मधुबनी: सरकार द्वारा किसानों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चलाई जा रही है, ताकि किसानों को खेती करने में काफी सुविधा हो. लेकिन जिले में कृषि विभाग के आलाधिकारी की मनमर्जी के कारण किसानों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है. इनका कहना है कि कार्यालय के काफी चक्कर काटने पड़ते हैं. इसके बावजूद भी बीज समय पर नहीं मिल पाता. लिहाजा किसान बाजार से महंगे दामों पर बीज खरीदकर खेती करने को मजबूर हैं.
किसानों का कहना है कि बीज के लिये पहले ऑनलाइन आवेदन देना पड़ता है. इसके बाद मोबाइल पर ओटीपी आता है. ओटीपी आने के बाद ही किसानों को बीज उपलब्ध करवाया जाता है. परेशानी की बात ये है कि जहां 120 किसान ऑनलाइन आवेदन देते हैं उनमें से मात्र सौ किसानों को ही ओटीपी मिलता है. ऐसे में इन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.
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किसानों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
ओटीपी के चक्कर में कई किसान बीज लेने से वंचित रह जाते हैं. विलंब होने के कारण इन्हें बाजार से महंगे दामों पर बीच खरीद कर खेतों में बुआई करनी पड़ती है. इधर, प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरुण कुमार सिंह की मानें तो लक्ष्य के अनुरूप किसानों को बीज उपलब्ध करा दी गई है. जिन किसानों को उपलब्ध नहीं हो पाया है उन्हें भी जिला कृषि पदाधिकारी से बात करने के उपरांत उपलब्ध कराई जाएगी.
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कृषि विभाग के तानाशाह रवैये से किसान परेशान
ऑफिस के चक्कर लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा सरकार के गाइडलाइन के अनुसार रजिस्टर्ड किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना है. आवेदन करने के बाद मोबाइल पर ओटीपी आने के उपरांत ही उन्हें बीज उपलब्ध कराया जाएगा. इस कारण से किसानों को कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. सरकार किसानों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिये प्रतिबद्ध है.