मुंगेरः 15 जून से जिले के सभी 189 क्वॉरेंटाइन सेंटर बंद कर दिए गए हैं. जिनमें 1,103 प्रवासी रह रहे थे. इन सभी को अब होम क्वॉरेंटाइन में भेजा दिया गया है. 15 जून के बाद जो भी प्रवासी आएंगे वो भी होम क्वॉरेंटाइन में ही रहेंगे
घर पर जाकर जांच करेंगे डॉक्टर
स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर मुंगेर जिले के सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर अचानक बंद कर दिए गए. मुंगेर जिले में 189 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए गए थे. अब तक 15148 प्रवासी क्वॉरेंटाइन सेंटर में आये. इस सिलसिले में सीएस पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि वर्तमान में 1103 प्रवासी विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटर में रह रहे थे. सभी को घर भेज दिया गया है. सभी को घर पर ही डॉक्टर जाकर रोजाना जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि 15 जून के बाद जो भी व्यक्ति आएंगे. वह क्वॉरेंटाइन सेंटर में नहीं रहेंगे. अपने घर पर ही रहेंगे. इसके लिए लोगों को जागरूक होना है. कोई लक्षण पाए जाने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
'बाद में पछताएगी सरकार'
वहीं, सरकार के क्वॉरेंटाइन सेंटर बंद करने के निर्णय को लेकर मुंगेर के लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. लोगों ने कहा कि यह सरकार की बड़ी भूल होगी. समाज सेवी सुरेश तांती ने कहा कि सरकार का यह गलत फैसला है. आने वाले समय में कोरोना का भयावाह रूप होगा. कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है. बाद में सरकार बहुत पछताएगी.
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'चुनावी मोड में चली गई है सरकार'
वहीं, जिला इत्तेहाद कमिटी के संरक्षक जफर अहमद ने कहा कि प्रवासी मजदूरों का आना कम नहीं हुआ है. ऐसे में उन्हें घर भेज देना, यह आत्महत्या करने वाला निर्णय है. कोरोना का जब बम फटेगा सरकार संभाल नहीं पाएगी. समाज सेवी संजय पासवान ने बताया कि सरकार का यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया है. कोरोना से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं. अधिक मौतें हो रही हैं. इस समय क्वॉरेंटाइन सेंटर बंद कर देने का निर्णय गलत है.
स्थानीय युवा शाहीन रजा उर्फ चिंटू ने कहा कि सरकार चुनावी मोड में चली गई है. इसलिए कोरोना के भय को खत्म करना चाहती है. जबकि स्थिति इसके विपरीत है. कोरोना का संक्रमण रोजाना बढ़ता जा रहा है, अब और अधिक मौत होगी. वही संक्रमित की संख्या भी बढ़ेगी उस समय सरकार बहुत पछताएगी.