मधुबनी: बिहार के मधुबनी में कृषि विज्ञान केंद्र परिसर में तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय कृषि और स्वास्थ्य अमृत महोत्सव सह मेगा एग्री एक्सपो का आयोजन किया गया. एसके चौधरी शिक्षा न्यास के तत्वाधान में कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ (Industries Minister Sameer Kumar Mahaseth), पूर्व केंद्रीय मंत्री सह पूर्व सांसद पद्मभूषण हुक्मदेव नारायण यादव, जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा, एमएलसी डॉ. मदन मोहन झा व खजौली विधायक अरुण शंकर प्रसाद सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया.
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किसान कभी हार नहीं मानतेः संस्थान के अध्यक्ष डा. संत कुमार चौधरी ने अतिथियों को मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग व दोपट्टा से सम्मानित किया. विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने कहा कि सड़क, पुल, पुलिया का निर्माण सहित कृषि, स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्रों में भी तेजी से विकास हुआ है. जलवायु व प्राकृतिक आपदाओं के कारण बार-बार फसलें बर्बाद हो जाया करती है, लेकिन किसान कभी हार नहीं मानते. उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसा प्रदेश बंजरपन के लिये जाना जाता था, लेकिन टेक्नोलॉजी के कारण अब वहां भी बेहद कम पानी में सरसों की बेहतर खेती की जा रही है.
"सड़क, पुल, पुलिया का निर्माण सहित कृषि, स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्रों में भी तेजी से विकास हुआ है. जलवायु व प्राकृतिक आपदाओं के कारण बार-बार फसलें बर्बाद हो जाया करती है, लेकिन किसान कभी हार नहीं मानते" - महेश्वर हजारी, विधानसभा उपाध्यक्ष
मधुबनी में कृषि विश्वविद्यालय खोलना चाहते थे चतुरानन मिश्रः वहीं उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री चतुरानन मिश्र राजनगर में कृषि विश्वविद्यालय खोलने की इच्छा रखते थे. मगर वह पूरा नहीं हो सका. भारत सरकार के कृषि, उद्योग, लघु सिंचाई, पशुपालन सहित किसी विभाग के विकास की रोशनी को मधुबनी तक नहीं पहुंची. इसे यहां लाने की जरूरत है. जिले में बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है. विकास कोसों दूर हो जाता है.
बाढ़ के कारण आती है कई परेशानियांः समीर कुमार महासेठ ने कहा कि नेपाल से सटे होने के कारण परेशानियां होती है. भारत सरकार कई प्रकार की योजनाएं चला रही है. जिसे मधुबनी में लाने की जरूरत है. व्यवसायी, जनप्रतिनिधियों व उद्योगपतियों को समाज को गरीबी रेखा से बाहर लाने के लिये आगे बढ़कर पहल करने की आवश्यकता है, ताकि रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल सके. उन्होंने मधुबनी जिले में कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की आवश्यकता भी जताई.
"पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय चतुरानन मिश्र राजनगर में कृषि विश्वविद्यालय खोलने की इच्छा रखते थे. मगर वह पूरा नहीं हो सका. जिले में बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है. विकास कोसों दूर हो जाता है. नेपाल से सटे होने के कारण परेशानियां होती है. भारत सरकार कई प्रकार की योजनाएं चला रही है. जिसे मधुबनी में लाने की जरूरत है" - समीर कुमार महासेठ, उद्योग मंत्री