तेहरान: हाल के दिनों में ईरान के कुद्स फोर्स के प्रमुख इस्माइल कानी को लेकर अफवाहें उड़ रही हैं, जिन्हें कई हफ्तों से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है. पिछले महीने के अंत में हुए बड़े इजराइली हवाई हमले के दो दिन बाद बेरूत की यात्रा करने के बाद से ही कानी लापता हो गए थे.
कानी के गायब होने के बाद से ही अटकलें लग रही थी कि उन्होंने ही इजराइल की मदद कर ईरान से गद्दारी की है. वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में इस्माइल कानी के बेरूत में इजराइली हमले में मारे जाने का दावा किया गया था. हालांकि, अब अरबी और क्षेत्रीय मीडिया ने दावा किया है कि वह जीवित हैं और आईआरजीसी उनकी जांच की जा रही है.
नसरल्लाह की हत्या में भूमिका का शक
67 साल के ब्रिगेडियर जनरल इस्माइल कानी अमेरिका की ओर से कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान में सबसे ताकतवर सैन्य व्यक्ति हैं. उन पर संदेह है कि वह इजराइली खुफिया घुसपैठ में शामिल थे और पिछले महीने हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह की हत्या में उन्होंने भूमिका निभाई थी.
IRGC इस बात की जांच कर रही है कि इजराइल को हसन नसरल्लाह की लोकेशन का पता कैसे चला, क्योंकि हसन नसरल्लाह की कहां था यह बात बेहद गुप्त थी और वह किसी भी जगह पर ज्यादा दिन नहीं रुकता था
इजराइली हमले के बाद हुआ शक
दरअसल, कानी पर IRGC को उस समय शक हुआ था, जब नसरल्लाह की मौत के दो दिन बाद कानी IRGC कमांडर्स के साथ स्थिति का जायजा लेने लेबनान पहुंचे और इस दौरान इजराइल ने हसन नसरल्लाह के उत्तराधिकारी हाशेम सफीद्दीन को मार गिराया. हालांकि, इजराइल की ओर से किए गए ताबड़तोड़ हमले में कानी ना जख्मी हुए और न ही मारे गए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल कानी से पूछताछ की जारी है. बता दें कि जनवरी 2020 में कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद कानी IRGC की विदेशी यूनिट कुद्स फोर्स के प्रमुख बने थे.
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