मधुबनी: जिले में कोचिंग संस्थान के मालिक सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. कोरोना की वजह से सभी कोचिंग संस्थानों पर सरकार ने रोक लगाई हुई है, लेकिन मोटी रकम कमाने के लालच में जिले के हरलाखी प्रखंड में कई निजी कोचिंग संस्थान संचालित हो रहे हैं, जहां कोरोना नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है.
सरकार के आदेश के बाद भी खुलेआम चल रहे निजी कोचिंग संस्थान
जिले के करुणा चौक के समीप शनिवार को शारदा शिक्षण संस्थान संचालित होता देखा गया, जहां काफी संख्या में छोटे-छोटे बच्चे ना तो मास्क पहने थे और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे. इतना ही नहीं शिक्षक भी बिना मास्क के पढ़ा रहे थे. जबकि, सरकार के द्वारा सभी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों को बंद करने का आदेश है, लेकिन निजी विद्यालय के संचालक बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.
चेतावनी देकर करवाया गया बंद
वहीं, ग्रामीणों की शिकायत पर जब मीडिया कर्मी कोचिंग संस्थान पर पहुंचे तो शिक्षक तिलमिला उठे और कैमरे के आगे हाथ रख कर अपने सच्चाई पर पर्दा डालने लगे. ऐसे में बड़ा सवाल है कि यदि एक भी बच्चा संक्रमित हो जाए तो इसका जिम्मेदार कौन होंगा? इस बावत बीइओ सुनील कुमार तिवारी ने कहा कि मामले की जानकारी मिलते ही कोचिंग संचालक संजय चौधरी को चेतावनी देकर कोचिंग को बंद रखने का निर्देश दिया गया है. अब देखना है कि कोचिंग संचालकों पर प्रशासन क्या कारवाई करता है.