मधुबनी: जिले में सुखाड़ का संकट गहरा रहा है. यहां कई गांवों के तालाब पूरी तरह सूख चुके हैं. वहीं, फसलों के पटवन को लेकर किसान बेहद परेशान हैं. ऐसा माना जा रहा है कि भीषण गर्मी में इंद्र भगवान की कृपा बरसने में अभी समय है. इस भीषण गर्मी के कारण जलस्तर काफी नीचे चला गया है.
जिले के 90 प्रतिशत चापाकल सूख गए हैं. वहीं, बचे हुए तालाब भी सूखने की कगार पर हैं. बात करें जिले के झंझारपुर प्रखंड के महिनाथपुर पंचायत की तो यहां जमथरी गांव में जल संकट गहराता जा रहा है. पानी की काफी किल्लत हो गई है. पानी के अभाव में गेहूं की फसल की सही पैदावार नहीं हो सकी है.
सिंचाई का घोर अभाव
ग्रामीण मलाई नाथ मिश्रा और राम मंडल ने बताया कि हम लोगों का जीना दूभर हो गया है. चापाकल सही से पानी नहीं दे रहा है और गांव के तालाब सूख रहे हैं. कई तालाब तो सूख भी गए हैं, जिसके कारण मूंग की दाल वगैरह की खेती पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. पानी के अभाव में गेहूं में नुकसान हुआ.
बोरिंग की सुविधा नहीं
किसानों ने बताया कि बोरिंग की भी कोई सुविधा नहीं है. 100 से 200 एकड़ खेतों का पटवन सूख चुके तालाबों से किया जाता था, जो अब संभव नहीं है. ऐसे में सही ढंग से खेती नहीं हो पा रही है. बारिश नहीं होने से किसान जो भी बीज बोते हैं, पानी के अभाव में वह जल जाता है. इस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है.