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कमला बलान का रौद्र रूप देख दहशत में लोग, सरकारी मदद नहीं मिलने से बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश

लोगों में प्रशासन और सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है. उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें भूखे-प्यास मरने के लिए छोड़ दिया गया है.

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Published : Jul 15, 2019, 9:46 PM IST

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मधुबनी: भयावह बाढ़ के कारण कमला बलान नदी का बांध पूरे जिले में कई जगहों से टूट चुका है. हालात बेहद ही डराने वाले हैं. कमला बलान बांध झंझारपुर के नरुआर, गोपालखा, रखवारी, बाबूबरही में टूटने से हजारों परिवार बेघर हो गए हैं. सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं. जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है.

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दर्जनों गांव डूबे

बाढ़ में फंसे लोग ऊंचे स्थानों पर आसरा ले रहे हैं. एनएच-57 को लोगों ने घर बना लिया है. पीड़ित लोगों का कहना है कि सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. 50,000 से अधिक लोग जिले में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. लेकिन, सरकार की तरफ से इन्हें राहत सामग्री भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है.

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एनएच पर रह रहे लोग

20 घंटे तक फंसे रहे लोग
नदी का रौद्र रुप देखकर लोग काफी डरे सहमे हुए है. साथ ही लोगों में प्रशासन और सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है. उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें भूखे-प्यास मरने के लिए छोड़ दिया गया है. बांध टूटने के 20 घंटा के बाद भी मदद नहीं मिली है.

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प्राकृतिक आपदा

डीएम ने खुद संभाला मोर्चा
मालूम हो कि मधुबनी के नरुआर में जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने जान को हथेली पर रखकर एनडीआरएफ टीम के साथ रेस्क्यू कर लोगों की जान बचाई. डीएम खुद रेस्क्यू बोट में बैठकर बाढ़ प्रभावित गांव पहुंचे और लोगों को सुरक्षित निकालने लगे. बचाव कार्य के लिए डीएम खुद आगे आए हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

बाढ़ का कहर...

  • जिले में बाढ़ का कहर लगातार जारी है.
  • लागातार हो रही बारिश से कमला बलान नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी है.
  • नदी खतरे के निशान से 3 फीट ऊपर बह रही है.
  • बाढ़ का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर गया है.
  • दर्जनों लोग घर से बेघर हो गए हैं.
  • नदी का रौद्र रूप देखकर लोग काफी डरे सहमे हुए है.

मधुबनी: भयावह बाढ़ के कारण कमला बलान नदी का बांध पूरे जिले में कई जगहों से टूट चुका है. हालात बेहद ही डराने वाले हैं. कमला बलान बांध झंझारपुर के नरुआर, गोपालखा, रखवारी, बाबूबरही में टूटने से हजारों परिवार बेघर हो गए हैं. सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं. जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है.

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दर्जनों गांव डूबे

बाढ़ में फंसे लोग ऊंचे स्थानों पर आसरा ले रहे हैं. एनएच-57 को लोगों ने घर बना लिया है. पीड़ित लोगों का कहना है कि सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है. 50,000 से अधिक लोग जिले में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. लेकिन, सरकार की तरफ से इन्हें राहत सामग्री भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है.

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एनएच पर रह रहे लोग

20 घंटे तक फंसे रहे लोग
नदी का रौद्र रुप देखकर लोग काफी डरे सहमे हुए है. साथ ही लोगों में प्रशासन और सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है. उनका कहना है कि सरकार ने उन्हें भूखे-प्यास मरने के लिए छोड़ दिया गया है. बांध टूटने के 20 घंटा के बाद भी मदद नहीं मिली है.

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प्राकृतिक आपदा

डीएम ने खुद संभाला मोर्चा
मालूम हो कि मधुबनी के नरुआर में जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने जान को हथेली पर रखकर एनडीआरएफ टीम के साथ रेस्क्यू कर लोगों की जान बचाई. डीएम खुद रेस्क्यू बोट में बैठकर बाढ़ प्रभावित गांव पहुंचे और लोगों को सुरक्षित निकालने लगे. बचाव कार्य के लिए डीएम खुद आगे आए हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

बाढ़ का कहर...

  • जिले में बाढ़ का कहर लगातार जारी है.
  • लागातार हो रही बारिश से कमला बलान नदी रौद्र रूप धारण कर चुकी है.
  • नदी खतरे के निशान से 3 फीट ऊपर बह रही है.
  • बाढ़ का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर गया है.
  • दर्जनों लोग घर से बेघर हो गए हैं.
  • नदी का रौद्र रूप देखकर लोग काफी डरे सहमे हुए है.
Intro:विस्थापित को नही मिला है राहत मधुबनी


Body:मधुबनी
कमला बलान नदी में आई बाढ़ से कमला बलान का बांध पूरे जिले में कहीं जगह पर टूटा है । कमला बलान बांध झंझारपुर के नरुआर,गोपालखा,रखवारी, बाबूबरही में टूटने से हजारों परिवार घर से बेघर हो गए हैं ।अभी भी बाढ़ के पानी में फंसे लोग बाढ़ के पानी से निकलकर ऊंचे स्थानों पर आसरा ले रहे हैं । एनएच 57 पर लोग ऊंचे के कारण अपना आसरा ले रहे है। खुले आसमान में रह रहे हैं लोग काफी आक्रांत है ।लोग त्राहिमाम कर रहे हैं वही सरकार पूरी तरह नाकाम साबित हुई है 50,000 से अधिक लोग जिले में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं लेकिन सरकार द्वारा इन्हें राहत सामग्री अभी तक नहीं उपलब्ध करवाई गई है भूख और प्यास के लिए बीच मे छोड़ दिया गया है बांध टूटने के 20 घंटा के बादकल नरुआर में बचाव कार्य के लिए डीएम आगे आए उसके बाद कुछ लोगों को फंसे लोगों को बाहर निकाला गया।लोगो ने dm जिंदाबाद के नारे लगाए। कहां गए सरकार और कहां है प्रशासन जो बाढ़ पीड़ितों को किसी तरह का सुविधा उपलब्ध नहीं करवा रही है खुले आसमान के नीचे भूखे प्यासे रहने को मजबूर है इन्हें भगवान भरोसे ही छोड़ दिया गया है।
बाइट पीड़ित लोग
बाइट समाजसेवी
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
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