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बोरा बेचने वाले शिक्षक के समर्थन में उतरा शिक्षक संघ, रद्द नहीं हुआ निलंबन तो आंदोलन की चेतावनी

मधुबनी में कटिहार के शिक्षक मो. तमीजुद्दीन के निलंबन के आदेश की प्रति जलाकर शिक्षकों ने आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया. शिक्षक 13 अगस्त को प्रखंड मुख्यालय में तथा 16 अगस्त को जिला मुख्यालय में सामूहिक रूप से बोरा बेचकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.

कटिहार के निलंबिक शिक्षक के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन
कटिहार के निलंबिक शिक्षक के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन
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Published : Aug 12, 2021, 5:55 PM IST

मधुबनी: कटिहार के बोरा बेचकर विरोध करने वाले टीचर के निलंबन (Teacher Suspension) के खिलाफ जिला के शिक्षकों (Teachers) ने प्रदर्शन किया. बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ (Bihar Primary Teachers Association) के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू के राज्यव्यापी आह्वान पर नगर थाना चौक पर दर्जनों शिक्षकों ने प्रदर्शन (Teachers Protest) किया.

ये भी पढ़ें- गजबे हैं 'सुशासन बाबू'! यहां पढ़ाने के बजाए शिक्षक बेच रहे बोरा, जानें क्या है माजरा

दरअसल शिक्षा विभाग (Education Department) के आदेश का विरोध करने वाले कटिहार के शिक्षक के निलंबन के आदेश के खिलाफ शिक्षकों ने प्रदर्शन किया. बिहार राज्य सरकार के आदेश पर एमडीएम का बोरा बेचने वाले कटिहार जिला के शिक्षक मो. तमीजुद्दीन को निलंबित करने को लेकर सरकारी आदेश की प्रति जलाकर शिक्षकों ने आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की.

देखें वीडियो

'निदेशक मध्याह्न भोजन योजना में ही एमडीएम के चावल के बोरे को 10 रुपये प्रति पीस बेचकर सरकारी खाते में राशि जमा करने का आदेश दिये हैं. इस आदेश का अनुपालन करने के लिए जब कटिहार जिला के शिक्षक मोo तमीजुद्दीन ने बाजार में घूम-घूम कर बोरा बेचने का प्रयास किया. यह मीडिया में बोरा बेचने का वीडियो वायरल हो गया. मीडिया में पोल खुलने से आक्रोशित होकर शिक्षा सचिव ने सरकार की छवि खराब करने का मनगढ़ंत आरोप लगाकर संबंधित शिक्षक को निलंबित कर दिया है.' : संजीव कुमार कामत, जिला अध्यक्ष, बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ

इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि इससे राज्य के लाखों शिक्षकों में आक्रोश है. सभी शिक्षक एकजुट होकर इस निलंबन की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- बोरा बेचकर प्रदर्शन करने वाले टीचर पर कार्रवाई से शिक्षक संघ नाराज, जनता दरबार पहुंचा संघ

प्रधान सचिव अवधेश कुमार झा ने कहा कि आदेश का पालन करने पर भी जब निर्दोष शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी तो राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा ?

मुख्यमंत्री को संज्ञान लेकर अविलंब इस तरह का आदेश निर्गत करने वाले विभागीय अधिकारी पर कार्रवाई करनी चाहिए. कोषाध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद यादव ने बोरा बेचने का शर्मनाक आदेश देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करने तथा बोरा बेचने का आदेश वापस लेने की मांग मुख्यमंत्री से की.

ये भी पढ़ें- 'मैं बिहार के सरकारी स्कूल का शिक्षक हूं, सरकार के आदेश पर बोरा बेच रहा हूं'

उपाध्यक्ष लीलाधर पासवान ने कहा कि निर्दोष शिक्षक को निलंबित करने के आदेश को अविलंब रद्द करने की मांग की अन्यथा बाध्य होकर संघ राज्यव्यापी चरणबद्ध आंदोलन करेगा.

उपाध्यक्ष डॉ सीमा कुमारी यादव एवं सचिव बबीता चौरसिया ने कहा कि सरकार यदि निलंबन आदेश वापस नहीं लेगी तो 13 अगस्त को प्रखंड मुख्यालय में तथा 16 अगस्त को जिला मुख्यालय में सेल लगाकर सैकड़ों शिक्षक स्कूल अवधि के बाद एमडीएम का बोरा बेचेंगे. तथा नियमानुसार सरकार के राशि में खाते में राशि जमा करेंगे.

ये भी पढ़ें- कटिहार में हत्या से उड़ी सरकार की नींद, Dy. CM ने अधिकारियों को दिये सख्त निर्देश

प्रदर्शन में पांडव यादव सुरेश कुमार यादव राकेश कुमार चौधरी मनीष कुमार कर्म, सुनील कुमार पासवान, लालबाबू कुमार सहित सैकडों शिक्षकों ने निलंबन आदेश को रद्द करने के लिए आवाज बुलंद किया.

बताते चलें कि दरअसल, पूरा मामला स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन योजना से जुड़ा है. शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सत्र 2014-15 और सत्र 2015-16 में सरकारी स्कूलों को जो एमडीएम के चावल उपलब्ध कराए गए थे, उनके खाली बोरों को गिनती के साथ बिक्री कर प्रति बोरे 10 रूपये की दर से राशि विभाग को भेजी जाए.

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शिक्षा विभाग के इसी आदेश का शिक्षक मो.तमिजुद्दीन ने विरोध किया था. अकेले मो.तमिजुद्दीन ने ही नहीं, बल्कि अन्य शिक्षकों ने भी इस फैसले से नाराजगी जताई है. क्योंकि शिक्षा विभाग के आदेश में यह भी कहा गया है कि जो शिक्षक बोरा बेचकर राशि विभाग को नहीं भेजेंगे, उनके वेतन से बोरे की राशि काट ली जाएगी.

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दरअसल शिक्षा विभाग (Education Department) के आदेश का विरोध करने वाले कटिहार के शिक्षक के निलंबन के आदेश के खिलाफ शिक्षकों ने प्रदर्शन किया. बिहार राज्य सरकार के आदेश पर एमडीएम का बोरा बेचने वाले कटिहार जिला के शिक्षक मो. तमीजुद्दीन को निलंबित करने को लेकर सरकारी आदेश की प्रति जलाकर शिक्षकों ने आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की.

देखें वीडियो

'निदेशक मध्याह्न भोजन योजना में ही एमडीएम के चावल के बोरे को 10 रुपये प्रति पीस बेचकर सरकारी खाते में राशि जमा करने का आदेश दिये हैं. इस आदेश का अनुपालन करने के लिए जब कटिहार जिला के शिक्षक मोo तमीजुद्दीन ने बाजार में घूम-घूम कर बोरा बेचने का प्रयास किया. यह मीडिया में बोरा बेचने का वीडियो वायरल हो गया. मीडिया में पोल खुलने से आक्रोशित होकर शिक्षा सचिव ने सरकार की छवि खराब करने का मनगढ़ंत आरोप लगाकर संबंधित शिक्षक को निलंबित कर दिया है.' : संजीव कुमार कामत, जिला अध्यक्ष, बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ

इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि इससे राज्य के लाखों शिक्षकों में आक्रोश है. सभी शिक्षक एकजुट होकर इस निलंबन की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं.

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प्रधान सचिव अवधेश कुमार झा ने कहा कि आदेश का पालन करने पर भी जब निर्दोष शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी तो राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा ?

मुख्यमंत्री को संज्ञान लेकर अविलंब इस तरह का आदेश निर्गत करने वाले विभागीय अधिकारी पर कार्रवाई करनी चाहिए. कोषाध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद यादव ने बोरा बेचने का शर्मनाक आदेश देने वाले अधिकारी पर कार्रवाई करने तथा बोरा बेचने का आदेश वापस लेने की मांग मुख्यमंत्री से की.

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उपाध्यक्ष डॉ सीमा कुमारी यादव एवं सचिव बबीता चौरसिया ने कहा कि सरकार यदि निलंबन आदेश वापस नहीं लेगी तो 13 अगस्त को प्रखंड मुख्यालय में तथा 16 अगस्त को जिला मुख्यालय में सेल लगाकर सैकड़ों शिक्षक स्कूल अवधि के बाद एमडीएम का बोरा बेचेंगे. तथा नियमानुसार सरकार के राशि में खाते में राशि जमा करेंगे.

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बताते चलें कि दरअसल, पूरा मामला स्कूली बच्चों के मध्याह्न भोजन योजना से जुड़ा है. शिक्षा विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सत्र 2014-15 और सत्र 2015-16 में सरकारी स्कूलों को जो एमडीएम के चावल उपलब्ध कराए गए थे, उनके खाली बोरों को गिनती के साथ बिक्री कर प्रति बोरे 10 रूपये की दर से राशि विभाग को भेजी जाए.

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शिक्षा विभाग के इसी आदेश का शिक्षक मो.तमिजुद्दीन ने विरोध किया था. अकेले मो.तमिजुद्दीन ने ही नहीं, बल्कि अन्य शिक्षकों ने भी इस फैसले से नाराजगी जताई है. क्योंकि शिक्षा विभाग के आदेश में यह भी कहा गया है कि जो शिक्षक बोरा बेचकर राशि विभाग को नहीं भेजेंगे, उनके वेतन से बोरे की राशि काट ली जाएगी.

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