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इंडो-नेपाल सीमा के किसानों का दर्द- नहीं कर पा रहे खेती, रोकती है नेपाली पुलिस

भारतीय किसानों का कहना है कि नेपाल पुलिस उन्हें उनके खेतों में जाने से रोक रही है. इस कारण उनकी खेत वीरान पड़ी हैं. किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं और उनके सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है.

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Published : Jun 26, 2020, 6:19 PM IST

मधुबनी: इंडो-नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध माना जाता है. लेकिन इन दिनों दोनों देशों के बीच थोड़ी सी कड़वाहट देखने को मिल रही है. कुछ दिन पहले अपनी बेटी से मिलने आई एक मां से नेपाल की सेना के दुर्व्यवहार के बाद जिस तरीके के हालात बने हैं, उससे इंडो-नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है. इस कारण भारतीय किसानों को खासा परेशानी हो रही है.

दरअसल, कुछ दिनों पहले सीतामढ़ी में नेपाल की ओर से भारतीय सीमा पर फायरिंग की गई थी. इसमें एक युवक की मौत भी हो गई थी. इस घटना के बाद नेपाल सीमा से आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई थी. इस इस तनाव के कारण इंडो-नेपाल सीमा पर बसे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसा ही एक मामला मधुबनी के जयनगर प्रखंड के इनरवा और अन्हा बॉर्डर से सामने आया है.

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सीमा पर तैनात जवान

बॉर्डर पर रह रहे किसानों को हो रही परेशानी
इस बॉर्डर पर ऐसे कई भारतीय किसान हैं जिनका खेत नेपाल में है और घर भारतीय सीमा में आता है. इन किसानों की ये परेशानी है कि नेपाल की तरफ से इन्हें उनके खेत में नहीं जाने दिया जा रहा है. यहां तक की उन्हें उनके रिश्तेदारों से भी मुलाकात नहीं करने दिया जा रहा है और न ही मवेशियों को चराने की इजाजत है. किसानों का कहना है कि नेपाल सीमा में घुसते ही वहां की सेना की तरफ से उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है.

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खाली पड़ा खेत

नेपाल ने सीमा पर बढ़ाई चौकसी
वहीं, इंडो-नेपाल बॉर्डर पर नेपाल की तरफ से सेना की चौकसी काफी बढ़ा दी गई है. हर जगह नेपाल पुलिस की ड्यूटी सख्ती से लगाई गई है. इस कारण भारत के लोग नेपाल में जाने से डर रहे हैं. यही कारण है कि उनका काम ठप पड़ा हुआ है और किसानों के सामने भुखमरी की नौबत आने वाली है. किसानों का कहना है कि जब तक वे खेती करेंगे नहीं तो खाऐंगे क्या?

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पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस

धान की रोपनी का है सीजन
बता दें कि अभी धान की रोपनी का सीजन चल रहा है. लेकिन किसान नेपाल सेना की डर से बॉर्डर पार कर अपने खेत नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में उनके खेतों का काम रुका हुआ है. अगर इनकी खेती का काम शुरू नहीं हुआ तो इन किसानों को बड़ी क्षति पहुंचेगी. एक तो कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन की स्थिति ऊपर से मौसम की मार ऐसे में इन किसानों की समस्या बढ़ती ही जा रही है.

क्या कहते हैं किसान
इधर, भारत-नेपाल के साथ दोस्ताना रिश्ता बनाना चाहता है. स्थानीय नदीम ने बताया कि पहले हम लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं थी. हम आसानी से सीमा पार कर अपने खेत चले जाते थे. लेकिन पिछले दिनों हुई फायरिंग की घटना के बाद से माहौल बदल गया है. अब हमे अपने ही खेतों में जाने से रोका जा रहा है. इस कारण हमारा खेत वीरान पड़ा है. नदीम ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति छिपकर भी अपने खेत चला जाता है तो नेपाल की सेना उसके साथ दुर्व्यवहार करती है. वहीं, एक अन्य किसान रामफल यादव ने बताया कि हमलोगों को अपने खेतों में जाने से रोका जा रहा है.

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भारत-नेपाल सीमा

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर हुई थी फायरिंग
बता दें कि पिछले दिनों भारत-नेपाल के बीच जारी तनाव के दौरान बिहार से सटे सीमा पर फायरिंग हुई थी. यह घटना बिहार के सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र की पिपरा परसाइन पंचायत में लालबन्दी के जानकी नगर बॉर्डर पर हुई थी. इस फायरिंग में एक शख्स की मौत भी हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए.

क्यों हुआ था विवाद
दरअसल, एक परिवार नेपाल जा रहा था. जिन्हें नेपाली सुरक्षा बलों ने बॉर्डर पर रोक दिया और वापस लौटने को कहा. इस बात को लेकर विवाद हो गया. इसी दौरान नेपाली सुरक्षाबलों ने फायरिंग कर दी, जिससे तीन लोगों को गोली लग गई. इनमें एक की मौत हो गई. इसके बाद नेपाली सुरक्षाबलों ने एक भारतीय युवक को पकड़ लिया था, हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया गया.

देखें पूरी रिपोर्ट

पहले भी नेपाल के अधिकारियों ने जताई थी आपत्ति
बता दें कि इससे पहले भी साल 2019 में विवाद हुआ था. उस दौरान नेपाल के अधिकारियों ने डीएम को बताया था कि उस स्थल पर ऊंचा बांध निर्माण हो जाने से नेपाल क्षेत्र में पानी का जमाव अधिक हो जाएगा. जिससे, नेपाल के इलाकों में रह रहे लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा. हालांकि, डीएम ने नेपाली अधिकारी को नक्शा के माध्यम से स्थिति साफ किया था और आश्वस्त किया था कि वहां का बांध न तो आगे की ओर ले जाया जा रहा है और न ही कुछ नया निर्माण कार्य किया जाएगा, बल्कि क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत की जाएगी.

मधुबनी: इंडो-नेपाल के बीच रोटी-बेटी का संबंध माना जाता है. लेकिन इन दिनों दोनों देशों के बीच थोड़ी सी कड़वाहट देखने को मिल रही है. कुछ दिन पहले अपनी बेटी से मिलने आई एक मां से नेपाल की सेना के दुर्व्यवहार के बाद जिस तरीके के हालात बने हैं, उससे इंडो-नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है. इस कारण भारतीय किसानों को खासा परेशानी हो रही है.

दरअसल, कुछ दिनों पहले सीतामढ़ी में नेपाल की ओर से भारतीय सीमा पर फायरिंग की गई थी. इसमें एक युवक की मौत भी हो गई थी. इस घटना के बाद नेपाल सीमा से आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई थी. इस इस तनाव के कारण इंडो-नेपाल सीमा पर बसे किसानों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसा ही एक मामला मधुबनी के जयनगर प्रखंड के इनरवा और अन्हा बॉर्डर से सामने आया है.

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सीमा पर तैनात जवान

बॉर्डर पर रह रहे किसानों को हो रही परेशानी
इस बॉर्डर पर ऐसे कई भारतीय किसान हैं जिनका खेत नेपाल में है और घर भारतीय सीमा में आता है. इन किसानों की ये परेशानी है कि नेपाल की तरफ से इन्हें उनके खेत में नहीं जाने दिया जा रहा है. यहां तक की उन्हें उनके रिश्तेदारों से भी मुलाकात नहीं करने दिया जा रहा है और न ही मवेशियों को चराने की इजाजत है. किसानों का कहना है कि नेपाल सीमा में घुसते ही वहां की सेना की तरफ से उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है.

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खाली पड़ा खेत

नेपाल ने सीमा पर बढ़ाई चौकसी
वहीं, इंडो-नेपाल बॉर्डर पर नेपाल की तरफ से सेना की चौकसी काफी बढ़ा दी गई है. हर जगह नेपाल पुलिस की ड्यूटी सख्ती से लगाई गई है. इस कारण भारत के लोग नेपाल में जाने से डर रहे हैं. यही कारण है कि उनका काम ठप पड़ा हुआ है और किसानों के सामने भुखमरी की नौबत आने वाली है. किसानों का कहना है कि जब तक वे खेती करेंगे नहीं तो खाऐंगे क्या?

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पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस

धान की रोपनी का है सीजन
बता दें कि अभी धान की रोपनी का सीजन चल रहा है. लेकिन किसान नेपाल सेना की डर से बॉर्डर पार कर अपने खेत नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में उनके खेतों का काम रुका हुआ है. अगर इनकी खेती का काम शुरू नहीं हुआ तो इन किसानों को बड़ी क्षति पहुंचेगी. एक तो कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन की स्थिति ऊपर से मौसम की मार ऐसे में इन किसानों की समस्या बढ़ती ही जा रही है.

क्या कहते हैं किसान
इधर, भारत-नेपाल के साथ दोस्ताना रिश्ता बनाना चाहता है. स्थानीय नदीम ने बताया कि पहले हम लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं थी. हम आसानी से सीमा पार कर अपने खेत चले जाते थे. लेकिन पिछले दिनों हुई फायरिंग की घटना के बाद से माहौल बदल गया है. अब हमे अपने ही खेतों में जाने से रोका जा रहा है. इस कारण हमारा खेत वीरान पड़ा है. नदीम ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति छिपकर भी अपने खेत चला जाता है तो नेपाल की सेना उसके साथ दुर्व्यवहार करती है. वहीं, एक अन्य किसान रामफल यादव ने बताया कि हमलोगों को अपने खेतों में जाने से रोका जा रहा है.

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भारत-नेपाल सीमा

इंडो-नेपाल बॉर्डर पर हुई थी फायरिंग
बता दें कि पिछले दिनों भारत-नेपाल के बीच जारी तनाव के दौरान बिहार से सटे सीमा पर फायरिंग हुई थी. यह घटना बिहार के सीतामढ़ी के सोनबरसा थाना क्षेत्र की पिपरा परसाइन पंचायत में लालबन्दी के जानकी नगर बॉर्डर पर हुई थी. इस फायरिंग में एक शख्स की मौत भी हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए.

क्यों हुआ था विवाद
दरअसल, एक परिवार नेपाल जा रहा था. जिन्हें नेपाली सुरक्षा बलों ने बॉर्डर पर रोक दिया और वापस लौटने को कहा. इस बात को लेकर विवाद हो गया. इसी दौरान नेपाली सुरक्षाबलों ने फायरिंग कर दी, जिससे तीन लोगों को गोली लग गई. इनमें एक की मौत हो गई. इसके बाद नेपाली सुरक्षाबलों ने एक भारतीय युवक को पकड़ लिया था, हालांकि बाद में उसे रिहा कर दिया गया.

देखें पूरी रिपोर्ट

पहले भी नेपाल के अधिकारियों ने जताई थी आपत्ति
बता दें कि इससे पहले भी साल 2019 में विवाद हुआ था. उस दौरान नेपाल के अधिकारियों ने डीएम को बताया था कि उस स्थल पर ऊंचा बांध निर्माण हो जाने से नेपाल क्षेत्र में पानी का जमाव अधिक हो जाएगा. जिससे, नेपाल के इलाकों में रह रहे लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो जाएगा. हालांकि, डीएम ने नेपाली अधिकारी को नक्शा के माध्यम से स्थिति साफ किया था और आश्वस्त किया था कि वहां का बांध न तो आगे की ओर ले जाया जा रहा है और न ही कुछ नया निर्माण कार्य किया जाएगा, बल्कि क्षतिग्रस्त बांध की मरम्मत की जाएगी.

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