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मधुबनीः ANM को जूम ऐप के जरिए दिया गया प्रशिक्षण, बताया PPIUCD का महत्व

प्रशिक्षण के दौरान एएनएम को कोरोना वायरस से बचाव के तरीके, प्रसव कराने की बारीकियां और प्रसव के बाद लगाई जाने वाली पीपीआईयूसीडी के महत्व के बारे में बताया गया.

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Published : May 27, 2020, 9:57 AM IST

मधुबनीः कोरोना के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर कार्य कर रहा है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन से प्रभावित स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में पीएचसी में कार्यरत सभी एएनएम को प्रसव से जुड़ा तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया.

सभी पीएचसी के एएनएम को प्रशिक्षण
जपाईगो संस्था के जिला समन्वयक राजीव कुमार गुप्ता, डॉ. सुनीता धमीजा और डॉ. प्रभात कुमार ने जूम एप के माध्यम से जिले के सभी 21 पीएचसी के एएनएम को प्रशिक्षण दिए, जिसमें कोविड-19 संक्रमण से एहतियात बरतते हुए प्रसव कराना, प्रसव के बाद 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी लगाना और कोरोना वायरस को लेकर भ्रांतियों को दूर किया गया.

पीपीआईयूसीडी सरकारी अस्पताल पर मुफ्त में है उपलब्ध
पीपीआईयूसीडी के बारे में जानकारी देते हुए एसीएमओ डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि दो बच्चों में अंतराल रखने और अनचाहे गर्भ से निजात के लिए प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी लगाया जाता है. गर्भनिरोधक का यह एक सुरक्षित साधन है. इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है. इससे बिना ऑपरेशन के लंबे समय तक गर्भधारण की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. पीपीआईयूसीडी दो तरह के होते हैं. एक 5 साल के लिए और दूसरा 10 साल के लिए. सभी सरकारी अस्पतालों में यह मुफ्त में लगाया जाती है.

प्रशिक्षण के दौरान एसीएमओ डॉ. सुनील कुमार, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास और केयर इंडिया के फैमिली प्लानिंग कोऑर्डिनेटर सहित सभी प्रखंड के अस्पताल के प्रसव कक्ष के एएनएम उपस्थित रहे.

मधुबनीः कोरोना के बढ़ते संक्रमण के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर कार्य कर रहा है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन से प्रभावित स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में पीएचसी में कार्यरत सभी एएनएम को प्रसव से जुड़ा तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया.

सभी पीएचसी के एएनएम को प्रशिक्षण
जपाईगो संस्था के जिला समन्वयक राजीव कुमार गुप्ता, डॉ. सुनीता धमीजा और डॉ. प्रभात कुमार ने जूम एप के माध्यम से जिले के सभी 21 पीएचसी के एएनएम को प्रशिक्षण दिए, जिसमें कोविड-19 संक्रमण से एहतियात बरतते हुए प्रसव कराना, प्रसव के बाद 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी लगाना और कोरोना वायरस को लेकर भ्रांतियों को दूर किया गया.

पीपीआईयूसीडी सरकारी अस्पताल पर मुफ्त में है उपलब्ध
पीपीआईयूसीडी के बारे में जानकारी देते हुए एसीएमओ डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि दो बच्चों में अंतराल रखने और अनचाहे गर्भ से निजात के लिए प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी लगाया जाता है. गर्भनिरोधक का यह एक सुरक्षित साधन है. इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है. इससे बिना ऑपरेशन के लंबे समय तक गर्भधारण की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है. पीपीआईयूसीडी दो तरह के होते हैं. एक 5 साल के लिए और दूसरा 10 साल के लिए. सभी सरकारी अस्पतालों में यह मुफ्त में लगाया जाती है.

प्रशिक्षण के दौरान एसीएमओ डॉ. सुनील कुमार, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास और केयर इंडिया के फैमिली प्लानिंग कोऑर्डिनेटर सहित सभी प्रखंड के अस्पताल के प्रसव कक्ष के एएनएम उपस्थित रहे.

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