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मधुबनी: कालाजार के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए चलाया जा रहा कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम - कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम

मधुबनी में कालाजार को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. यह कार्यक्रम 8 दिसंबर तक चलेगा. इस अभियान के तहत 1.51 लाख घरों को आच्छादित करना है.

मधुबनी
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Published : Nov 25, 2020, 3:14 PM IST

मधुबनी: 8 दिसंबर तक जिले में कालाजार के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत 1.51 लाख घरों को आच्छादित करना है. 21 प्रखंड के 114 गांव में सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव किया जा रहा है.

कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम
कालाजार को लेकर मधुबनी जिला सजग है. स्वास्थ्य विभाग इस रोग से समाज को सुरक्षित रखने के लिए त्वरित गति से उन्मूलन कार्यक्रम चला रहा है. जिले के विभिन्न गांवों में पहुंचकर सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव किया जा रहा है. स्वस्थ्य विभाग कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलाने और सफल करने की कोशिश में 15 सितंबर से ही लगा है, जो 8 दिसंबर तक चलेगा.

8 दिसंबर तक चलेगा कार्यक्रम
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने कहा कि कालाजार से बचाव के लिए एसपी पाउडर का छिड़काव सभी 21 प्रखंड के 114 गांव में किया जा रहा है . इसके लिए सभी कर्मियों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है. सभी प्रशिक्षित कर्मियों के पर्यवेक्षण में छिड़काव किए जा रहे हैं.

ऐसे फैलता है कालाजार
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एसएस झा ने कहा कि कालाजार एक संक्रमण बीमारी है जो परजीवी लिस्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है. यह एक वेक्टर जनित रोग भी है. इस बीमारी का असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है. कालाजार परजीवी बालू मक्खी के जरिये फैलती है.

कालाजार के लक्षण
रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी, पतली और होना और बाल झड़ना कालाजार के मुख्य लक्षण हैं. इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है.

मधुबनी: 8 दिसंबर तक जिले में कालाजार के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत 1.51 लाख घरों को आच्छादित करना है. 21 प्रखंड के 114 गांव में सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव किया जा रहा है.

कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम
कालाजार को लेकर मधुबनी जिला सजग है. स्वास्थ्य विभाग इस रोग से समाज को सुरक्षित रखने के लिए त्वरित गति से उन्मूलन कार्यक्रम चला रहा है. जिले के विभिन्न गांवों में पहुंचकर सिंथेटिक पैराथायराइड का छिड़काव किया जा रहा है. स्वस्थ्य विभाग कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलाने और सफल करने की कोशिश में 15 सितंबर से ही लगा है, जो 8 दिसंबर तक चलेगा.

8 दिसंबर तक चलेगा कार्यक्रम
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने कहा कि कालाजार से बचाव के लिए एसपी पाउडर का छिड़काव सभी 21 प्रखंड के 114 गांव में किया जा रहा है . इसके लिए सभी कर्मियों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है. सभी प्रशिक्षित कर्मियों के पर्यवेक्षण में छिड़काव किए जा रहे हैं.

ऐसे फैलता है कालाजार
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. एसएस झा ने कहा कि कालाजार एक संक्रमण बीमारी है जो परजीवी लिस्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है. यह एक वेक्टर जनित रोग भी है. इस बीमारी का असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है. कालाजार परजीवी बालू मक्खी के जरिये फैलती है.

कालाजार के लक्षण
रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी, पतली और होना और बाल झड़ना कालाजार के मुख्य लक्षण हैं. इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है.

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