताया कि वर्तमान सरकार तानाशाही सरकार साबित हो रही है. उन्होंने कहा कि आम आदमी के आवाज को दबाने का कुचक्र रचा जा रहा है. सरकार जब गलत करेगी तो लोग विरोध में सड़क पर जरूर उतरेंगे. अब सरकार के विरोध में आंदोलन या धरना प्रदर्शन भी बिहार में नहीं हो पाएगा. उन्होंने कहा कि इसका जवाब वो पुतला दहन करके कर रहे हैं. मौके पर बेरोजगार सेना के प्रांतीय अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, फिल्म अभिनेता विक्टर सिंह, प्रताप महिला सेना की सोनी सिन्हा सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे.