मधुबनी : बिहार में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गये हैं. मधुबनी जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में ( Flood Affected Areas ) आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है. वहीं दूसरी तरफ कई लोगों की शादी ( Marriage ) भी बाढ़ की वजह से प्रभावित हुईं हैं. इस बीच इसकी एक बानगी उस समय देखने को मिली, जब शादी करने के लिए एक दूल्हा अपनी दुल्हन के पास नाव पर सवार होकर पहुंचा और शादी कर दुल्हनियां (Bride) को अपने घर भी ले आया.
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यह शादी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है. मामला बेनीपट्टी प्रखंड का करहारा गांव का है. गांव धौंस नदी से चहुंओर से घिरा हुआ है. लगातार हो रहे मूसलाधार बारिश से धौंस नदी सैलाब बनकर करहारा गांव में घुस गया है. नदी पर पुल नही रहने के कारण गांव में जाने का रास्ता सभी ओर से बंद हो चुका है. अब करहारा वासियों के लिए केवल एक नाव ही सहारा है. आलम यह है कि बरसात के महीने में होने वाली शादियों में दुल्हन की विदाई डोली की बजाय नाव से होती है. सरकार, जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यहां के लोग इन हालातों को अपनी नियति मान चुके हैं.
दरअसल दरभंगा जिले से बारात बेनीपट्टी के करहारा गांव पहुंची. काफी प्रयासों के बाद नाव का इंतजाम किया गया. जिस पर सवार होकर दूल्हे राजा और बाराती किसी तरह करहारा पहुंचे. नदी किनारे खड़े लड़की पक्ष के लोगों ने दूल्हे को गोद में उठाकर बारातियों का स्वागत किया गया. फिर शाम ढलने से पहले ही लड़की की विदाई भी की गयी. क्योंकि अंधेरा होने के बाद चारों ओर से पानी से घिरे करहारा पंचायत से निकलना नामुमकिन सा हो जाता है. लिहाजा जल्दबाजी में निकाह की रस्में पूरी की गई. फिर साजो-सामान के साथ दूल्हा-दुल्हन को नाव में बिठाकर विदा किया गया.
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'बरसात के करीब दो महीने तक धौंस नदी से घिरे इस गांव में आने का एकमात्र सहारा नाव ही है. बावजूद करहारा में नाव की उपलब्धता को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है. ऐसे में शादी-विवाह जैसे खास मौके पर लोगों की परेशानी काफी बढ़ जाती है.' :- स्थानीय ग्रामीण
बता दें कि करहारा के ग्रामीण आजादी के बाद से ही धौंस नदी पर पुल की मांग करते आ रहे हैं. पटना और दिल्ली में कई सरकारें बदल गईं. लेकिन करहारा पंचायत की किस्मत नहीं बदली. ऐसे में यहां के ग्रामीणों के लिए बरसात के महीने में न सिर्फ आम जन-जीवन बल्कि शादी विवाह जैसी हंसी- खुशी का पल भी बेरंग और बोझिल सा हो गया है.
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