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मधुबनी: नरुआर गांव के पास कमला बलान का बांध टूटा, दर्जनों गांव डूबे, हजारों बेघर

देर रात कमला बलान नदी का बांध टूट गया. इसके बाद नरुआर गांव टापू में तब्दील हो गया. सैंकड़ों लोग बेघर हो गये हैं.

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Published : Jul 14, 2019, 5:30 PM IST

मधुबनी: जिले के कमला बलान नदी का पश्चिमी तटबंध नरुआर गांव के समीप टूट गया है. बांध के टूटते ही नरुआर गांव टापू में तब्दील हो गया. वहीं, दर्जनों घर और मवेशी नदी की तेज धार में बह गये हैं. सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं.

उफनाई नदी के कारण बांध के टूटने के बाद गांव का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस जल प्रलय से बचने के लिए लोगों ने मकानों की छत का सहारा लिया. वहीं, कुछ कच्चे और जर्जर मकान इस नदी की चपेट में आकर बह गए. बचाव कार्य नहीं होने से लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला.

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बाढ़ के बाद के हालात

देर रात टूटा बांध
देर रात बांध टूटने के बाद प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा और ना ही कोई राहत बचाव कार्य किया गया. इसको लेकर लोग काफी आक्रोशित दिखाई दिये. वहीं, लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई.

एसडीआरएफ की टीम पहुंची

अस्त व्यस्त हुआ जीवन
डीएम शिर्सत कपिल अशोक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वयं वोट पर जाकर फंसे लोगों को बचाने की कवायद की शुरू की. एसडीआरएफ टीम समेत डीएम ने आला अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का रेस्क्यू जारी कर दिया है.
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कटान जारी

दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में
नरुआर, सर्व सीमा , महिनाथपुर, लोहनाउतरी, रखवारी गोपालखा, बाबूबरही सहित दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. लोग त्राहिमाम-त्रहिमाम कर रहे हैं. इस बाबत जिलाधिकारी ने बताया कि पूरे जिले में 30 से 35 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जिन्हें एसडीआरएफ की टीम के मदद से सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है.

मधुबनी: जिले के कमला बलान नदी का पश्चिमी तटबंध नरुआर गांव के समीप टूट गया है. बांध के टूटते ही नरुआर गांव टापू में तब्दील हो गया. वहीं, दर्जनों घर और मवेशी नदी की तेज धार में बह गये हैं. सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं.

उफनाई नदी के कारण बांध के टूटने के बाद गांव का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. इस जल प्रलय से बचने के लिए लोगों ने मकानों की छत का सहारा लिया. वहीं, कुछ कच्चे और जर्जर मकान इस नदी की चपेट में आकर बह गए. बचाव कार्य नहीं होने से लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला.

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बाढ़ के बाद के हालात

देर रात टूटा बांध
देर रात बांध टूटने के बाद प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा और ना ही कोई राहत बचाव कार्य किया गया. इसको लेकर लोग काफी आक्रोशित दिखाई दिये. वहीं, लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई.

एसडीआरएफ की टीम पहुंची

अस्त व्यस्त हुआ जीवन
डीएम शिर्सत कपिल अशोक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वयं वोट पर जाकर फंसे लोगों को बचाने की कवायद की शुरू की. एसडीआरएफ टीम समेत डीएम ने आला अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का रेस्क्यू जारी कर दिया है.
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कटान जारी

दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में
नरुआर, सर्व सीमा , महिनाथपुर, लोहनाउतरी, रखवारी गोपालखा, बाबूबरही सहित दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. लोग त्राहिमाम-त्रहिमाम कर रहे हैं. इस बाबत जिलाधिकारी ने बताया कि पूरे जिले में 30 से 35 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, जिन्हें एसडीआरएफ की टीम के मदद से सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है.

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Body:मधुबनी कमला बलान नदी का पश्चिमी तटबंध नरुआर गांव के समीप टूट गया बांध के टूटते ही नरुआर गांव नदी में तब्दील हो गया सैकड़ों लोग घर से बेघर हो गए । मवेशी एवं फुस घर सहित एक दर्जन से अधिक मकान नदी के धारा में बह गया ।लोग मौत के आगोश में आ गए यहां तक कि लोग बचने के लिए मकान के छत का सहारा लिया और वह मकान भी नदी के धारा में बह गया और छत पे सवार लोग भी मौत के नींद में सो गए ।बचाब कार्य नही होने से लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला। देर रात बांध टूटने के बाद प्रशासन की कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे और ना ही कोई राहत बचाव कार्य किया गया।इसको लेकर लोग काफी आक्रोशित दिखे जिलाधिकारी के आनेके साथ उन्हें ग्रामीणों का काफी विरोध झेलना पड़ा लोगों ने उन्हें फंसे लोगों को बचाने की गुहार लगाई ।डीएम शिर्सत कपिल अशोक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वयं वोट पर जाकर फंसे लोगों को बचाने के लिए नदी मे अपने आला अधिकारी टीम के साथ लोगों को निकालने का काम में जुट गए हैं। कई दर्जन लोग पेड़ के सहारे पेड़ पर चिपक कर बैठे हैं ।नरुआर गांव ही नहीं कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है ।नरुआर,सर्व सीमा ,महिनाथपुर,लोहनाउतरी, रखवारी गोपालखा, बाबूबरही सहित दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है ।लोग त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं। सरकार की दावा खोखला साबित हो गई है सरकार की दवा हवा-हवाई नजर आ रही है वहीं जिलाधिकारी ने बताया पूरे जिले में 30 से 35000 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं जिन्हें एसडीआरएफ की टीम के मदद से फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम किया जा रहा है और राहत कार्य में तेजी लाने का बात कही है । बाइट शीर्षत कपिल अशोक ,जिलाधिकारी मधुबनी बाइट स्थानीय आक्रोशित ग्रामीण राजकुमार झा मधुबनी


Conclusion:
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