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साहित्य कला का महाकुंभ: मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का हुआ आगाज, 4 दिन रहेगी मधुबनी में धूम - मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज

मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज, देश-विदेश के नामचीन विद्वान साहित्य कला का महाकुंभ मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज, देश-विदेश के नामचीन विद्वानों ने लिया भाग

मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल
मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल
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Published : Dec 25, 2019, 6:05 AM IST

मधुबनी: जिले के राजनगर स्थित विश्वेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय मैदान में साहित्य कला का महाकुंभ कहे जाने वाले मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया है. ये फेस्टिवल चार दिन चलेगा. इस फेस्टीवल में मिथिलांचल के अलावा देश-विदेश के नामचीन विद्वान और साहित्यकारों ने भाग लिया.

मंगलवार को इस फेस्टिवल का उद्घाटन पद्म श्री से सम्मानित गोदावरी दत्त, एसएसबी 18वीं वाहिनी के कमांडेंट एके बलून और जिले के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने किया.

मधुबनी पेंटिग
मधुबनी पेंटिग

'5 सत्र में बांटा गया है लिटरेचर फेस्टिवल'
मौके पर इस फेस्टिवल की संचालिका दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. सविता झा ने बताया कि इस लिटरेचर फेस्टिवल को 5 सत्र में बांटा गया है. फेस्टिवल के माध्यम से बहुभाषिक समुदाय के धरोहर के समृद्ध साहित्य कला को मजबूत बनाया जाएगा. इसका उद्देश्य भावी पीढ़ी को उनके समृद्ध संस्कृति से परिचित कराने के लिए है.

मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज

'पलायन को रोकना है मकसद'
फेस्टिवल संचालिका डॉ. सविता झा ने कहा कि जिला अपना गौरवशाली अतित कहीं खो रहा है. इसके माध्यम से इतिहास साहित्य, संस्कृति और बौद्धिक परंपरा धरोहरों का संरक्षण कर नई पीढ़ी को अवगत कराया जाएगा. कार्यक्रम के माध्यम से क्षेत्र से विस्थापन और पलायन को रोकना एक अहम मकसद है.

डॉ. सविता झा, फेस्टिवल संचालिका
डॉ. सविता झा, फेस्टिवल संचालिका

'मैथिली भाषा पर डाला जाएगा प्रकाश'
इस बाबत स्थानीय मैथिली विद्वान उदय चंद्र झा ने बताया की कार्यक्रम की संचालिका सविता झा की ओर से किया जा रहे इस फेस्टिवल का आयोजन प्रेरणा का स्त्रोत है. इस मंच के माध्यम से विद्वान यहां पर अपने विचारों का अदान-प्रदान करेंगे. मिथिला से विलुप्त होती जा रही संस्कृति को बचाने के लिए उनका यह प्रयास सराहनीय है.

मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल
मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का मुख्य द्वार

मधुबनी: जिले के राजनगर स्थित विश्वेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय मैदान में साहित्य कला का महाकुंभ कहे जाने वाले मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन किया गया है. ये फेस्टिवल चार दिन चलेगा. इस फेस्टीवल में मिथिलांचल के अलावा देश-विदेश के नामचीन विद्वान और साहित्यकारों ने भाग लिया.

मंगलवार को इस फेस्टिवल का उद्घाटन पद्म श्री से सम्मानित गोदावरी दत्त, एसएसबी 18वीं वाहिनी के कमांडेंट एके बलून और जिले के डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने किया.

मधुबनी पेंटिग
मधुबनी पेंटिग

'5 सत्र में बांटा गया है लिटरेचर फेस्टिवल'
मौके पर इस फेस्टिवल की संचालिका दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. सविता झा ने बताया कि इस लिटरेचर फेस्टिवल को 5 सत्र में बांटा गया है. फेस्टिवल के माध्यम से बहुभाषिक समुदाय के धरोहर के समृद्ध साहित्य कला को मजबूत बनाया जाएगा. इसका उद्देश्य भावी पीढ़ी को उनके समृद्ध संस्कृति से परिचित कराने के लिए है.

मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज

'पलायन को रोकना है मकसद'
फेस्टिवल संचालिका डॉ. सविता झा ने कहा कि जिला अपना गौरवशाली अतित कहीं खो रहा है. इसके माध्यम से इतिहास साहित्य, संस्कृति और बौद्धिक परंपरा धरोहरों का संरक्षण कर नई पीढ़ी को अवगत कराया जाएगा. कार्यक्रम के माध्यम से क्षेत्र से विस्थापन और पलायन को रोकना एक अहम मकसद है.

डॉ. सविता झा, फेस्टिवल संचालिका
डॉ. सविता झा, फेस्टिवल संचालिका

'मैथिली भाषा पर डाला जाएगा प्रकाश'
इस बाबत स्थानीय मैथिली विद्वान उदय चंद्र झा ने बताया की कार्यक्रम की संचालिका सविता झा की ओर से किया जा रहे इस फेस्टिवल का आयोजन प्रेरणा का स्त्रोत है. इस मंच के माध्यम से विद्वान यहां पर अपने विचारों का अदान-प्रदान करेंगे. मिथिला से विलुप्त होती जा रही संस्कृति को बचाने के लिए उनका यह प्रयास सराहनीय है.

मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल
मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का मुख्य द्वार
Intro:चार दिवसीय मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का किया गया आयोजन, मिथिलांचल के अलावे देश विदेश से उपस्थित हुए विद्वान, ,मधुबनी


Body:मधुबनी
साहित्य कला का महाकुंभ मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल का चार दिवसीय आयोजन जिले के विश्वेश्वर सिंह जनता महाविद्यालय राजनगर के मैदान में किया गया। फेस्टिवल का उद्घाटन पदम श्री से सम्मानित गोदावरी दत्त,जिला पदाधिकारी शिर्सत कपिल अशोक एवं एसएसवीके 18वीं वाहिनी के कमांडेंट एके बलून संयुक्त रूप से किया । मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल आयोजन में मिथिलांचल के अलावा देश-विदेश नेपाल के नामचीन विद्वान, साहित्यकार भी भाग ले रहे हैं ।मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के संचालिका दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉक्टर सविताझा खान ने बताया कि इस मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल को 5 सत्र में बांटा गया है । मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल बहुभाषिक समुदाय के धरोहर को सचेतन को समेटने तथा समृद्ध साहित्य कला के उत्साह के लिए किया जा रहा है इसका उद्देश्य भावी पीढ़ी को उनके समृद्ध संस्कृति से परिचित कराना तथा विस्थापन को रोकना है इसका क्षेत्र मिथिला के विशिष्ट अतिथि और भविष्य को रेखांकन करना है मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के माध्यम से इतिहास साहित्य संस्कृति बौद्धिक परंपरा धरोहरों का संरक्षण एवं नई पीढ़ी को इससे अवगत कराया जाएगा इसमें तंत्र शक्ति परंपरा मैथिली भाषा साहित्य उद्योग जल संसाधन कुटीर उद्योग प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया जा रहा है मैथिली गीत मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल के माध्यम से मिथिलांचल से विलुप्त होती जा रही मैथिली सभ्यता संस्कृति, मैथिली भाषा पर प्रकाश डाला जाएगा।जलसंचय के लिए प्रयास किया जाएगा।। इस मंच के माध्यम सेविद्वान अपने विचार आदान प्रदान करेंगेवही मैथिली के विद्वान उदय चंद्र झा ने बताया दिल्ली यूनिवर्सिटी की सविता झा खान द्वारा या मधुमेह लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन हम लोगों के लिए प्रेरणादाई है मिथिला से विलुप्त होती जा रही दोनों को बचाने के लिए उनका प्रयास सराहनीय है उन्होंने सरकार को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया है।
बाइट सविता झा खान संचालिका मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल
बाइट प्रो उदय चंद्र झा
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion: मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल से मैथिली साहित्य के विद्वानों में काफी उत्साह देखने को मिल रही है अब देखना दिलचस्प होगा मधुबनी फेस्टिवल का आयोजन इस क्षेत्र के लोगों को कितना फायदेमंद साबित हो सकता है
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