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मधुबनी: प्रशासनिक अनदेखी का दंश झेल रहा LNJM, व्यवस्थाओं का है घोर अभाव

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Published : Aug 22, 2019, 11:59 PM IST

हाल यह है कि ललित नारायण जनता महाविद्यालय में सिर्फ एडमिशन लिया जा रहा है और छात्रों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जा रहा है. यहां की छत कभी भी गिर सकती है. कॉलेज प्रांगण में बड़े-बड़े घास उग गए हैं.

डिजाइन इमेज

मधुबनी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लाख दावे कर लें, लेकिन, सूबे के हर दूसरे कॉलेज में सुविधाएं फेल दिख रही हैं. मधुबनी के ललित नारायण जनता महाविद्यालय झंझारपुर में बदहाली चरम पर है. यहां व्यवस्थाओं का घोर अभाव है. जिस कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

Madhubani
नहीं हुई रंगाई-पुताई

इतने पद हैं स्वीकृत
ललित नारायण जनता महाविद्यालय झंझारपुर में प्रोफेसर के 41 पद स्वीकृत हैं. लेकिन, वर्तमान में महाविद्यालय में सिर्फ 6 प्रोफेसर ही हैं. वहीं, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के लिए 12 पद स्वीकृत हैं, जिसमें सिर्फ 8 कर्मचारी हैं. तृतीय वर्ग के कर्मचारी के 8 पद हैं. लेकिन, वर्तमान में 4 कर्मचारी ही है. इस महाविद्यालय में अभी तक 1893 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो चुका है और नामांकन बढ़ने की संभावना है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

1892 छात्रों पर केवल 6 टीचर
पिछले वर्ष इस महाविद्यालय में 1639 छात्रों ने अपना नामांकन किया था. यूजीसी के नियम के मुताबिक 40 छात्र पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है. लेकिन, 1892 छात्रों पर केवल 6 शिक्षक ही बहाल हैं. ऐसे में इस महाविद्यालय की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

Madhubani
कॉलेज परिसर में उग आए घास

कुव्यवस्थाओं का लगा अंबार
हाल यह है कि महाविद्यालय में सिर्फ एडमिशन लिया जा रहा है और छात्रों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जा रहा है. छात्रों के मुकाबले शिक्षकों के पद काफी खाली हो चुका है. बदहाली इस कदर है कि महाविद्यालय की मकान भी काफी पुरानी हो चुका है. यहां की छत कभी भी गिर सकती है. समय-समय पर मकान की मरम्मत तो की जा रही है लेकिन, रंगाई-पुताई का काम सालों से नहीं हुआ है. कॉलेज प्रांगण में बड़े-बड़े घास उग गए हैं. लेकिन, कॉलेज प्रबंधन और सरकार बेसुध है.

Madhubani
केदारनाथ झा, प्रधानाचार्य

मधुबनी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के लाख दावे कर लें, लेकिन, सूबे के हर दूसरे कॉलेज में सुविधाएं फेल दिख रही हैं. मधुबनी के ललित नारायण जनता महाविद्यालय झंझारपुर में बदहाली चरम पर है. यहां व्यवस्थाओं का घोर अभाव है. जिस कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

Madhubani
नहीं हुई रंगाई-पुताई

इतने पद हैं स्वीकृत
ललित नारायण जनता महाविद्यालय झंझारपुर में प्रोफेसर के 41 पद स्वीकृत हैं. लेकिन, वर्तमान में महाविद्यालय में सिर्फ 6 प्रोफेसर ही हैं. वहीं, चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के लिए 12 पद स्वीकृत हैं, जिसमें सिर्फ 8 कर्मचारी हैं. तृतीय वर्ग के कर्मचारी के 8 पद हैं. लेकिन, वर्तमान में 4 कर्मचारी ही है. इस महाविद्यालय में अभी तक 1893 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो चुका है और नामांकन बढ़ने की संभावना है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

1892 छात्रों पर केवल 6 टीचर
पिछले वर्ष इस महाविद्यालय में 1639 छात्रों ने अपना नामांकन किया था. यूजीसी के नियम के मुताबिक 40 छात्र पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है. लेकिन, 1892 छात्रों पर केवल 6 शिक्षक ही बहाल हैं. ऐसे में इस महाविद्यालय की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

Madhubani
कॉलेज परिसर में उग आए घास

कुव्यवस्थाओं का लगा अंबार
हाल यह है कि महाविद्यालय में सिर्फ एडमिशन लिया जा रहा है और छात्रों को भगवान भरोसे छोड़ दिया जा रहा है. छात्रों के मुकाबले शिक्षकों के पद काफी खाली हो चुका है. बदहाली इस कदर है कि महाविद्यालय की मकान भी काफी पुरानी हो चुका है. यहां की छत कभी भी गिर सकती है. समय-समय पर मकान की मरम्मत तो की जा रही है लेकिन, रंगाई-पुताई का काम सालों से नहीं हुआ है. कॉलेज प्रांगण में बड़े-बड़े घास उग गए हैं. लेकिन, कॉलेज प्रबंधन और सरकार बेसुध है.

Madhubani
केदारनाथ झा, प्रधानाचार्य
Intro:कॉलेज में प्रोफेसरों की कमी के कारण कॉलेज की दुर्दशा,मधुबनी


Body:मधुबनी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की बातें कर रहे हैं लेकिन सूबे के शिक्षा व्यवस्था का स्तर दिनो दिन काफी गिरते जा रहा है ।अधिकांश कॉलेज अपने दुर्दशा पर रोना रो रही है। हम बात कर रहे हैं मधुबनी जिला के ललित नारायण जनता महाविद्यालय झंझारपुर की। इस महाविद्यालय में प्रोफेसर के स्वीकृत पद 41 है लेकिन महाविद्यालय में सिर्फ 6 प्रोफेसर ही हैं । चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के 12 पद स्वीकृत हैं सिर्फ 8 कर्मचारी है तृतीय वर्ग के कर्मचारी के 8 पद हैं वर्तमान में 4 कर्मचारी ही है।इस महाविद्यालय में अभी तक 1893 छात्र-छात्राओं का नामांकन हो चुका है और नामांकन बढ़ने की संभावना है पिछले वर्ष भी इस महाविद्यालय में 1639 छात्रों ने अपना नामांकन किया था ।यूजीसी के नियम के मुताबिक 40 छात्र पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है लेकिन अट्ठारह सौ विरानवे छात्र पर सिर्फ 6 शिक्षक। क्या 6 शिक्षक मिलकर 1893 छात्रों को पढ़ा पाएंगे महाविद्यालय में अधिकांश शिक्षकों के पद खाली पड़े हुए हैं महाविद्यालय में सिर्फ एडमिशन ले लिया जा रहा है और छात्रों को भगवान भरोसे ही छोड़ दी जा रही है छात्रों के मुकाबले शिक्षकों के पद काफी खाली हो चुका है दिनोंदिन शिक्षा का स्तर काफी गिरते जा रहा है ।सरकार प्रोफेसर की बहाली नहीं कर रही है। बिना गुरु के ज्ञान कैसे संभव हो पाएगी?यह चिंता का विषय है। सरकार अगर शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं देगी शिक्षा व्यवस्था दिनों दिन और गिरती चली जाएगी महाविद्यालय के प्रांगण मे जंगल की तरह घास भरा परा हुआ है । कॉलेज के प्रधानाचार्य केदारनाथ झा ने बताया कॉलेज में इस वर्ष अभी तक 1893 छात्र-छात्राओं का नामांकन प्रथम वर्ष में हो चुका है और नामांकन बढ़ने की संभावना है प्रोफेसर के 41 पद हैं लेकिन सिर्फ 6 प्रोफ़ेसर ही हैं बाकी पद खाली पड़ा हुआ है महाविद्यालय की मकान भी काफी पुरानी है ।कभी भी गिर सकती हैं और छात्रों को मौत के आगोश में ले लेगी।मकान का मरम्मत कार्य कर कर काम चलाओ किया जा रहा मकान का बर्षो से रंग रोशन भी नही किया जा रहा है।। बरसात के मौसम में छात्र छात्राओं काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।कॉलेज प्रांगण में बड़े बड़े घास उग गए हैं।अब देखना है कि सरकार की कुंभकरण निद्रा कब खुलती है और महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद पर बहाली के तरफ ध्यान कब जाती है ।
बाइट केदारनाथ झा,प्रधानाचार्य ललित नारायण जनता महाविद्यालय झंझारपुर
राजकुमार झा मधुबनी


Conclusion:
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