मधुबनी : जिले के परतापुर घाट में कमला बलान नदी से होने वाली कटान को रोकने के लिए 2.5 किलोमीटर तक निर्माण कार्य किया जा रहा है. लेकिन निर्माण कार्य जिस गति से हो रहा है, उससे लगता नहीं कि जलस्तर बढ़ने से पहले काम पूरा हो जाएगा. ऐसे में ग्रामीण बाढ़ को लेकर चिंतित हो उठे हैं.
कमला बलान नदी में चल रहे काम को देखते हुए ग्रामीण कहते हैं कि यहां हर साल बाढ़ आती है. बावजूद इसके, जो काम जनवरी में शुरू हो जाना चाहिए था. वो अब शुरू हुआ है. वहीं, ग्रामीण ने बताया कि लॉकडाउन मार्च में लागू हुआ उसके खत्म होने के बाद अब जब काम शुरू हुआ है, तो वो भी धीमी गति से चल रहा है.
पर्याप्त संख्या में नहीं हैं मजदूर
ग्रामीण मंगनु यादव की माने तो यहां जितने मजदूर काम के लिए लगाए जाने चाहिए, उतने मजदूर हैं नहीं. इसके चलते काम धीमी गति से हो रहा है. ऐसे में उन्हें नहीं लगता कि समय से काम पूरा हो पाएगा. मंगनु ने बताया कि पिछली बार कई गांवों में बाढ़ आई थी, ऐसे में डर है कि इस बार फिर बाढ़ की विभीषिका न झेलनी पड़ जाए.
जेई ने किया दावा, पूरा हो जाएगा काम
वहीं, जेई अमरनाथ प्रसाद ने बताया कि यह 20 करोड़ की योजना है. उन्होंने कहा कि 15 जून तक काम हो जाएगा. जब उनसे पूछा गया कि जिस गति से काम हो रहा है, काम कैसे पूरा होगा? ऐसे में उन्होंने बताया कि मिट्टीकरण और पट्टीकरण करना है. स्लोप का काम जहां तक जलस्तर बढ़ता है, वहां तक पूरा हो गया है.
बता दें कि यह वही परतापुर घाट है, जो पिछली बार टूटने वाला था. लेकिन ग्रामीणों के सहयोग से जल संसाधन विभाग ने कटान रोक इसे बचाया था. दूसरी ओर जिले में आई बाढ़ से पिछले वर्ष 35 लोगों की मौत हो गई और करोड़ों की संपत्ति बह गई थी. ऐसे में कमला बलान में चल रहे काम में तेजी लाने की जरूरत है.