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मधुबनी: RJD सहित कई विपक्षी दलों ने ट्रेन रोककर किसान बिल का किया विरोध - मधुबनी में कृषि बिल का विरोध

कृषि बिल पर पूरे देश में विरोध के स्वर देखने को मिल रहा है. इस कड़ी में मधुबनी में विपक्षी पार्टियों ने कृषि विधेयक बिल के विरोध में प्रदर्शन किया. वही मधुबनी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर जमकर प्रदर्शन किया गया.

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किसान बिल का विरोध
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Published : Sep 25, 2020, 7:16 PM IST

मधुबनी: राजद सहित कई विपक्षी दलों ने कृषि बिल के विरोध में मधुबनी स्टेशन पर ट्रेन रोककर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया. इस दौरान विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने बिहार बंद का आह्वान किया.

पूरे देश में कृषि बिल का विरोध

कृषि बिल पर पूरे देश में विरोध के स्वर देखने को मिल रहा है. इस कड़ी में मधुबनी में विपक्षी पार्टियों ने कृषि विधेयक बिल के विरोध में प्रदर्शन किया. वही मधुबनी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर जमकर प्रदर्शन किया गया.

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विपक्षी दलों ने रोका ट्रेन.

कृषि बिल किसान के लिए काला कानून

राजद विधायक समीर महसेठ ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस बिल को किसानों के लिए काला कानून बताया है. वहीं, बिहार और पंजाब के किसान सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे है. यह कृषि बिल किसानों के हित में नहीं है. देश के 75 % आबादी किसान है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

किसान विरोधी बिल

उन्होंने बताया है कि अंग्रेजी हुकूमत की तरह सरकार कृषि बिल लेकर आई है. किसानों के उत्पाद मूल्य को कम करने और किसानों को उत्त्पाद को खुले बाजार में बेचने से किसानों को आमदनी का जरिया कम होगा.
वहीं युवा राजद कार्यकर्ता नौसाद ने सरकार को किसान विरोधी बताया है.

मधुबनी: राजद सहित कई विपक्षी दलों ने कृषि बिल के विरोध में मधुबनी स्टेशन पर ट्रेन रोककर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया. इस दौरान विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने बिहार बंद का आह्वान किया.

पूरे देश में कृषि बिल का विरोध

कृषि बिल पर पूरे देश में विरोध के स्वर देखने को मिल रहा है. इस कड़ी में मधुबनी में विपक्षी पार्टियों ने कृषि विधेयक बिल के विरोध में प्रदर्शन किया. वही मधुबनी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोककर जमकर प्रदर्शन किया गया.

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विपक्षी दलों ने रोका ट्रेन.

कृषि बिल किसान के लिए काला कानून

राजद विधायक समीर महसेठ ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस बिल को किसानों के लिए काला कानून बताया है. वहीं, बिहार और पंजाब के किसान सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे है. यह कृषि बिल किसानों के हित में नहीं है. देश के 75 % आबादी किसान है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

किसान विरोधी बिल

उन्होंने बताया है कि अंग्रेजी हुकूमत की तरह सरकार कृषि बिल लेकर आई है. किसानों के उत्पाद मूल्य को कम करने और किसानों को उत्त्पाद को खुले बाजार में बेचने से किसानों को आमदनी का जरिया कम होगा.
वहीं युवा राजद कार्यकर्ता नौसाद ने सरकार को किसान विरोधी बताया है.

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