मधुबनी: वाजदा खातून (Wazda Khatoon) अब इस दुनिया में नहीं है. उसने तो बस घर के लोगों की मदद करने की सोची थी. हाथ में टोकरी और कचिया लेकर घास काटने गयी थी. किसे पता था वो वापस नहीं लौटेगी. वह महज 11 साल की थी. घोघरडीहा (Ghoghardiha) थाना क्षेत्र के अमही गांव की रहनेवाली थी. पिता मो. कलीमुद्दीन को इतनी प्यारी थी कि वे सर आंखों पर बिठा कर रखते थे. बेटी ने पिता के प्यार को वापस देना चाहा. हाथ बटाना चाहा. लेकिन वह लौट कर ना आयी. पास बह रहे बधार के गहरे पानी में डूब (Wazda Drowning in Deep Water) गयी.
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स्थानीय लोगों ने बताया कि वाजदा काफी चंचल थी. घास काटने बधार के चौर के समीप गई थी. बोल कर गयी थी कि नरम घास काट कर लाऊंगी. घरवालों की मदद करूंगी. लेकिन चौर में डूबने से उसकी मौत हो गयी. काफी देर तक वापस ना आयी तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की. जिसके बाद बधार के चौर से उसकी लाश बरामद हुई.
पंचायत की मुखिया रामकुमारी देवी ने बताया कि चौर में डूबने से मौत की सूचना अंचल अधिकारी सहित थानाध्यक्ष को भी दे दी गई है. जो उचित सहायता हो दिलवाने की बात भी कह दी गई है.बता दें कि परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
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