मधुबनी: माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक निवारण चतुर्दशी होती है. इस साल यह चतुर्दशी 10 फरवरी यानी बुधवार को है. ऐसी मान्यता है कि आज के दिन ही भगवान शिव, माता पार्वती का विवाह तय हुआ था. धार्मिक दृष्टि से नरक निवारण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि से पहले महादेव की पूजा-अर्चना के लिए खास माना जाता है. इसको लेकर जिले के उग्रनाथ महादेव मंदिर में बुधवार को श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ी है.
ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से नरक जाने से मुक्ति मिलती है. आज के दिन शिव परिवार की पूजा करने वालों को पापों से मुक्ति मिलती है. आयु में वृद्धि होती है और नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है. जिले के भवानीपुर स्थित उग्रनाथ मंदिर में सालों भर भक्तों की भीड़ उमड़ी है. खासकर महाशिवरात्रि, नरक निवारण चतुर्दशी और सावन मास में इस मंदिर में काफी भीड़ रहती हैं. सुबह से ही भक्तों की कतार लगी हुई हैं, जो देर शाम तक रहती है.
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कवि विद्यापति का नौकर बनकर आए थे शिव
ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर साक्षत कवि विद्यापति के आश्रम में चाकरी करने इसी उग्रनाथ स्थान में आए थे. उसी समय से यह स्थान काफी प्रसिद्ध है. जो भक्त अपनी कामना से बाबा उग्रनाथ की पूजा अर्चना करते हैं, उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है.