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मधुबनी: अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा NH-157, सालों से अधर में लटका है निर्माण कार्य

भाजपा नेता राकेश कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग जर्जर अवस्था में है. लेकिन निर्माण कार्य जारी है. अभी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है. लेकिन जल्द ही सड़क मार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा.

मधुबनी
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Published : Jun 2, 2020, 5:00 PM IST

मधुबनी: जिले से होकर गुजरने वाला एनएच 157 अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यह सड़क जयनगर अनुमंडल होते हुए जिले की सीमा क्षेत्र में प्रवेश करती है. पहले यह 104 मार्ग के नाम से जाना जाता था. लेकिन वर्तमान में यह 157 नेशनल हाइवे के नाम से जाना जाता है. 94 किमी लंबा यह एनएच आज जर्जर अवस्था में है.

'सड़क कम और गड्ढे ज्यादा'
सड़क की बदहाली पर बात करते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि आजादी के इतने साल बाद भी सड़क की हालत नहीं सुधरी. इस मार्ग पर बैलगाड़ी भी नहीं चल सकती है तो मोटर वाहन का चलना तो दूर की बात है. यह सड़क जिले को सीतामढ़ी से भी जोड़ती है. इस वजह से लोगों के पास कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है. लोगों को मजबूरी में इसी जर्जर नेशनल हाइवे मार्ग का सहारा लेकर आवाजाही करनी पड़ रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

3 साल से अधर में लटकाहै निर्माण कार्य
स्थानीय लोग बताते हैं कि इस सड़क मार्ग के निर्माण का टेंडर 3 साल पूर्व पास हो चुका है. लेकिन संवेदन तीन साल से इसे बनाने के सिर्फ कोशिश कर रहे हैं. धरातल पर आज तक कोशिश सफल नहीं हो सकी है. नेशनल हाइवे मार्ग पर सड़क कम और गड्ढे ज्यादा हैं. हल्की बरसात में भी सड़क पर पानी जमा हो जाता है. पानी के जमने से आस-पास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सड़क पर जमा हुआ पानी
सड़क पर जमा हुआ पानी

क्या कहते हैं जिम्मेदार?
इस मामले पर जब ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय भाजपा नेता राकेश कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग जर्जर अवस्था में है, लेकिन निर्माण कार्य जारी है. अभी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है. लेकिन जल्द ही सड़क मार्ग का निर्माण पूरा हो जाएगा.

मधुबनी: जिले से होकर गुजरने वाला एनएच 157 अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. यह सड़क जयनगर अनुमंडल होते हुए जिले की सीमा क्षेत्र में प्रवेश करती है. पहले यह 104 मार्ग के नाम से जाना जाता था. लेकिन वर्तमान में यह 157 नेशनल हाइवे के नाम से जाना जाता है. 94 किमी लंबा यह एनएच आज जर्जर अवस्था में है.

'सड़क कम और गड्ढे ज्यादा'
सड़क की बदहाली पर बात करते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि आजादी के इतने साल बाद भी सड़क की हालत नहीं सुधरी. इस मार्ग पर बैलगाड़ी भी नहीं चल सकती है तो मोटर वाहन का चलना तो दूर की बात है. यह सड़क जिले को सीतामढ़ी से भी जोड़ती है. इस वजह से लोगों के पास कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है. लोगों को मजबूरी में इसी जर्जर नेशनल हाइवे मार्ग का सहारा लेकर आवाजाही करनी पड़ रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

3 साल से अधर में लटकाहै निर्माण कार्य
स्थानीय लोग बताते हैं कि इस सड़क मार्ग के निर्माण का टेंडर 3 साल पूर्व पास हो चुका है. लेकिन संवेदन तीन साल से इसे बनाने के सिर्फ कोशिश कर रहे हैं. धरातल पर आज तक कोशिश सफल नहीं हो सकी है. नेशनल हाइवे मार्ग पर सड़क कम और गड्ढे ज्यादा हैं. हल्की बरसात में भी सड़क पर पानी जमा हो जाता है. पानी के जमने से आस-पास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

सड़क पर जमा हुआ पानी
सड़क पर जमा हुआ पानी

क्या कहते हैं जिम्मेदार?
इस मामले पर जब ईटीवी भारत की टीम ने स्थानीय भाजपा नेता राकेश कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग जर्जर अवस्था में है, लेकिन निर्माण कार्य जारी है. अभी लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पर रहा है. लेकिन जल्द ही सड़क मार्ग का निर्माण पूरा हो जाएगा.

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