मधुबनीः जिले में 2008 में जब मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की गई तो लोगों में इलाके के विकास और घर में खुशहाली की उम्मीद जगी थी. इसकी स्थापना करते समय लोगों को सपना दिखाया गया था कि यहां मखाना तैयार कर बाजार में सप्लाई की जाएगी. साथ ही विदेशों में भी इसका निर्यात किया जाएगा. इलाके के लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे वो आत्मनिर्भर हो सकेंगे.
जंग खा रही हैं मशीनें
बता दें कि ये फैक्ट्री एनएच-57 के पास कन्हौली में बिहार सरकार के तत्कालीन सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा, विधान पार्षद संजय कुमार झा, विधान पार्षद विरेन्द्र चौधरी की उपस्थिति में स्थापित की गई थी. इसकी स्थापना के 11 साल बीत चुके हैं, लेकिन फिलहाल यह यूनिट सरकारी उदासीनता के कारण देखरेख के अभाव में धूल फांक रही है और इसकी मशीनें जंग खा रही हैं.
'टूटने लगी उम्मीदें'
स्थानीय लोगों ने कहा कि तब बताया गया था कि इसके चालू होने से भारी संख्या में लोगों को रोजगार मिला. साथ ही इससे बिलजी का उत्पादन कर इलाके के लोगों को बिजली की आपूर्ति सस्ती दरों पर की जाएगी. लोगों ने बताया कि अब इससे उम्मीदें टूटने लगी है. फैक्टरी की पहरेदारी एक गार्ड के भरोसे है.
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फैक्ट्री के गार्ड मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि शुरुआत में कुछ दिन इसमें मखाना तैयार किया गया. लेकिन कुछ दिन बाद काम होना बंद हो गया. उन्होंने कहा कि मेरे वेतन का भूगतान भी समय से नहीं हो पाता है.