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मधुबनी: बाढ़ को लेकर अलर्ट पर स्वास्थ्य विभाग, गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की हुई लाइन लिस्टिंग - हेलोजेन टेबलेट

मधुबनी में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गर्भवती महिला, 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, 5 साल तक के बच्चों और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की लाइन लिस्टिंग की है.

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Published : Jul 17, 2020, 7:50 PM IST

मधुबनी: लगातार बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिला, 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, 5 साल तक के बच्चों और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की लाइन लिस्टिंग की गयी है.

डायरिया रोकथाम को लेकर निर्देश
वहीं, डायरिया की रोकथाम एवं लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में विभाग द्वारा प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को निर्देश जारी करते हुए उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है. इसके साथ ही इन केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक घोल ओआरएस पैकेट की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी गयी है.

हाई अलर्ट पर रैपिड रेस्पोंस टीम
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिला, बुजुर्ग, बच्चे के उचित देखभाल के लिए ऊंचे स्थानों पर मेडिकल कैंप का गठन कर इलाज करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डायरिया संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए पूर्व से ही डायरिया प्रबंधन की तैयारी की गई है. इसको लेकर जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है.
आपातकालीन स्थिति में डायरिया ग्रसित इलाकों का दौरा कर लोगों को जरुरी सुविधा मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी मेडिकल टीम को दी गयी है.

आशा और एएनएम की ली जाएगी मदद
इसको लेकर जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को विशेषकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा प्रभारियों को जरुरी निर्देश दिए गए हैं. डायरिया की रोकथाम एवं इसके प्रबंधन में आशा एवं एएनएम का भी सहयोग लिया जाएगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ओआरएस के साथ सांप काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर एवं चुना, हेलोजेन टेबलेट तथा अन्य जरुरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है. सभी आशा एवं एएनएम को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर ओआरएस पैकेट का वितरण एवं डायरिया के विषय में जरुरी जानकारी देने की ज़िम्मेदारी दी गयी है.

21 प्रखंड के 5.34 लाख घरों का किया गया सर्वे
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के सभी प्रखंड के 5,34,903 घरों का सर्वे किया गया, जिसमें 5 साल से कम उम्र के 1,63,846 बच्चे, 60 वर्ष से ऊपर के 1,15,502,गर्भवती महिला 26,633, मधुमेह के 4767, उच्च रक्तचाप के 5,238, हृदय रोग के 435, गुर्दा रोग के 29, कैंसर के 32, टीबी के 940 मरीजों का लाइन लिस्टिंग किया गया.

मधुबनी: लगातार बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गर्भवती महिला, 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, 5 साल तक के बच्चों और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों की लाइन लिस्टिंग की गयी है.

डायरिया रोकथाम को लेकर निर्देश
वहीं, डायरिया की रोकथाम एवं लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराने की दिशा में विभाग द्वारा प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को निर्देश जारी करते हुए उन्हें हाई अलर्ट पर रखा गया है. इसके साथ ही इन केन्द्रों में पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक घोल ओआरएस पैकेट की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी गयी है.

हाई अलर्ट पर रैपिड रेस्पोंस टीम
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिला, बुजुर्ग, बच्चे के उचित देखभाल के लिए ऊंचे स्थानों पर मेडिकल कैंप का गठन कर इलाज करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डायरिया संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए पूर्व से ही डायरिया प्रबंधन की तैयारी की गई है. इसको लेकर जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है.
आपातकालीन स्थिति में डायरिया ग्रसित इलाकों का दौरा कर लोगों को जरुरी सुविधा मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी मेडिकल टीम को दी गयी है.

आशा और एएनएम की ली जाएगी मदद
इसको लेकर जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को विशेषकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के चिकित्सा प्रभारियों को जरुरी निर्देश दिए गए हैं. डायरिया की रोकथाम एवं इसके प्रबंधन में आशा एवं एएनएम का भी सहयोग लिया जाएगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ओआरएस के साथ सांप काटने की दवा, ब्लीचिंग पाउडर एवं चुना, हेलोजेन टेबलेट तथा अन्य जरुरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है. सभी आशा एवं एएनएम को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर ओआरएस पैकेट का वितरण एवं डायरिया के विषय में जरुरी जानकारी देने की ज़िम्मेदारी दी गयी है.

21 प्रखंड के 5.34 लाख घरों का किया गया सर्वे
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के सभी प्रखंड के 5,34,903 घरों का सर्वे किया गया, जिसमें 5 साल से कम उम्र के 1,63,846 बच्चे, 60 वर्ष से ऊपर के 1,15,502,गर्भवती महिला 26,633, मधुमेह के 4767, उच्च रक्तचाप के 5,238, हृदय रोग के 435, गुर्दा रोग के 29, कैंसर के 32, टीबी के 940 मरीजों का लाइन लिस्टिंग किया गया.

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