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मधुबनी: धूमधाम से मनाया गया शब-ए-बारात, जानें क्यों जगते इस रात...

बागेफिरदौस जामा मस्जिद में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज अदा करते हुए शब ए बारात का त्योहार मनाया गया. इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग फातिहा पढ़ते नजर आए.

शब-ए-बारात
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Published : Mar 30, 2021, 7:09 AM IST

मधुबनी: मदना पंचायत के जमैला बाजार में बागेफिरदौस जामा मस्जिद में शब ए बारात त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज अदा की गई. पुरी रात सभी मस्जिदों और कब्रिस्तानों में बुजुर्ग, नौजवान और बच्चों को सफेद कुर्ता-पैजामा और सफेद टोपी में देखा गया. मुस्लिम समुदाय सारी रात मस्जिदों में इबादत करते और अपने-अपने बुजुर्गों के लिए फातिहा पढ़ते नजर आए.

इसे भी पढ़ें: होलिका दहन और शब-ए-बारात में दिखी हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल

धूमधाम से मनाया गया शब-ए-बारात
शब-ए-बारात त्योहार के अवसर पर सभी प्रमुख मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की गई. मस्जिदों को विशेष रूप से सजाया गया था. मुफ्ती अब्दुल कैयुम ने बताया कि शब-ए-बारात इतनी प्यारी और मुबारक रात है कि इस रात में अल्लाह अपनी रहमत के 300 दरवाजों को खोल देता है. अपने गुनाहगार बन्दों के गुनाह को बख्श देता है और उन्हें अजाब से रिहाई अदा फरमाता है.

ये भी पढ़ें: औरंगाबाद में होली और शब-ए-बरात को लेकर शांति समिति की बैठक, लहरिया कट बाइक चलाने वाले पर होगी कार्रवाई

मांगी जाती है दुआ
हाजी इमरान शम्सी ने बताया कि शब ए बारात की रात मुस्लिम धर्म के लिऐ बहुत बड़ी इबादत की रात है.
उन्होंने कहा कि इस दिन पूरी रात कुरानशरीफ की तिलावत की जाती है. साथ ही कब्रों पर जाकर के उनके लिऐ गुनाहों की बकसीस की दुआ मांगी जाती है. शब-ए-बरात अपने पाप और गुनाहों से छुटकारा और दुआ मांगने की बहुत बड़ी रात है. इस अवसर पर प्रखंड के जमैला, मदना, आदि गांवों में भी शब-ए बारात की दुआ मांगी गई.

मधुबनी: मदना पंचायत के जमैला बाजार में बागेफिरदौस जामा मस्जिद में शब ए बारात त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज अदा की गई. पुरी रात सभी मस्जिदों और कब्रिस्तानों में बुजुर्ग, नौजवान और बच्चों को सफेद कुर्ता-पैजामा और सफेद टोपी में देखा गया. मुस्लिम समुदाय सारी रात मस्जिदों में इबादत करते और अपने-अपने बुजुर्गों के लिए फातिहा पढ़ते नजर आए.

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धूमधाम से मनाया गया शब-ए-बारात
शब-ए-बारात त्योहार के अवसर पर सभी प्रमुख मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की गई. मस्जिदों को विशेष रूप से सजाया गया था. मुफ्ती अब्दुल कैयुम ने बताया कि शब-ए-बारात इतनी प्यारी और मुबारक रात है कि इस रात में अल्लाह अपनी रहमत के 300 दरवाजों को खोल देता है. अपने गुनाहगार बन्दों के गुनाह को बख्श देता है और उन्हें अजाब से रिहाई अदा फरमाता है.

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मांगी जाती है दुआ
हाजी इमरान शम्सी ने बताया कि शब ए बारात की रात मुस्लिम धर्म के लिऐ बहुत बड़ी इबादत की रात है.
उन्होंने कहा कि इस दिन पूरी रात कुरानशरीफ की तिलावत की जाती है. साथ ही कब्रों पर जाकर के उनके लिऐ गुनाहों की बकसीस की दुआ मांगी जाती है. शब-ए-बरात अपने पाप और गुनाहों से छुटकारा और दुआ मांगने की बहुत बड़ी रात है. इस अवसर पर प्रखंड के जमैला, मदना, आदि गांवों में भी शब-ए बारात की दुआ मांगी गई.

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