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मधुबनी जिले में सूखे की मार, किसान परेशान - social issue

बिहार के कई जिलों में सुखाड़ का संकट मंडराने लगा है. मधुबनी के कई तालाब सूख गए हैं. जिससे किसानों को खेती करने में भारी परेशान हो रही है.

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Published : Jun 3, 2019, 1:15 PM IST

मधुबनी: जिले में सुखाड़ का संकट गहरा रहा है. यहां कई गांवों के तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं. वहीं, फसलों के पटवन को लेकर किसान बेहद परेशान हैं. ऐसा माना जा रहा है कि भीषण गर्मी में इंद्र भगवान की कृपा बरसने में अभी समय है. इस भीषण गर्मी के कारण जलस्तर काफी नीचे चला गया है.

जिले के 90 प्रतिशत चापाकल सूख गए हैं. वहीं, बचे हुए तालाब भी सूखने की कगार पर हैं. बात करें जिले के झंझारपुर प्रखंड के महिनाथपुर पंचायत की तो यहां जमथरी गांव में जल संकट गहराता जा रहा है. पानी की काफी किल्लत हो गई है. पानी के अभाव में गेहूं की फसल की सही पैदावार नहीं हो सकी है.

सिंचाई का घोर अभाव
ग्रामीण मलाई नाथ मिश्रा और राम मंडल ने बताया कि हम लोगों का जीना दूभर हो गया है. चापाकल सही से पानी नहीं दे रहा है और गांव के तालाब सूख रहे हैं. कई तालाब तो सूख भी गए हैं, जिसके कारण मूंग की दाल वगैरह की खेती पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. पानी के अभाव में गेहूं में नुकसान हुआ.

जानकारी देते ग्रामीण

बोरिंग की सुविधा नहीं
किसानों ने बताया कि बोरिंग की भी कोई सुविधा नहीं है. 100 से 200 एकड़ खेतों का पटवन सूख चुके तालाबों से किया जाता था, जो अब संभव नहीं है. ऐसे में सही ढंग से खेती नहीं हो पा रही है. बारिश नहीं होने से किसान जो भी बीज बोते हैं, पानी के अभाव में वह जल जाता है. इस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है.

मधुबनी: जिले में सुखाड़ का संकट गहरा रहा है. यहां कई गांवों के तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं. वहीं, फसलों के पटवन को लेकर किसान बेहद परेशान हैं. ऐसा माना जा रहा है कि भीषण गर्मी में इंद्र भगवान की कृपा बरसने में अभी समय है. इस भीषण गर्मी के कारण जलस्तर काफी नीचे चला गया है.

जिले के 90 प्रतिशत चापाकल सूख गए हैं. वहीं, बचे हुए तालाब भी सूखने की कगार पर हैं. बात करें जिले के झंझारपुर प्रखंड के महिनाथपुर पंचायत की तो यहां जमथरी गांव में जल संकट गहराता जा रहा है. पानी की काफी किल्लत हो गई है. पानी के अभाव में गेहूं की फसल की सही पैदावार नहीं हो सकी है.

सिंचाई का घोर अभाव
ग्रामीण मलाई नाथ मिश्रा और राम मंडल ने बताया कि हम लोगों का जीना दूभर हो गया है. चापाकल सही से पानी नहीं दे रहा है और गांव के तालाब सूख रहे हैं. कई तालाब तो सूख भी गए हैं, जिसके कारण मूंग की दाल वगैरह की खेती पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. पानी के अभाव में गेहूं में नुकसान हुआ.

जानकारी देते ग्रामीण

बोरिंग की सुविधा नहीं
किसानों ने बताया कि बोरिंग की भी कोई सुविधा नहीं है. 100 से 200 एकड़ खेतों का पटवन सूख चुके तालाबों से किया जाता था, जो अब संभव नहीं है. ऐसे में सही ढंग से खेती नहीं हो पा रही है. बारिश नहीं होने से किसान जो भी बीज बोते हैं, पानी के अभाव में वह जल जाता है. इस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है.

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Body:मधुबनी
मधुबनी जिले में भीषण जल संकट की समस्या उत्पन्न हो गई है। इस भीषण गर्मी में इंद्र भगवान बर्षा नही दे रहे हैं और ना ही चापाकल से सही पानी ही आ रहा है ।यहां तक कि गांव के कई तालाब सूख चुके हैं और जो बचे हैं वो भी सूखने के कगार पर हैं ।लोगों का इस भीषण गर्मी में जीना दूभर हो गया है। ताजा मामला मधुबनीजिला के झंझारपुर प्रखंड के महिनाथ पुर पंचायत के जमथरी गांव की है। यहां जल संकट गहराता जा रहा है पानी की काफी किल्लत हो गई है ।पानी के अभाव में गेहूं फसल का भी सही पैदावार नहीं हो सका है ग्रामीण मलाई नाथ मिश्रा ,राम मंडल ने बताया कि हम लोगों का जीना दूभर हो गया है चापाकल सही से पानी नहीं दे रहा है और गांव के तालाब सूख रहे हैं कई तालाब तो सुख भी गए हैं जिसके कारण मूंग की दाल वगैरह की जो खेती हो रही है उसमें काफी समस्या उत्पन्न हो गई है पानी के अभाव में जहां गेहूं का फसल 10 कट्ठा में एक से सवा किवंटल ही मात्र पैदावार हुआ है। जिस तालाब से हम लोग खेतों में पटवन किया करते थे वह तालाब सूख चुकी है बोरिंग की भी कोई सुविधा नहीं है ।100 से 200 एकड़ खेत इसी तालाब से पटवन किया जाता था लेकिन इस भीषण गर्मी के वजह से गांव के तालाब सूख चुके हैं। सही ढंग से खेती नहीं हो पा रही है।न वर्षा हो रही है और ना ही चापाकल से पानी बहुत कम या रहा है। किसान जो भी बीज बोते हैं पानी के अभाव में वह जल जाता है इस सरकार का कोई ध्यान है महिंद्र भगवान की कृपा हो रही है काफी लागत से गेहूं की खेती की गई थी लेकिन पानी के अभाव के चलते पैदावार सही से नहीं हो सका।कोई देखने वाला नही है।
बाइट मलयनाथ मिश्रा ग्रामीण
बाइट राम मंडल ग्रामीण
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
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