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मधुबनीः इस फैक्ट्री के जरिए लोगों को दिन बहुरने का दिखाया गया था सपना, आज खुद फांक रही है धूल

एनएच 57 के पास कन्हौली में है यह फैक्ट्री. तत्कालीन सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह ने इसका उद्घाटन किया था.

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Published : Dec 18, 2019, 10:43 AM IST

मधुबनीः जिले में 2008 में जब मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की गई तो लोगों में इलाके के विकास और घर में खुशहाली की उम्मीद जगी थी. इसकी स्थापना करते समय लोगों को सपना दिखाया गया था कि यहां मखाना तैयार कर बाजार में सप्लाई की जाएगी. साथ ही विदेशों में भी इसका निर्यात किया जाएगा. इलाके के लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे वो आत्मनिर्भर हो सकेंगे.

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मखाना प्रोसेसिंग यूनिट

जंग खा रही हैं मशीनें
बता दें कि ये फैक्ट्री एनएच-57 के पास कन्हौली में बिहार सरकार के तत्कालीन सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा, विधान पार्षद संजय कुमार झा, विधान पार्षद विरेन्द्र चौधरी की उपस्थिति में स्थापित की गई थी. इसकी स्थापना के 11 साल बीत चुके हैं, लेकिन फिलहाल यह यूनिट सरकारी उदासीनता के कारण देखरेख के अभाव में धूल फांक रही है और इसकी मशीनें जंग खा रही हैं.

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जंग खा रही है मशीनें

'टूटने लगी उम्मीदें'
स्थानीय लोगों ने कहा कि तब बताया गया था कि इसके चालू होने से भारी संख्या में लोगों को रोजगार मिला. साथ ही इससे बिलजी का उत्पादन कर इलाके के लोगों को बिजली की आपूर्ति सस्ती दरों पर की जाएगी. लोगों ने बताया कि अब इससे उम्मीदें टूटने लगी है. फैक्टरी की पहरेदारी एक गार्ड के भरोसे है.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : झारखंड के बाबाधाम में पुजारी ने शुरू की मुहिम

फैक्ट्री के गार्ड मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि शुरुआत में कुछ दिन इसमें मखाना तैयार किया गया. लेकिन कुछ दिन बाद काम होना बंद हो गया. उन्होंने कहा कि मेरे वेतन का भूगतान भी समय से नहीं हो पाता है.

मधुबनीः जिले में 2008 में जब मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की गई तो लोगों में इलाके के विकास और घर में खुशहाली की उम्मीद जगी थी. इसकी स्थापना करते समय लोगों को सपना दिखाया गया था कि यहां मखाना तैयार कर बाजार में सप्लाई की जाएगी. साथ ही विदेशों में भी इसका निर्यात किया जाएगा. इलाके के लोगों को रोजगार मिलेगा, जिससे वो आत्मनिर्भर हो सकेंगे.

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मखाना प्रोसेसिंग यूनिट

जंग खा रही हैं मशीनें
बता दें कि ये फैक्ट्री एनएच-57 के पास कन्हौली में बिहार सरकार के तत्कालीन सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा, विधान पार्षद संजय कुमार झा, विधान पार्षद विरेन्द्र चौधरी की उपस्थिति में स्थापित की गई थी. इसकी स्थापना के 11 साल बीत चुके हैं, लेकिन फिलहाल यह यूनिट सरकारी उदासीनता के कारण देखरेख के अभाव में धूल फांक रही है और इसकी मशीनें जंग खा रही हैं.

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जंग खा रही है मशीनें

'टूटने लगी उम्मीदें'
स्थानीय लोगों ने कहा कि तब बताया गया था कि इसके चालू होने से भारी संख्या में लोगों को रोजगार मिला. साथ ही इससे बिलजी का उत्पादन कर इलाके के लोगों को बिजली की आपूर्ति सस्ती दरों पर की जाएगी. लोगों ने बताया कि अब इससे उम्मीदें टूटने लगी है. फैक्टरी की पहरेदारी एक गार्ड के भरोसे है.

पेश है रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंः नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : झारखंड के बाबाधाम में पुजारी ने शुरू की मुहिम

फैक्ट्री के गार्ड मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि शुरुआत में कुछ दिन इसमें मखाना तैयार किया गया. लेकिन कुछ दिन बाद काम होना बंद हो गया. उन्होंने कहा कि मेरे वेतन का भूगतान भी समय से नहीं हो पाता है.

Intro:बर्षो से अधूरा पड़ा हुआ है मखाना प्रोसेसिंग यूनिट मधुबनी


Body:मधुबनी
बड़े अरमान से क्षेत्र में विकास की योजना के मद्देनजर मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना 2008 ईस्वी में कन्हौली एनएच 57 के समीप बिहार सरकार के तत्कालीन सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह ,ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा, विधान पार्षद संजय कुमार झा ,विधान पार्षद विरेन्द्र चौधरी के द्वारा मखना प्रासेसिंग यूनिट की स्थापना की गई थी। इस मखाना प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से मखाना को तैयार कर इसे बाजार में सप्लाई किया जाता ,विदेशों में भेजी जाती जिससे यहां के लोग आत्मनिर्भर हो पाते। यहां के लोगों को सपना दिखाया गया था कि काफी संख्या में लोगों को यहां रोजगार मिलेगी साथ ही इस मखाना प्रोसेसिंग यूनिट से बिजली की उत्पादन कर इलाके के लोगों को बिजली की आपूर्ति सस्ती दरों पर की जाएगी लेकिन सारा सपना पर पानी फिर गया इस मशीन को बरसों से जंग खा रही है कोई देखने वाला नहीं है। एक गार्ड के बदौलत फैक्टरी एवब मशीन की देखरेख की जा रही है लेकिन उस गार्ड को भी वेतन का भुगतान नहीं किया जाता है जबकि लाखों रुपए खर्च कर इस मखाना प्रोसेसिंग फैक्ट्री की निर्माण की गई थी ।लेकिन सब धरा का धरा रह गया
बाइट मो यूसुफ गार्ड
फैक्ट्री के गार्ड मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि पहले इसमें मखाना तैयार की जाती थी लेकिन कुछ दिन कार्य होने के बाद यह बंद पड़ा बंद ही रह गया इसे चालू नहीं की सकी। पहले वेतन भी नियत समय पर मिल जाता था लेकिन अब वेतन नहीं मिल पा रही है पता नहीं कब इस मशीन को दुबारा चालू किया जाएगा।
राज कुमार झा,मधुबनी



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