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खगड़िया रेल सह सड़क पुल: नवनिर्मित एप्रोच पथ बनने के साथ टूटना शुरू

अभी मानसून की पहली ही बारिश हुई और मुंगेर-खगड़िया रेल सह सड़क पुल का एप्रोच पथ टूटने लगा. एनसीपी नेता ने इस सड़क के टूटने की वजह खराब क्वालिटी के बालू का इस्तेमाल बताया है. पढ़ें रिपोर्ट...

मुंगेर
नवनिर्मित एप्रोच पथ बनने के साथ टूटने लगा
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Published : Jun 14, 2021, 9:07 PM IST

मुंगेर: मुंगेर-खगड़िया रेल सह सड़क पुल (Munger-Khagaria Rail cum Road Bridge) के पहुंच पथ बनने के साथ ही टूटने लगा है. मानसून की पहली बरसात (First Monsoon Rain) में कई जगह सड़क दरकने लगी है.

NCP नेता संजय केसरी (NCP Leader Sanjay Kesari) ने एप्रोच पथ में सफेद बालू के इस्तेमाल के कारण पहली बारिश में ही सड़क खराब होने का आरोप लगाया है. पथ में गंगा के सफेद रेत का इस्तेमाल होना सड़क की घटिया क्वालिटी का मुख्य कारण है.

ये भी पढ़ें...बेतिया: पीपा पुल निर्माण में नाबालिग बच्चों से करायी जा रही मजदूरी

एप्रोच पथ में गंगा के बालू का धड़ल्ले से इस्तेमाल
मुंगेर-खगड़िया रेल सह सड़क पुल पर एसपी सिंगला द्वारा बनाए जा रहे एप्रोच पथ में गंगा के बालू का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है. जिसके कारण सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगा है. इसका विरोध एनसीपी नेता संजय केसरी (NCP leader Sanjay Kesari) पिछले कई दिनों से करते आ रहे हैं. सोमवार की शाम संजय केसरी ने बताया कि एप्रोच पथ बांक काली स्थान तीनबटिया के पास टूटने लगा है.

ये भी पढ़ें...पुल में घटिया बालू के इस्तेमाल पर डीएम ने लगायी ठेकेदार को फटकार

गैंगेटिक डॉल्फिन क्षेत्र के कारण बालू उत्खनन पर रोक
गंगा के बालू के इस्तेमाल पर एनजीटी (NGT) ने रोक भी लगाई है. इसके अलावा मुंगेर गंगा का क्षेत्र गैंगेटिक डॉल्फिन क्षेत्र घोषित होने के कारण भी गंगा नदी से बालू उत्खनन पर रोक है. जिससे विश्व भर में संरक्षित डॉल्फिन पर खतरा के साथ-साथ बाढ़-कटाव का भी खतरा बढ़ गया है.

फिर भी स्थानीय अधिकारियों के मेल में एसपी सिंगला के अधिकारी मनमर्जी कर घटिया किस्म का एप्रोच पथ बना रहे हैं. हम लोग इसके विरुद्ध आंदोलन चला रहे हैं. आगे जनहित याचिका भी दायर करेंगे.

संजय केसरी ने जारी किया वीडियो
संजय केसरी ने टूटे हुए एप्रोच पथ का वीडियो जारी करते हुए बताया कि एप्रोच पथ के बेस में गंगा का बालू भरा गया है. जिसके कारण इसका बेस खराब हुआ है और हल्की बारिश में ही सड़कें टूटने लगी हैं. उन्होंने घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तो सड़क पूरी तरह शुरू भी नहीं हुआ है और मानसून की पहली ही बारिश हुई तो यह हाल है. जब पूरी बारिश होगी और सड़क पूरी तरह चालू होगी तब हालत क्या होंगे.

मुंगेर
हर दिन गुजरते हैं सैकड़ों वाहन

मुंगेर में गंगा नदी पर रेल सह सड़क

  • 228 करोड़ की लागत से बना है 14.51 किमी लंबा 2 लेन पुल
  • बिहार में गंगा नदी पर यह तीसरा रेल सह सड़क पुल
  • प्रधानमंत्री पैकेज के तहत हुआ पुल का निर्माण
  • 2018 में शुरू हुआ था पुल का निर्माण
  • उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार जाना आसान होगा

प्रधानमंत्री पैकेज में घोषित इस परियोजना के अंतर्गत मुंगेर में गंगा नदी पर नेशनल हाइवे संख्या-80 को एनएच-31 से जोड़ने के लिए मुंगेर घाट पर रेल सह सड़क पुल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.

इस पुल के निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इस पथांश को राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-333 बी पूर्व में ही घोषित किया जा चुका है. पुल का निर्माण कार्य दिसंबर 2018 में प्रारंभ किया गया था. पहुंच पथ के निर्माण के लिए भी लगभग 225 करोड़ की लगात से भू-अर्जन कार्य पूण कर लिया गया है.

मुंगेर: मुंगेर-खगड़िया रेल सह सड़क पुल (Munger-Khagaria Rail cum Road Bridge) के पहुंच पथ बनने के साथ ही टूटने लगा है. मानसून की पहली बरसात (First Monsoon Rain) में कई जगह सड़क दरकने लगी है.

NCP नेता संजय केसरी (NCP Leader Sanjay Kesari) ने एप्रोच पथ में सफेद बालू के इस्तेमाल के कारण पहली बारिश में ही सड़क खराब होने का आरोप लगाया है. पथ में गंगा के सफेद रेत का इस्तेमाल होना सड़क की घटिया क्वालिटी का मुख्य कारण है.

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एप्रोच पथ में गंगा के बालू का धड़ल्ले से इस्तेमाल
मुंगेर-खगड़िया रेल सह सड़क पुल पर एसपी सिंगला द्वारा बनाए जा रहे एप्रोच पथ में गंगा के बालू का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है. जिसके कारण सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगा है. इसका विरोध एनसीपी नेता संजय केसरी (NCP leader Sanjay Kesari) पिछले कई दिनों से करते आ रहे हैं. सोमवार की शाम संजय केसरी ने बताया कि एप्रोच पथ बांक काली स्थान तीनबटिया के पास टूटने लगा है.

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गैंगेटिक डॉल्फिन क्षेत्र के कारण बालू उत्खनन पर रोक
गंगा के बालू के इस्तेमाल पर एनजीटी (NGT) ने रोक भी लगाई है. इसके अलावा मुंगेर गंगा का क्षेत्र गैंगेटिक डॉल्फिन क्षेत्र घोषित होने के कारण भी गंगा नदी से बालू उत्खनन पर रोक है. जिससे विश्व भर में संरक्षित डॉल्फिन पर खतरा के साथ-साथ बाढ़-कटाव का भी खतरा बढ़ गया है.

फिर भी स्थानीय अधिकारियों के मेल में एसपी सिंगला के अधिकारी मनमर्जी कर घटिया किस्म का एप्रोच पथ बना रहे हैं. हम लोग इसके विरुद्ध आंदोलन चला रहे हैं. आगे जनहित याचिका भी दायर करेंगे.

संजय केसरी ने जारी किया वीडियो
संजय केसरी ने टूटे हुए एप्रोच पथ का वीडियो जारी करते हुए बताया कि एप्रोच पथ के बेस में गंगा का बालू भरा गया है. जिसके कारण इसका बेस खराब हुआ है और हल्की बारिश में ही सड़कें टूटने लगी हैं. उन्होंने घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अभी तो सड़क पूरी तरह शुरू भी नहीं हुआ है और मानसून की पहली ही बारिश हुई तो यह हाल है. जब पूरी बारिश होगी और सड़क पूरी तरह चालू होगी तब हालत क्या होंगे.

मुंगेर
हर दिन गुजरते हैं सैकड़ों वाहन

मुंगेर में गंगा नदी पर रेल सह सड़क

  • 228 करोड़ की लागत से बना है 14.51 किमी लंबा 2 लेन पुल
  • बिहार में गंगा नदी पर यह तीसरा रेल सह सड़क पुल
  • प्रधानमंत्री पैकेज के तहत हुआ पुल का निर्माण
  • 2018 में शुरू हुआ था पुल का निर्माण
  • उत्तर बिहार से दक्षिण बिहार जाना आसान होगा

प्रधानमंत्री पैकेज में घोषित इस परियोजना के अंतर्गत मुंगेर में गंगा नदी पर नेशनल हाइवे संख्या-80 को एनएच-31 से जोड़ने के लिए मुंगेर घाट पर रेल सह सड़क पुल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.

इस पुल के निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इस पथांश को राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-333 बी पूर्व में ही घोषित किया जा चुका है. पुल का निर्माण कार्य दिसंबर 2018 में प्रारंभ किया गया था. पहुंच पथ के निर्माण के लिए भी लगभग 225 करोड़ की लगात से भू-अर्जन कार्य पूण कर लिया गया है.

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