मुंगेर: जिले से बुरी खबर आई है. 20 दिन पहले ही मुंगेर को कोरोना वायरस से मुक्त घोषित किया था. लेकिन, कहा जा रहा है कि जमात कनेक्शन के कारण ही जिले में कोरोना की आंधी ने कम बैक किया है. दरअसल जमालपुर सदर बाजार इलाके के 60 वर्षीय बुजुर्ग ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसके बाद लॉकडाउन के दौरान वो अपने घर लौटे.
इस शख्स ने अपने घर के 8 सदस्यों सहित पड़ोसी को भी संक्रमित कर दिया. इस तरह 24 घंटे में ही कुल 10 लोग एक जमाती के कारण संक्रमित हो गए. ये नेपाल, किशनगंज, कटिहार समेत शेखपुरा सहित कई जिलों के तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुआ था.
नालंदा में तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुआ था संक्रमित
नालंदा में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलों के साथ ही मुंगेर के लोगों ने भी भाग लिया था. इस जानकारी के बाद जिला प्रशासन ने ऐसे लोगों को क्वारेंटाईन सेंटर में भर्ती कराना शुरू कर दिया. ऐसे 26 लोगों को गोयनका धर्मशाला स्थित सेंटर में रखा गया. इन सभी के सैंपल जांच के लिए पटना भेजे गए, जिसमे जमालपुर का ये बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव पाया गया. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने उसके परिजनों और आस-पास के लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भर्ती कराकर जांच करवाई, जिसमें परिवार के 8 लोग और एक पड़ोसी पॉजिटिव पाया गया.
कई जगह जमात में शामिल हुआ था संक्रमित 60 वर्षीय वृद्ध
मुंगेर में तबलीगी जमात कोविड-19 का वाहक बन गया है. ये शख्स एक दर्जन तबलीगी जमात के कार्यक्रमों में शिरकत कर अपने साथ जाने अनजाने में कोरोना वायरस साथ लेकर जमालपुर लौटे. कहा जा रहा है कि इन जमातियों ने इन्होंने नेपाल, निजामुद्दीन सहित बिहार के अररिया, गया, नवादा, नालंदा, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, शेखपुरा सहित अन्य जिलों में हुए तबलीगी जमात में हिस्सा लेकर तकरीबन 40 दिन का लंबा सफर तय किया है. इस तरह इन 40 दिनों में देश व विदेश के कई मुफ्ती, मौलाना, कारी और जमातियों से मिलकर अनजाने में सबको कोविड-19 से संक्रमित कर दिया है.
जमालपुर के तबलीगी जमातियों ने कई जगह लिया हिस्सा
जमालपुर क्षेत्र में सदर बाजार और बलीपुर मुस्लिम बहुल क्षेत्र है. यहां से तबलीगी जमातियों में ज्यादातर युवा वर्ग और बुजुर्ग शामिल है. फरवरी से ही जमालपुर और मुंगेर के जमातियों का बाहर जाना जारी रहा था. इन लोगों ने फरवरी से मार्च के पहले सप्ताह तक नेपाल के तबलीगी जमात में शिरकत की. इसके बाद मार्च में दिल्ली में निजामुद्दीन के तबलीगी जमात में जुटे थे, जो 22 मार्च तक चला था. जबकि जमालपुर के तबलीगी जमाती नेपाल के बाद दिल्ली फिर 14 मार्च को नालंदा, गया, नवादा ,कटिहार ,शेखपुरा, पूर्णिया, किशनगंज में भी शिरकत करने पहुंचे थे. हालांकि इस बीच लौटने के दौरान जमालपुर के रहने वाले ये जमाती शेखपुरा में जनता कर्फ्यू के दौरान फंस गए. तब किसी तरह जुगाड़ लगाकर मार्च के अंतिम सप्ताह में मुंगेर लौेटे और बिना जांच के ही घर में रहे.
आईबी ने जुटाई सारी जानकारी
इंटेलिजेंस ब्यूरो को बिहार के जमतियों के नेटवर्क का पता चला. इनकी लिस्ट आईबी ने एसटीएफ को इसकी जानकारी दी. एसटीएफ ने बिहार सरकार को इनकी लिस्ट पहुंचाई. इसके बाद सभी जिलों में ऐसे जमातीयों की लिस्ट पुलिस विभाग के पास पहुंची. मुंगेर एसपी लिपि सिंह ने बताया कि लिस्ट के अनुसार मैंने संबंधित थाना को निर्देशित कर 24 घंटे के अंदर इन जमातियों को खोजने के निर्देश दिए. अलग-अलग इलाके से पुलिस ने जमातियों को ढूंढना शुरु किया. एसपी ने अपील करते हुए कहा कि कि जो भी जमाती हैं या बाहर से आये है वह प्रशासन का सहयोग करें और बाहर निकलकर अपने बारे में बताएं. यह एक लाइलाज बीमारी है जब तक आप हमारा सहयोग नहीं करेंगे तब तक इस रोग से मुक्ति नहीं मिल पाएगी.