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कुत्ता काटने से लड़के की मौत, मां-दादी की हालत गंभीर, 17 अन्य लोग भी हुए प्रभावित

पुलिस ने मौके पर पंहुचकर मामला को शांत कराया और सभी 19 लोगों को सुई लगाने की व्यवस्था करवाई. मृतक की मां और दादी की हालत गंभीर देखते हुए उन्हें इलाज के लिए मधुबनी रेफर किया गया.

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Published : Jun 6, 2019, 10:59 PM IST

हंगामा करते लोग

मधुबनी: सूबे की नीतीश सरकार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहद खराब है. सदर अस्पताल हो या पीएचसी, आये दिन डॉक्टरों की लापरवाही देखने को मिल रही है. ताजा मामला खुटौना थाना क्षेत्र के बेला गांव का है. जहां एक 14 वर्षीय लड़के को कुत्ते ने काट लिया था, कुछ दिन बाद उसकी मौत हो गई. लड़के की मौत के बाद परिजनों ने पीएचसी पर जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की.

परिजनों ने बताया कि प्रभारी अस्पताल में नहीं आकर निजी क्लिनिक चलाते हैं. अस्पताल के मरीज को वहीं बुलाकर इलाज करते हैं. परिजनों ने बताया कि घंटों हमें निजी क्लिनिक में बैठाया गया, बाद में एक सुई बाजार से लाने को कहा गया. इंजेक्शन लाने के बाद डॉक्टर ने लड़के को इंजेक्शन नहीं दिया. डॉक्टर की इस लापरवाही की कीमत बच्चे को जान देकर चुकानी पड़ी.

क्या है मामला?
बेला गांव के अमोल कुमार राम के 14 वर्षीय पुत्र गणेश कुमार को बीते 15 मई को कुत्ते ने काट लिया था. गणेश को ईलाज के लिए पीएचसी में लाया गया. पीएचसी प्रभारी डॉ. विजय मोहन ने एक एआरएस की सुई लगाकर घर भेज दिया. 21 मई को फिर बच्चे को अस्पताल लाकर दिखाया गया, लेकिन डॉक्टर ने आगे किसी भी इलाज की जरूरत नहीं बताई. उसके बाद अचानक 30 मई को बच्चा अजीब हरकत करने लगा. वो हवा और पानी से डरने लगा. बच्चे को जब डॉक्टर के पास लाया गया तो उन्होंने मधुबनी रेफर कर दिया. लेकिन आधे रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई.

परिजन और डॉक्टर का बयान

फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
बच्चे के क्रिया कर्म के बाद बच्चे की संपर्क में रहे परिवार के अन्य सदस्य को भी विष लगने की आशंका हुई. मृतक के पिता को भी डीएमसीएच में एंटीरेबिज सुई लगवाने की जरूरत पड़ गई. परिवार के सभी 19 सदस्यों को सुई लेने को कहा गया है. इस घटना को डॉक्टरों की घोर लापरवाही माना जा सकता है. इस लापरवाही से गुस्साए लोगों ने पीएचसी में जमकर हंगामा किया.

मां और दादी की हालत गंभीर
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला को शांत कराया और सभी 19 लोगों को सुई लगाने की व्यवस्था करवाई. इधर मृतक की मां और दादी की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए मधुबनी रेफर किया गया. पीएचसी प्रभारी डॉ. विजय मोहन ने बताया कि कुत्ता काटने की सुई दी गई थी, दूसरी नहीं थी इसीलिए नहीं दी गई.

मधुबनी: सूबे की नीतीश सरकार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहद खराब है. सदर अस्पताल हो या पीएचसी, आये दिन डॉक्टरों की लापरवाही देखने को मिल रही है. ताजा मामला खुटौना थाना क्षेत्र के बेला गांव का है. जहां एक 14 वर्षीय लड़के को कुत्ते ने काट लिया था, कुछ दिन बाद उसकी मौत हो गई. लड़के की मौत के बाद परिजनों ने पीएचसी पर जमकर हंगामा और तोड़फोड़ की.

परिजनों ने बताया कि प्रभारी अस्पताल में नहीं आकर निजी क्लिनिक चलाते हैं. अस्पताल के मरीज को वहीं बुलाकर इलाज करते हैं. परिजनों ने बताया कि घंटों हमें निजी क्लिनिक में बैठाया गया, बाद में एक सुई बाजार से लाने को कहा गया. इंजेक्शन लाने के बाद डॉक्टर ने लड़के को इंजेक्शन नहीं दिया. डॉक्टर की इस लापरवाही की कीमत बच्चे को जान देकर चुकानी पड़ी.

क्या है मामला?
बेला गांव के अमोल कुमार राम के 14 वर्षीय पुत्र गणेश कुमार को बीते 15 मई को कुत्ते ने काट लिया था. गणेश को ईलाज के लिए पीएचसी में लाया गया. पीएचसी प्रभारी डॉ. विजय मोहन ने एक एआरएस की सुई लगाकर घर भेज दिया. 21 मई को फिर बच्चे को अस्पताल लाकर दिखाया गया, लेकिन डॉक्टर ने आगे किसी भी इलाज की जरूरत नहीं बताई. उसके बाद अचानक 30 मई को बच्चा अजीब हरकत करने लगा. वो हवा और पानी से डरने लगा. बच्चे को जब डॉक्टर के पास लाया गया तो उन्होंने मधुबनी रेफर कर दिया. लेकिन आधे रास्ते में ही बच्चे की मौत हो गई.

परिजन और डॉक्टर का बयान

फूटा ग्रामीणों का गुस्सा
बच्चे के क्रिया कर्म के बाद बच्चे की संपर्क में रहे परिवार के अन्य सदस्य को भी विष लगने की आशंका हुई. मृतक के पिता को भी डीएमसीएच में एंटीरेबिज सुई लगवाने की जरूरत पड़ गई. परिवार के सभी 19 सदस्यों को सुई लेने को कहा गया है. इस घटना को डॉक्टरों की घोर लापरवाही माना जा सकता है. इस लापरवाही से गुस्साए लोगों ने पीएचसी में जमकर हंगामा किया.

मां और दादी की हालत गंभीर
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला को शांत कराया और सभी 19 लोगों को सुई लगाने की व्यवस्था करवाई. इधर मृतक की मां और दादी की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें इलाज के लिए मधुबनी रेफर किया गया. पीएचसी प्रभारी डॉ. विजय मोहन ने बताया कि कुत्ता काटने की सुई दी गई थी, दूसरी नहीं थी इसीलिए नहीं दी गई.

Intro:Body:मधुबनी
बच्चे की मौत के बाद पीएचसी में हंगामा
सूबे के cm नीतीश सरकार स्वास्थ्य विभाग पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग का हाल बेहद खराब है ।सब भगवान भरोसे ही चल रहा है।सदर अस्पताल हो या पीएचसी आये दिन डॉक्टरों की लापरवाही देखने को मिल रही हैं।ताजा मामला खुटौना थाना क्षेत्र के बेला गांव की है। एक 14 वर्षीय लड़का को कुत्ता के काटने के कुछ दिन बाद मौत हो गई हैं।उसके बाद परिजनों ने phc पर काफीभारी हंगामा किया इब्न तोड़फोड़ की है। परिजनों ने बताया कि प्रभारी अस्पताल में नही कर निजी किलिनीक चलाता है अस्पताल के पेसेंट को वही बुलाकर इलाज करता है।घंटो हमे निजी क्लिनिक में बैठाया गया बाद में एक सुई लिख कर दिया बाज़ार से लेकर आओ ।लेकिन सुई किसी ने नही दिया।मामला क्या है- बेलां गांव के अमोल कुमार राम के 14 वर्षीय पुत्र गणेश कुमार को बीती 15 मई को कुता काटा।उसे ईलाज के लिए पीएचसी में लाया गया पीएचसी प्रभारी डॉ बिजय मोहन के द्वारा एक एआरएस की सुई लगाकर उन्हें घर भेज दी। 21 मई को फिर बच्चे को लाकर दिखाया गया लेकिन डॉ केसरी ने आगे किसी भी ईलाज की जरूरत नही बताया। 28 मई बच्चे को कमर दर्द की शिकायत पर किसी निजी क्लिनिक इलाज कराया गया। उसके बाद अचानक 30 मई को बच्चा अजीब तरह से करने लगा। और हवा और पानी से डरने लगा। उन्हें जब डॉ केसरी के पास लाया गया तो उन्होंने मधुबनी रेफर कर दिया लेकिन कुछ दूर जाने के बाद आधी रास्ते मे ही उनकी मौत हो गए। उसके क्रिया कर्म के बाद संसर्ग में रहे परिवार के अन्य सदस्य को भी बिष लगने की आशंका हुई । मृतक के पिता को भी डीएमसीएच में एंटीरेबिज लेने की आवश्यकता बतायी गयी । अब परिवार में सभी 19 सदस्यों को सुई लेने की आवश्यकता बता रही है इस घटना को डॉक्टरों की लापरवाही बता ग्रामीणों व परिजनों ने पीएचसी में हंगामा किया । पुलिस ने मौक़े पर पंहुचकर मामला को शांत किया और सभी 19 लोगों को सूई लगाने की व्यवस्था करवाई। इधर मृतक के माँ व उनकी दादी की हालत गंभीर देखते हुए उनके इलाज के लिए मधुबनी रेफर किया गया।साफ तौर पर डॉक्टर की लापरवाही देखी जा सकती है वही phc प्रभारी डॉ विजय मोहन ने बताया कि कुते की सुई दिया गया था दूसरा नही था इसीलिए नही दिया गया था।
बाइट मृतक के पिता
बाइट डॉ विजय मोहन प्रभारी खुटौना पीएचसी
अरविंद कुमार झा,मधुबनीConclusion:
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